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कोरोना से लड़ेगा 'डॉक्टर रोबोट', इंजीनियर भाइयों ने स्टार्टअप इंडिया से प्रेरित होकर किया अविष्कार

सरायकेला-खरसावां जिले के दो युवा इंजीनियर भाइयों ने स्टार्टअप इंडिया नीति से प्रेरित होकर कोरोना मरीजों के मदद के लिए एडवांस सिस्टम रोबोट बनाया है. यह रोबोट डॉक्टर और नर्स की तरह कोविड-19 मरीजों से उनका हालचाल जानेगा और उनके इलाज में भी मदद करेगा. युवा इंजीनियर रोहित आनंद और छोटे भाई साकेत आनंद की ओर से डिजाइन किया गया रोबोट ऐप से संचालित होगा. इन्होंने बताया कि कमरे में बैठे हुए मोबाइल ऐप के सहारे इस रोबोट को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है.

young engineers invented robot for prevention in corona at seraikela
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Published : Sep 22, 2020, 6:03 AM IST

सरायकेला: वैश्विक महामारी के इस दौर में पूरे विश्व में संक्रमण से बचने और संक्रमण को जल्द से जल्द दूर किए जाने पर लगातार शोध और नए-नए आविष्कार हो रहे हैं. ऐसे में भला झारखंड भी पीछे क्यों रहे. सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के दो युवा इंजीनियर भाइयों ने स्टार्टअप इंडिया नीति से प्रेरित होकर कोरोना मरीजों के मदद के लिए एडवांस सिस्टम रोबोट बनाया है. यह रोबोट डॉक्टर और नर्स की तरह कोविड-19 मरीजों से उनका हालचाल जानेगा और उनके इलाज में भी मदद करेगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

युवा इंजीनियर दो भाई रोहित आनंद और साकेत आनंद ने कोरोना संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में दिन रात मेहनत कर एडवांस सिस्टम रोबोट तैयार कर दिखाया है. 75 हजार की लागत वाला एडवांस रोबोट कोरोना संक्रमण रोकने में अहम भूमिका अदा करेगा. दोनों भाइयों ने महज 3 महीने के अंदर रोबोट बनाने की परिकल्पना को लगन और मेहनत के साथ अंतिम रूप दे डाला. चेन्नई एसआरएम कॉलेज के इंजीनियरिंग मेकाट्रॉनिक्स के पास आउट छात्र रोहित आनंद और बीआईटी मेसरा केमिकल एंड पॉलीमर इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के छात्र साकेत आनंद ने पिता मनोज सिन्हा से प्रेरणा लेकर रोबोट डिजाइन पर कार्य शुरू किया और एडवांस फीचर्स के साथ रोबोट का निर्माण किया.

young engineers invented robot for prevention in corona at seraikela
दोनों भाई
20 किलो तक सामान ले जा सकेगा रोबोट

युवा इंजीनियर उद्यमी भाइयों ने एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित अस्त्र रोबोट बनाने में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया है. इंजीनियर रोहित आनंद ने बताया कि एडवांस रोबोट बनाने में मदरबोर्ड, कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल हुआ, इसके अलावा तीन अलग-अलग छोटे कंप्यूटर भी रोबोट में फिट किए गए हैं. वहीं रोबोट में चार सेंसर लगाए गए हैं, जो 360 डिग्री पर घूम सकता है. रोबोट में चार कैमरा और रिचार्जेबल बैटरी भी लगाया गया है. ताकि आसानी से सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके, फिलहाल एडवांस रोबोट अस्त्र से 20 किलोग्राम तक वजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है. वहीं भविष्य में इसे विकसित करते हुए 200 किलोग्राम तक वजन उठाने की क्षमता तक विकसित किया जा सकेगा.

मरीज और लोगों से करता है बातें

युवा इंजीनियर रोहित आनंद और छोटे भाई साकेत आनंद की ओर से डिजाइन किया गया रोबोट ऐप से संचालित होगा. इन्होंने बताया कि कमरे में बैठे हुए मोबाइल ऐप के सहारे इस रोबोट को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि एक कमरे से बैठकर दूसरे कमरे तक रोबोट आसानी से सामानों को लेकर जाएगा और मोबाइल एप के कैमरे पर लाइव वीडियो भी देखे जा सकते हैं. इतना ही नहीं यह रोबोट कोविड-19 पेशेंट से इलाज के दौरान उनसे बातें भी करता है. रोबोट नमस्ते-धन्यवाद जैसे शब्द बोलता है.

