चाईबासा: जिले के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती टोंटो प्रखंड की टोंटो पंचायत के समीप जंगल में महुआ चुनने गए आदिवासी दंपती पर भालुओं ने हमला कर दिया. जिसमें लिसीमोती गांव निवासी सतुआ लागूरी (60) गंभीर रूप से घायल हो गया. वहीं सतुआ लागुरी को भालुओं से घिरा देख कर पत्नी ने हिम्मत दिखायी और डंडे से पीट कर दोनों भालुओं को भगाया. तब जाकर सतुआ की जान बच पायी. घटना शनिवार देर शाम की है.
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घायल को दूसरे दिन सुबह सदर अस्पताल पहुंचाया गयाः वहीं ग्रामीणों और मुखिया को मामले की सूचना देर रात मिली. जिस कारण घायल सतुआ लागुरी को अस्पताल नहीं पहुंचा जा सका. स्थानीय स्तर पर ही ग्रामीणों ने देसी तरीके से सतुआ का उपचार किया. सुबह बस से सतुआ को चाईबासा सदर अस्पताल लाया गया.
महुआ चुनने के लिए जंगल गए थे दंपतीः घटना के संबंध में मिली जानकारी अनुसार टोंटो पंचायत के ग्राम लिसीमोती में शनिवार को बागोलता जंगल में महुआ चुनकर आदिवासी दंपती घर लौट रहे थे. तभी जंगल के रास्ते में दो भालुओं से उनका सामना हो गया. भालुओं को सामने देख कर पति-पत्नी के होश उड़ गए. वहीं देखते ही देखते भालुओं ने उनपर हमला कर दिया.
भालुओं ने हमला कर बुजुर्ग को किया लहूलुहानः भालुओं ने सतुआ लागुरी के गाल और कान में पंजा मारा दिया और उसे काटने की कोशिश की, लेकिन सतुआ लागुरी भालू से भिड़ गए. साथ में उनकी पत्नी ने हिम्मत दिखाते हुए डंडे से भालू पर वार कर दिया. जिससे दोनों भालू भाग गए और सतुआ लागुरी की जान बच पायी. लहूलुहान हालत में सतुआ लागुरी को पत्नी किसी तरह लेकर देर रात अपने घर पहुंची. घर पहुंचाने के बाद घटना की जानकारी मुखिया दीपिका लागुरी को फोन कर दी.
रात में क्षेत्र में नहीं है आवागमन की व्यवस्थाः नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती क्षेत्र होने और देर रात होने के कारण गाड़ी व्यवस्था नहीं हो सकी. जिससे घायल को सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका. मुखिया ने टोंटो के स्थानीय डॉक्टर को फोन कर प्राथमिक उपचार कराया. रविवार को सुबह बस से उपचार के लिए घायल सतुआ लागुरी चाईबासा सदर अस्पताल लाया गया.