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11 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारियों ने दिया धरना, चिन्हित करने में की जा रही देरी

चाईबासा में झारखंड अंदोलनकारियों ने 11 सूत्री मांगों को लेकर धरना (Jharkhand agitators protest in Chaibasa) दिया. धरना पर बैठे आंदोलनकारियों ने कहा कि झारखंड बनने के 22 साल बाद भी सम्मान नहीं मिला है.

Jharkhand agitators protest in Chaibasa
11 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारियों ने दिया धरना
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Published : Dec 16, 2022, 12:35 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 2:04 PM IST

चाईबासा: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से 11 सूत्री मांगों को लेकर पुराना डीसी ऑफिस के समक्ष धरना (Jharkhand agitators protest in Chaibasa) दिया. धरना का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि झारखंड बने 22 साल बीत जाने के बावजूद झारखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को अब तक चयनित करने का काम पेंडिंग है.

यह भी पढ़ेंः सीएम के कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारियों का हंगामा, सरकार पर लगाया आंखों में धूल झोंकने का आरोप

पूर्व विधायक ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आंदोलनकारी एकजुट होकर चिन्हितकरण आयोग के नियम में संसोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सरलीकरण की बात कहते हैं. लेकिन सरलीकरण कर नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेल जाने की बाध्यता खत्म और डुग डूगी बजाने वालों को भी आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित करने की मांग की है.

राजू महतो ने कहा कि झारखंड राज्य बने 22 वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन जिन लोगों ने संघर्ष, त्याग, प्राणों की आहुति और कुर्बानियां दी. इन आंदोलनकारियों को अब तक चिन्हित नहीं किया गया है और नहीं सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य में यह बड़े ही शर्मनाक की बात है, जो सम्मान मांगने को लेकर भी आंदोलन करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि साल 2011 में अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री थे तो शिबू सोरेन ने पत्र लिखकर आंदोलनकारियों को चिन्हित कर पेंशन, पक्का मकान, निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और नियोजन देने की मांग की थी. लेकिन आज हेमंत सोरेन की सरकार बने 3 साल हो गया. लेकिन शिबू सोरेन की मांग पूरा नहीं हो सके. धरना में हाजी खान, दामु बानरा, बामीया मांझी, मुमताज अंसारी, भावेश चंद्र बेहरा, रुईदास लेयांगी, राजू महतो, इसरार अहमद, रामू बानरा, कैरा जमूदा सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.

चाईबासा: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से 11 सूत्री मांगों को लेकर पुराना डीसी ऑफिस के समक्ष धरना (Jharkhand agitators protest in Chaibasa) दिया. धरना का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि झारखंड बने 22 साल बीत जाने के बावजूद झारखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को अब तक चयनित करने का काम पेंडिंग है.

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पूर्व विधायक ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आंदोलनकारी एकजुट होकर चिन्हितकरण आयोग के नियम में संसोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सरलीकरण की बात कहते हैं. लेकिन सरलीकरण कर नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेल जाने की बाध्यता खत्म और डुग डूगी बजाने वालों को भी आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित करने की मांग की है.

राजू महतो ने कहा कि झारखंड राज्य बने 22 वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन जिन लोगों ने संघर्ष, त्याग, प्राणों की आहुति और कुर्बानियां दी. इन आंदोलनकारियों को अब तक चिन्हित नहीं किया गया है और नहीं सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य में यह बड़े ही शर्मनाक की बात है, जो सम्मान मांगने को लेकर भी आंदोलन करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि साल 2011 में अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री थे तो शिबू सोरेन ने पत्र लिखकर आंदोलनकारियों को चिन्हित कर पेंशन, पक्का मकान, निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और नियोजन देने की मांग की थी. लेकिन आज हेमंत सोरेन की सरकार बने 3 साल हो गया. लेकिन शिबू सोरेन की मांग पूरा नहीं हो सके. धरना में हाजी खान, दामु बानरा, बामीया मांझी, मुमताज अंसारी, भावेश चंद्र बेहरा, रुईदास लेयांगी, राजू महतो, इसरार अहमद, रामू बानरा, कैरा जमूदा सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.

Last Updated : Dec 16, 2022, 2:04 PM IST
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