भविष्य में अस्पताल और रेस्त्रां में होगा रोबोट का प्रयोग

कोरोना काल के संक्रमण रोकथाम के उद्देश्य से युवा इंजीनियरों की ओर से बनाया गया यह रोबोट फिलहाल मुख्य रूप से कोविड-19 मरीजों के इलाज और अस्पतालों में प्रयोग में लाया जा सकता है. इसके अलावा संक्रमण रोकथाम के उद्देश्य से भी रोबोट का प्रयोग किया जा सकेगा. साथ ही भविष्य में रोबोट होटल और रेस्टोरेंट में लोगों को भोजन परोसने के भी कार्य काम में प्रयोग लाए जा सकेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि संक्रमण काल खत्म होने के बाद कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां मनुष्य का सीधा संपर्क नहीं होगा, ऐसे क्षेत्रों में यह रोबट काफी कारगर साबित होंगे.

नियंत्रण प्रोजेक्ट के तहत बना रहे स्मार्ट एलइडी बल्ब

युवा इंजीनियर भाइयों ने बताया कि झारखंड सरकार के नियंत्रण प्रोजेक्ट के तहत ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से स्मार्ट बल्ब प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहे हैं. इन्होंने बताया कि साधारण से एलइडी बल्ब को भी साधारण खर्चे में स्मार्ट एलइडी बल्ब बनाया जा सकेगा, जो दूर बैठे मोबाइल से संचालित होगा. इस प्रोजेक्ट के तहत एक ही मोबाइल ऐप से घर के सभी बल्ब को ऑन-ऑफ किया जा सकता है, जो ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सार्थक प्रयास है.

स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी में हुआ भाइयों का चयन

युवा इंजीनियर भाई रोहित आनंद और साकेत आनंद का चयन स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी 2016 के तहत हुआ है. वर्ष 2019 अगस्त में दोनों भाइयों ने खुद से रोजगार सृजित कर अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया में अपने प्रोजेक्ट को सबमिट किया, जिसके बाद तीन राउंड के बाद प्रोजेक्ट का चयन स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी में हुआ है. अब यह दोनों भाई इस प्रोजेक्ट से अन्य लोगों को भी जोड़ने का काम करेंगे.

फास्ट प्रोटोटाइप लैब का करेंगे निर्माण

रिसर्च और इनोवेशन को गति प्रदान करने के उद्देश्य से युवा इंजीनियर इन भाइयों ने अब आगे फास्ट प्रोटोटाइप लैब निर्माण की योजना बनाई है. इस लैब में रिसर्चर, ईनोवेटर, एंटरप्रेन्योर, छात्र अपने आइडिया को मूर्त रूप दे सकेंगे. युवा इंजीनियर साकेत आनंद ने बताया कि इस लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है, आइडिया सोचने से लेकर फाइनल प्रोडक्ट तैयार होने के समय को कम किया जा सके, इनके लैब में इनोवेशन और रिसर्च से जुड़े सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगे. एडवांस रॉबर्ट तैयार करने वाले युवा इंजीनियर भाइयों ने बताया कि तैयार किए गए एडवांस रॉबर्ट को यह झारखंड सरकार को दिखाना चाहते हैं और यह बनाये गये इस रोबोट को सरकार को निशुल्क भेंट करेंगे ताकि को कोविड पेशेंट के इलाज में सहूलियत हो. इसके अलावा सरकार से सहयोग प्राप्त होने पर ये आगे और भी एडवांस रोबोट को तैयार करेंगे.

और पढ़ें- रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा कोरोना पॉजिटिव, डॉक्टरों ने दी होम आइसोलेशन की सलाह

युवा इंजीनियरों की मां और इनोवेशन कंपनी ज्योति शेरों की निदेशक ज्योति बाला सिन्हा ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर दोनों बेटे घर पर बैठे थे और इन्होंने महामारी रोकने कुछ करने कि ठानी और यह एडवांस रोबोट डिजाइन किया. वहीं उद्यमी पिता मनोज सिन्हा ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने अपने बेटों को रोजगार पाने के बजाय रोजगार उपलब्ध कराने पर फोकस कराया. नतीजतन, दोनों बेटों ने राज्य सरकार के स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी के चयन होने में सफलता पायी. इन्होंने बताया कि झारखंड में इंजीनियर तैयार होने के बाद दूसरे राज्य और कंपनी के लिए प्रोडक्ट डिजाइन करते हैं, लिहाजा इन्होंने सोचा कि क्यों ना राज्य के छात्र अपने राज्य में बेहतरीन रिसर्च कर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएं.

