रांची: झारखंड के धनबाद के चर्चित गांजा प्रकरण में सीआईडी पूरी तरह से रेस है सीआईडी के अनुसंधान पर अधिकारी अभिषेक कुमार अपनी पूरी टीम के साथ गांजा प्रकरण में तकनीकी साक्ष्य जुटाने में लगे हैं.
सीआईडी की जांच अगर अपने मुकम्मल मुकाम पर पहुंचती है तो इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों नप सकते हैं.
जांच की गति हुई तेज
मामले की जांच में लगी सीआईडी की टीम ने घटना के वक्त धनबाद में पोस्टर अधिकारियों के मोबाइल का सीडीआर निकालने की प्रक्रिया में जुट गई है. मामले से जुड़े विभिन्न तकनीकी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. इस पूरे मामले में विवाद में आए निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा का फेसबुक पोस्ट भी वर्तमान में चर्चा में है. शोकॉज किए जाने के बाद डीएसपी ने इस मामले में एक पोस्ट लिखा है. पोस्ट पर पुलिस मुख्यालय की ओर से अलग से कार्रवाई की जा सकती है. सीनियर पुलिस अधिकारी इसे सर्विस कोड का उल्लंघन मांग रहे हैं. गौरतलब है कि ईसीएल के कर्मी चिरंजित घोष को धनबाद पुलिस ने गांजा प्लांट कर उसे नशे का सौदागर बताते हुए जेल भेज दिया था. वही झारखंड के गोड्डा के महागामा थाना में भी एक ऐसे ही मामले में चिरंजीत को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया गया था. पूरे मामले में धनबाद के तत्कालीन एसएसपी कौशल किशोर, निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा और निरसा के तत्कालीन थानेदार उमेश कुमार सिंह की भूमिका संदिग्ध है.
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गुप्त सूत्र पर फोड़ा डीएसपी ने ठीकरा
डीएसपी विजय कुशवाहा ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि गांजा प्रकरण में बार बार उनका नाम उछाल कर, उन्हें बदनाम किया जा रहा है. फेसबुक में डीएसपी ने यह भी लिखा है कि बड़े से बड़े क्राइम ,नक्सल, तस्कर ,आतंकवादी गुप्त सूचनाओं के आधार पर ही पकड़े जाते हैं. पुलिस विभाग के लिए गुप्त सूत्र काफी महत्वपूर्ण होते हैं. गांजा तस्करी मामले में भी गुप्त सूत्रों के द्वारा चिरंजित घोष को गांजा तस्कर बताया गया था. लेकिन अब गुप्त सूचना ही धोखा दे गए और गुप्त सूत्र ही जब साजिश कर जाएं तो अनजाने में पुलिस प्रशासन की ओर से गलतियां हो जाती हैं लेकिन जैसे ही साजिश का पता चला रंजीत को रिहा कर दिया गया था.
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लॉकडाउन के कारण कार्रवाई में हुई देरी
डीएसपी ने अपने फेसबुक पोस्ट में यह भी लिखा है कि मामले में साजिशकर्ताओं को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाता लेकिन इसी बीच लॉकडाउन के कारण उनके गिरफ्तारी में विलंब हुआ. विजय कुशवाहा ने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि साजिशकर्ता को बुलाकर पुलिस पूछताछ कर रही थी. डीएसपी ने लिखा है कि इस मामले में उनसे जो स्पष्टीकरण मांगा गया है वह पुलिस विभाग की एक सामान्य प्रक्रिया है.