सिमडेगा: बानो के कोयल नदी के समीप मछली मारने के दौरान तेज धारों के बीच जिन्दगी की गुहार लगाते विल्सन को आखिर एनडीआरएफ की टीम के प्रयास से बाहर निकाला गया. इस दौरान सिमडेगा पुलिस की काफी सराहनीय भूमिका रही. रविवार शाम मामले की सूचना मिलने के बाद ही पुलिस कोयल नदी के तट पर कैंप कर रही थी.
विदित हो कि जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड बानो के रामजोल स्थित दक्षिणी कोयल नदी के बीच तेज धार में फंसे ग्रामीण मछुआरा विल्सन मड़की को एनडीआरएफ की टीम ने करीब 22 घंटे के बाद सुरक्षित निकाल लिया.
बाहर निकलने के बाद जहां विल्सन मड़की ने खुद को खुशनसीब बताया. वही विगत 22 घंटे से लगातार मशक्कत कर रहे जिला, प्रखंड प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.
विल्सन ने बताया कि वह मछली मारने के उद्देश्य रविवार शाम 3:00 बजे नदी में प्रवेश किया था. इसी बीच अचानक बाढ़ आ गई, जिससे उसे संभलने तक का मौका नहीं मिला, जिसके बाद उसने किसी तरह नदी के बीच अवस्थित चट्टान का सहारा लिया. उसने भूखे प्यासे करीब 22 घंटे का समय बिताया.
बता दें कि सोमवार दोपहर तक पुलिस प्रशासन तथा जिला प्रशासन सभी एनडीआरएफ टीम की प्रतीक्षा करते रहे थे. आखिरकार दोपहर 12:30 बजे एनडीआरएफ की टीम रांची से पहुंची और वोट तैयार कर नदी से उक्त युवक को बाहर निकाल लिया.
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विल्सन को बाहर निकालने के बाद वहां मौजूद चिकित्सक की टीम तुरंत उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया. इसके बाद थाना प्रभारी प्रभात कुमार और बीडीओ यादव बैठा ने उसे नए कपड़े पहनाए और जूस और फल खाने को दिया. विल्सन और उसके परिवार सहित वहां मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए पुलिस और प्रशासन का शुक्रिया अदा करते हुए एनडीआरएफ की टीम की प्रशंसा की.
बानो पुलिस इसके बाद विल्सन मडकी और एनडीआरएफ टीम के साथ पुलिस कप्तान के कार्यालय पहुंचे, जहां पुलिस कप्तान डा. शम्स तबरेज ने विल्सन मडकी को फलों की टोकरी प्रदान करते हुए उनके साहस की प्रशंसा की.
वहीं पुलिस कप्तान ने एनडीआरएफ टीम के मुखिया पीटर डुंगडुंग और बानो थाना प्रभारी प्रभात कुमार को प्रशस्ति पत्र दिया. पुलिस कप्तान डॉ. शम्स तबरेज ने कहा कि पुलिस हर वक्त लोगों के साथ है.