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Simdega News: पहली बारिश में ही ध्वस्त हुई आदिवासी कला केंद्र की चहारदीवारी, दो माह पूर्व हुआ था उद्घाटन

सिमडेगा के कोलेबिरा प्रखंड में कला केंद्र के निर्माण में गुणवत्ता की पोल खुल गई है. पहली बारिश में आदिवासी कला केंद्र की चहारदीवारी गिर गई है. महज दो माह पहले कला केंद्र भवन का उद्घाटन किया गया था.

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Published : Jul 15, 2023, 8:43 PM IST

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Boundary Wall Of Tribal Art Center Collapsed
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सिमडेगा: कोलेबिरा प्रखंड की टूटीकेल पंचायत अंतर्गत निर्मित आदिवासी कला केंद्र भवन की चहारदीवारी पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई है. अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए कल्याण विभाग द्वारा एसीए फंड से 40 लाख रुपए की लागत से आदिवासी कला केंद्र भवन का निर्माण कराया गया है. जिसकी चहारदीवारी पहली बारिश में ही भरभरा कर गिर गई है.

ये भी पढ़ें-MGNREGA Scam in Simdega: लोकपाल ने किया कार्यस्थल का औचक निरीक्षण, कहा- ईटीवी भारत का दावा सच

मई 2023 में किया गया था कला केंद्र का उद्घाटनः विदित हो कि भवन का उद्घाटन पांच मई 2023 को कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी, डीडीसी और प्रमुख के द्वारा सामूहिक रूप से किया गया था. उद्घाटन के महज दो माह बीतने के पश्चात पहली बारिश में ही चहारदीवारी का एक हिस्सा गिर गया है. वहीं दूसरे हिस्से की भी स्थिति खराब है. चहारदीवारी गिरने के बाद इसके निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं. चहारदीवारी के निर्माण में नींव दिया ही नहीं गया है. ऐसे में भवन की स्थिति कितनी अच्छी होगी इसका अंदाजा तो सहज ही लगा सकते हैं. इधर, चहारदीवारी गिरने के पश्चात भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने से ग्रामीण ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
मुखिया ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठाए थे सवालः इधर, इस संबंध में मुखिया सुशीला जड़िया ने बताया कि आदिवासी कला केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की संस्कृति और उनके उनके हुनर आदि को संजोना है, लेकिन चहारदीवारी गिरने से भवन के निर्माण की गुणवत्ता का पता चलता है. उन्होंने निर्माण कार्य के दौरान ही गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. वहीं स्वयं भी कार्यस्थल पर पहुंचकर निर्माण कार्य में गड़बड़ी को ठीक करने की बात कही थी. यहां तक कि संवेदक को फोन कर सही तरीके से काम करने का निर्देश दिया था, लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं किया गया.

मुखिया ने उद्घाटन समारोह का किया था बहिष्कारः निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी करने पर मुखिया सुशीला ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. क्योंकि निर्माण कार्य ही सही तरीके से नहीं हुआ था. कला केंद्र भवन का निर्माण में भ्रष्टाचार का प्रमाण है कि महज दो महीने में भवन की चहारदीवारी भरभरा कर गिर गई है.

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सिमडेगा: कोलेबिरा प्रखंड की टूटीकेल पंचायत अंतर्गत निर्मित आदिवासी कला केंद्र भवन की चहारदीवारी पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई है. अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए कल्याण विभाग द्वारा एसीए फंड से 40 लाख रुपए की लागत से आदिवासी कला केंद्र भवन का निर्माण कराया गया है. जिसकी चहारदीवारी पहली बारिश में ही भरभरा कर गिर गई है.

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मई 2023 में किया गया था कला केंद्र का उद्घाटनः विदित हो कि भवन का उद्घाटन पांच मई 2023 को कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी, डीडीसी और प्रमुख के द्वारा सामूहिक रूप से किया गया था. उद्घाटन के महज दो माह बीतने के पश्चात पहली बारिश में ही चहारदीवारी का एक हिस्सा गिर गया है. वहीं दूसरे हिस्से की भी स्थिति खराब है. चहारदीवारी गिरने के बाद इसके निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं. चहारदीवारी के निर्माण में नींव दिया ही नहीं गया है. ऐसे में भवन की स्थिति कितनी अच्छी होगी इसका अंदाजा तो सहज ही लगा सकते हैं. इधर, चहारदीवारी गिरने के पश्चात भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने से ग्रामीण ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
मुखिया ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठाए थे सवालः इधर, इस संबंध में मुखिया सुशीला जड़िया ने बताया कि आदिवासी कला केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की संस्कृति और उनके उनके हुनर आदि को संजोना है, लेकिन चहारदीवारी गिरने से भवन के निर्माण की गुणवत्ता का पता चलता है. उन्होंने निर्माण कार्य के दौरान ही गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. वहीं स्वयं भी कार्यस्थल पर पहुंचकर निर्माण कार्य में गड़बड़ी को ठीक करने की बात कही थी. यहां तक कि संवेदक को फोन कर सही तरीके से काम करने का निर्देश दिया था, लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं किया गया.

मुखिया ने उद्घाटन समारोह का किया था बहिष्कारः निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी करने पर मुखिया सुशीला ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. क्योंकि निर्माण कार्य ही सही तरीके से नहीं हुआ था. कला केंद्र भवन का निर्माण में भ्रष्टाचार का प्रमाण है कि महज दो महीने में भवन की चहारदीवारी भरभरा कर गिर गई है.

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