चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में ई-मुलाकात एप्लीकेशन के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिले के एसडीओ, एसडीपीओ, बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी के साथ बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उपायुक्त ने विशेष रूप से जिले के सभी सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में सफाई व्यवस्था और वहां रहने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा निर्देश दिए.
समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार होस्ट स्टूडियो में आयोजित बैठक में उपविकास आयुक्त आदित्य रंजन, सहायक समाहर्ता जावेद अंसारी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी परितोष कुमार ठाकुर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी जयदीप तिग्गा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमर कुमार पांडे उपस्थित रहे. बैठक के बाद उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न माध्यमों से यह सूचना प्राप्त हो रही है कि झारखंड सरकार के निर्देश के अनुसार जिनको होम क्वॉरेंटाइन किया गया है उनको भी कुछ गांव में ग्रामीणों ने उनके घर में रहने की जगह, वे सरकारी स्कूलों में रह रहे हैं. उपायुक्त ने इसको लेकर जांच के आदेश भी दिए हैं.
लोगों तक किसी भी हाल में भोजन पहुंचाएं
उपायुक्त ने बताया कि जिले में जितने भी लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है उन सभी को पहले ही सूखा राशन पैकेट उपलब्ध करवाया गया है. साथ ही क्वारेंटाइन सेंटर पर खाना बनाने की व्यवस्था की गई है. यदि किसी स्थान पर यह व्यवस्था नहीं है, तो विद्यालय में मिड डे मील चलाने वाले रसोईया के सहयोग से, ग्राम शिक्षा समिति के मदद से उनके लिए खाना बनाने और उसी पंचायत के आस-पास अगर कोई मुख्यमंत्री दीदी किचन संचालित है तो उन से जोड़ते हुए उन्हें भोजन उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है.
होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों से कोई खतरा नहीं
उपायुक्त अरवा राजकमल ने सभी ग्रामीणों से अनुरोध करते हुए कहा कि होम क्वॉरेंटाइन वैसे ही व्यक्तियों को किया जाता है जो ग्रीन जोन से आते हैं. जिस जिले में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला नहीं रहता है. ऐसे व्यक्तियों का दो-दो बार स्क्रीनिंग करने के उपरांत भारत सरकार और विशेषकर झारखंड सरकार के सभी नियमों का अनुपालन करते हुए उनको होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसलिए किसी भी व्यक्ति को उनसे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. उनको अपना घर जाने दें और अगर वह घर से बाहर निकलते हैं या ज्यादा समय अन्य लोगों के साथ बिताते हैं तो ऐसी स्थिति में कृपया आप 'मुंडा' के माध्यम से प्रशासन को सूचित करें, ताकि उनको दूसरी व्यवस्था के तहत स्टेट क्वॉरेंटाइन में शिफ्ट किया जा सके, लेकिन होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों को उनके इच्छा के विरुद्ध स्टेट क्वॉरेंटाइन में ना रखा जाए, इस संबंध में भी सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
प्रवासी श्रमिक बंधुओं का तैयार किया जाएगा डाटाबेस
बैठक के दौरान जिले में अब तक लौटे सभी प्रवासी श्रमिक भाई-बहन का डेटाबेस तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है. अभी वर्तमान में सर्वे का कार्य जिला में प्रारंभ हो चुका है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे के तहत लौटे सभी श्रमिक बंधुओं का बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर से लेकर वह किस जिला से वापस आए है और किस कार्य का प्रशिक्षण उन्हें प्राप्त है तथा किस कार्य में कुशल हैं. इन सभी बिंदुओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा रही है. ऐसा उम्मीद है कि 1 सप्ताह के अंदर जितने भी श्रमिक बंधु जिले में वापस लौटे हैं सभी का डेटाबेस तैयार कर लिया जाएगा, ताकि भविष्य में राज्य सरकार को उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में सुविधा हो.
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फर्जी राशन कार्ड धारियों का किया जाए फिजिकल वेरीफिकेशन
उपायुक्त की ओर से दी गई जानकारी को सभी पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि जो निष्क्रिय राशन कार्ड हैं और विशेषकर पिछले 6 महीने से जो लोग राशन का उठाव नहीं किए हैं, ऐसे जो फर्जी राशन कार्ड धारी हैं उनका भी जांच करते हुए जन वितरण प्रणाली दुकानदार के साथ टैग हमारे शिक्षक के माध्यम से व्यक्तिगत निरीक्षण करवाया जाए. विशेषकर ऐसे संकट काल में फर्जी राशनकार्ड धारियों का नाम हटाते हुए विधिवत रूप से गांव में वंचित योग्य लाभुकों का राशन कार्ड बनाने का कार्य करें.