रांची: पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म और नाबालिग के पिता के रिपोर्ट लिखाने के लिए लगभग 30 घंटे थाने में बैठे रहने का मामला राज्यपाल रमेश बैस तक पहुंच गया है. मामला राज्यपाल रमेश बैस के संज्ञान में आने पर उन्होंने पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद आखिरकार पुलिस ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली.
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राज्यपाल रमेश बैस ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के बंदगांव थाना अंतर्गत एक गांव की नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना पर खेद जताया है. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के लिए इस प्रकार की घटना अत्यंत ही निंदनीय है. उन्होंने नाबालिग के पिता के रिपोर्ट लिखाने के लिए 30 घंटे तक थाने में आवेदन लेकर बैठने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने इस घटना पर रोष प्रकट करते हुए कहा है कि सभी को अपना कार्य पूरी निष्ठा से करना चाहिए. उन्होंने कहा कि थाने में प्राथमिकी दर्ज करने में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. राज्यपाल ने राजभवन के अधिकारियों को इस मामले में उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम से संपर्क कर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. इसके बाद बंदगांव थाने में इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कर राजभवन को सूचित किया गया.
पीड़िता के साथ पिता लगा रहा था रिपोर्ट दर्ज करने की गुहारः प.सिंहभूम के बंदगांव थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव की एक 14 वर्षीय लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया था. दुष्कर्म का आरोप बंदगांव थाना अंतर्गत लोंगकटा निवासी एक संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त युवक पर है. युवक बिरदा गांव का रहनेवाला है. घटना के बाद किसी तरह बच कर निकली लड़की ने घर में आपबीती सुनाई. जिसके बाद नाबालिग के साथ उसके पिता 20 अप्रैल के तीन बजे दिन से 21 अप्रैल रात तक बंदगांव थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए बैठे रहे मगर प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. पीडि़ता व उसके पिता दुष्कर्म के आरोपी के भय से अपने गांव भी नहीं जा पा रहे हैं. आरोपी धमकी दे चुका है कि अगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई तो दोनों की हत्या कर दी जाएगी.