सिमडेगा: पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है और जुनून हो तो पत्थर से नदियां निकलती है. कुछ ऐसा ही जिले के तामडा पंचायत के कुम्हारटोली निवासी किसान नवल ने कर दिखाया है. नवल ने अपनी बंजर पड़ी जमीन पर डैम से पानी पहुंचा कर सब्जियां उगाई है. आज बेजान जमीन पर नवल की मेहनत और हौसलों की हरियाली लहलहा रही है.
हरियाली से बदली किस्मत
सिमडेगा के तामडा पंचायत के कुम्हारटोली निवासी किसान नवल के पास जमीन तो थी, लेकिन वह बंजर थी. उसकी जमीन से कुछ दूरी पर एक छोटा सा डैम भी है, लेकिन वहां से खेत में पानी लाने के लिए कोई मोटर या साधन नहीं था. मजबुरन वह इधर उधर मजदूरी आदि कर परिवार का पालन करता था, लेकिन लाॅक डाउन की वजह से मजदूरी भी छूट गई. आर्थिक तंगी से परेशान होकर नवल ने हरियाली से अपनी किस्मत बदलने की ठानी. नवल ने बंजर जमीन तक बिना मोटर से फावड़े के सहारे डैम का पानी पहुंचाया. जब खेत तक पानी पहुंच गया तो बेजान जमीन पर नवल की मेहनत और हौसलों की हरियाली लहलहा गई. आज नवल की इस जमीन पर पालक, मटर और अन्य सब्जियां लगी हुई हैं. नवल आज सिमडेगा के हर एक बाजार में सब्जियां पहुंचा कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रहा है.
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प्रेरणास्रोत बना नवल
नवल का कहना है कि अगर उसे पटवन के बेहतर साधन मिल जाए तो वह पत्थर से भी सोना उगा सकता है. उसने कहा कि वह जमीन को हरियाली से सजा कर रखना चाहता है. नवल आज निश्चित तौर पर उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है जो कठिनाइयों से हार कर किस्मत को कोसते रह जाते हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इस क्षेत्र में सिंचाई के साधक बनने वाली खेती की जीवन रेखा कांसजोर जलाशय से जल्द ही कैनाल के माध्यम से पानी मिलने की उम्मीद जताई है.