सिमडेगा: टोक्यो में चल रहे ओलंपिक गेम्स 2020 के पुरुष हॉकी प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया. 41 साल बाद कांस्य पदक प्राप्त कर इतिहास रच दिया है. 1980 के बाद भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में यह पहला पदक है. मैच समाप्त होते ही हॉकी की नर्सरी सिमडेगा में हॉकी सिमडेगा के कार्यालय में उनके पदाधिकारी और खिलाड़ी ढोल नगाड़े के साथ पहुंच गए और नाचते गाते थिरकते एक दूसरे को जीत की बधाई देने लगे. हाथों में तिरंगा, हॉकी स्टिक, बड़ी-बड़ी ट्रॉफिया लेकर सड़कों पर हॉकी पर बनाई गई गीत बजाते हुए घंटों तक नाचते हुए जश्न मनाया. साथ ही खुशी से झूम रहे हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारियों ने खूब मिठाइयां बांटी.
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भारतीय हॉकी के लिए यह बहुत बड़ी जीत
इस कार्यक्रम में उपस्थित हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने कहा कि भारतीय हॉकी के लिए यह बहुत बड़ी जीत है. भारतीय टीम के साथ समस्त देशवासियों को बधाई दी. यह कई दशकों के बाद मिली है. 1972 के बाद हॉकी खेल का आयोजन एस्ट्रोटर्फ पर होने लगा. उसके बाद भारतीय हॉकी टीम में गिरावट आने लगी. 1980 में भारत की टीम ने स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन उस समय की परिस्थिति कुछ अलग थी. उसके बाद ओलंपिक में भारत पिछड़ते चला गया. कई मौके आए कि भारतीय टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाई. लेकिन इस टोक्यो ओलंपिक में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और अंतिम चार में जगह बनाते हुए तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में जर्मनी को पराजित कर जीत हासिल की है.
जर्मनी की टीम एक समय मैच में 3-1 गोल से आगे बढ़ गई थी. उसे बराबरी करने के बाद भारतीय टीम ने 2 गोल और करते हुए मैच 5-4 से जीत कर दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं. यह जीत भारतीय हॉकी के लिए ऑक्सीजन का काम करेगी. पूरे भारत वर्ष में हॉकी का जुनून पैदा करेगी और आने वाले ओलंपिक में भारतीय टीम और अधिक प्रभावशाली नजर आएगी.