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सिमडेगा: DC ने हाथी मेरे साथी विषय पर की समीक्षात्मक बैठक, दिए कई निर्देश

सिमडेगा में जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. इसे लेकर डीसी ने समीक्षात्मक बैठक की. इस दौरान उन्होंने हाथी से बचाव को लेकर कई निर्देश दिए.

 review meeting on wild elephant in simdega
जंगली हाथी पर समीक्षा बैठक
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Published : Sep 29, 2020, 9:25 PM IST

सिमडेगा: उपायुक्त सुशांत गौरव ने मंगलवार को हाथी मेरे साथी विषय पर समीक्षात्मक बैठक की गई. उपायुक्त ने हाथियों से प्रभावित क्षेत्रों में पक्के आवास का निर्माण, सभी के घरों के पास सोलर स्ट्रीट लाइट के माध्यम से रोशनी की व्यवस्था, आजीविका से संबंधित योजना के अंतर्गत बकरी पालन, मधुमक्खी पालन की योजना से आच्छादित करने का निर्देश दिया.

वहीं, क्षेत्र निरीक्षण के दौरान पाया गया कि हाथी हड़िया और दारू बनाने वाले गांव और टोलों के घरों को ज्यादा नष्ट करता है. मादक पदार्थ के सुगंध को आसानी से भांप कर हाथी उन घरों में घुस नशीले पदार्थ का सेवन करता है. जिससे वे ज्यादा उग्र हो जाता है. जिसके बाद ज्यादा घरों और ग्रामीणों को क्षति पहुंचाता है. उपायुक्त ने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मादक पदार्थ को बंद कराने की दिशा में पुलिस और प्रखंड कर्मियों को नियमित विजिट करने का निर्देश दिया. संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी और थानाप्रभारी को यह सुनिश्चित करने की बात कही कि वैसे क्षेत्रों में मादक पदार्थोंं की चुलाई और बिक्री न हो.

प्रशासन का सहयोग करने की अपील

उन्होनें स्थानीय ग्रामीणों से भी इस दिशा में जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि मदाक पदार्थ न बनाए, न बनाने दें. प्रखंड विकास पदाधिकारी बोलबा ने बताया कि कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि दिन के वक्त भी हाथी आते है, जिससे फसलों की क्षति हो रही है. उपायुक्त ने जिला योजना पदाधिकारी को 20 लाख रुपये वन विभाग को हस्तांतरण करने के लिए संचिका प्रस्तुत करने को कहा. इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बांस का प्लान्टेशन और अन्य पौधे लगाने की बात कही. जिससे कि हाथी गांव के अंदर ना आ सके. जिससे समय रहते हाथी भगाओ समिति और वन रक्षा समिति हाथी को गांव से वापस भगा सके. इससे जानमाल की क्षति होने से बचाने में मदद हो सके.

मुआवजा राशि दिलाने की बात कही

हाथियों के रूट को ट्रैक करते हुए रूट चार्ट के अनुरूप ग्रामीणों के खेतो में क्रॉपिंग पैटर्न को चेंज करने की बात कही. धान के अलावे ग्रामीण उन खेतों में अन्य फसलों की खेती करें, जिससे कि हाथियों के आने पर क्षतिपूर्ति की आशंका न रहे. हाथी के आतंक से पीड़ित परिवारों को ससमय मुआवजा राशि दिलाने की दिशा में कार्रवाई का आदेश दिया गया.

ये भी पढ़ें- बेरमो विधानसभा उपचुनाव को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, 3 नवंबर को होगा मतदान

इस बैठक में उपविकास आयुक्त, आईटीडीए निदेशक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, सामाजिक वाणिकी वन पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि के अलावे अन्य उपस्थित थे.

सिमडेगा: उपायुक्त सुशांत गौरव ने मंगलवार को हाथी मेरे साथी विषय पर समीक्षात्मक बैठक की गई. उपायुक्त ने हाथियों से प्रभावित क्षेत्रों में पक्के आवास का निर्माण, सभी के घरों के पास सोलर स्ट्रीट लाइट के माध्यम से रोशनी की व्यवस्था, आजीविका से संबंधित योजना के अंतर्गत बकरी पालन, मधुमक्खी पालन की योजना से आच्छादित करने का निर्देश दिया.

वहीं, क्षेत्र निरीक्षण के दौरान पाया गया कि हाथी हड़िया और दारू बनाने वाले गांव और टोलों के घरों को ज्यादा नष्ट करता है. मादक पदार्थ के सुगंध को आसानी से भांप कर हाथी उन घरों में घुस नशीले पदार्थ का सेवन करता है. जिससे वे ज्यादा उग्र हो जाता है. जिसके बाद ज्यादा घरों और ग्रामीणों को क्षति पहुंचाता है. उपायुक्त ने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मादक पदार्थ को बंद कराने की दिशा में पुलिस और प्रखंड कर्मियों को नियमित विजिट करने का निर्देश दिया. संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी और थानाप्रभारी को यह सुनिश्चित करने की बात कही कि वैसे क्षेत्रों में मादक पदार्थोंं की चुलाई और बिक्री न हो.

प्रशासन का सहयोग करने की अपील

उन्होनें स्थानीय ग्रामीणों से भी इस दिशा में जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि मदाक पदार्थ न बनाए, न बनाने दें. प्रखंड विकास पदाधिकारी बोलबा ने बताया कि कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि दिन के वक्त भी हाथी आते है, जिससे फसलों की क्षति हो रही है. उपायुक्त ने जिला योजना पदाधिकारी को 20 लाख रुपये वन विभाग को हस्तांतरण करने के लिए संचिका प्रस्तुत करने को कहा. इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बांस का प्लान्टेशन और अन्य पौधे लगाने की बात कही. जिससे कि हाथी गांव के अंदर ना आ सके. जिससे समय रहते हाथी भगाओ समिति और वन रक्षा समिति हाथी को गांव से वापस भगा सके. इससे जानमाल की क्षति होने से बचाने में मदद हो सके.

मुआवजा राशि दिलाने की बात कही

हाथियों के रूट को ट्रैक करते हुए रूट चार्ट के अनुरूप ग्रामीणों के खेतो में क्रॉपिंग पैटर्न को चेंज करने की बात कही. धान के अलावे ग्रामीण उन खेतों में अन्य फसलों की खेती करें, जिससे कि हाथियों के आने पर क्षतिपूर्ति की आशंका न रहे. हाथी के आतंक से पीड़ित परिवारों को ससमय मुआवजा राशि दिलाने की दिशा में कार्रवाई का आदेश दिया गया.

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इस बैठक में उपविकास आयुक्त, आईटीडीए निदेशक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, सामाजिक वाणिकी वन पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि के अलावे अन्य उपस्थित थे.

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