सरायकेला: वैश्विक महामारी के इस दौर में पूरे विश्व में संक्रमण से बचने और संक्रमण को जल्द से जल्द दूर किए जाने पर लगातार शोध और नए-नए आविष्कार हो रहे हैं. ऐसे में भला झारखंड भी पीछे क्यों रहे. सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के दो युवा इंजीनियर भाइयों ने स्टार्टअप इंडिया नीति से प्रेरित होकर कोरोना मरीजों के मदद के लिए एडवांस सिस्टम रोबोट बनाया है. यह रोबोट डॉक्टर और नर्स की तरह कोविड-19 मरीजों से उनका हालचाल जानेगा और उनके इलाज में भी मदद करेगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

युवा इंजीनियर दो भाई रोहित आनंद और साकेत आनंद ने कोरोना संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में दिन रात मेहनत कर एडवांस सिस्टम रोबोट तैयार कर दिखाया है. 75 हजार की लागत वाला एडवांस रोबोट कोरोना संक्रमण रोकने में अहम भूमिका अदा करेगा. दोनों भाइयों ने महज 3 महीने के अंदर रोबोट बनाने की परिकल्पना को लगन और मेहनत के साथ अंतिम रूप दे डाला. चेन्नई एसआरएम कॉलेज के इंजीनियरिंग मेकाट्रॉनिक्स के पास आउट छात्र रोहित आनंद और बीआईटी मेसरा केमिकल एंड पॉलीमर इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के छात्र साकेत आनंद ने पिता मनोज सिन्हा से प्रेरणा लेकर रोबोट डिजाइन पर कार्य शुरू किया और एडवांस फीचर्स के साथ रोबोट का निर्माण किया.

young engineers invented robot for prevention in corona at seraikela
दोनों भाई
20 किलो तक सामान ले जा सकेगा रोबोट

युवा इंजीनियर उद्यमी भाइयों ने एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित अस्त्र रोबोट बनाने में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया है. इंजीनियर रोहित आनंद ने बताया कि एडवांस रोबोट बनाने में मदरबोर्ड, कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल हुआ, इसके अलावा तीन अलग-अलग छोटे कंप्यूटर भी रोबोट में फिट किए गए हैं. वहीं रोबोट में चार सेंसर लगाए गए हैं, जो 360 डिग्री पर घूम सकता है. रोबोट में चार कैमरा और रिचार्जेबल बैटरी भी लगाया गया है. ताकि आसानी से सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके, फिलहाल एडवांस रोबोट अस्त्र से 20 किलोग्राम तक वजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है. वहीं भविष्य में इसे विकसित करते हुए 200 किलोग्राम तक वजन उठाने की क्षमता तक विकसित किया जा सकेगा.

मरीज और लोगों से करता है बातें

युवा इंजीनियर रोहित आनंद और छोटे भाई साकेत आनंद की ओर से डिजाइन किया गया रोबोट ऐप से संचालित होगा. इन्होंने बताया कि कमरे में बैठे हुए मोबाइल ऐप के सहारे इस रोबोट को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि एक कमरे से बैठकर दूसरे कमरे तक रोबोट आसानी से सामानों को लेकर जाएगा और मोबाइल एप के कैमरे पर लाइव वीडियो भी देखे जा सकते हैं. इतना ही नहीं यह रोबोट कोविड-19 पेशेंट से इलाज के दौरान उनसे बातें भी करता है. रोबोट नमस्ते-धन्यवाद जैसे शब्द बोलता है.

भविष्य में अस्पताल और रेस्त्रां में होगा रोबोट का प्रयोग

कोरोना काल के संक्रमण रोकथाम के उद्देश्य से युवा इंजीनियरों की ओर से बनाया गया यह रोबोट फिलहाल मुख्य रूप से कोविड-19 मरीजों के इलाज और अस्पतालों में प्रयोग में लाया जा सकता है. इसके अलावा संक्रमण रोकथाम के उद्देश्य से भी रोबोट का प्रयोग किया जा सकेगा. साथ ही भविष्य में रोबोट होटल और रेस्टोरेंट में लोगों को भोजन परोसने के भी कार्य काम में प्रयोग लाए जा सकेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि संक्रमण काल खत्म होने के बाद कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां मनुष्य का सीधा संपर्क नहीं होगा, ऐसे क्षेत्रों में यह रोबट काफी कारगर साबित होंगे.

नियंत्रण प्रोजेक्ट के तहत बना रहे स्मार्ट एलइडी बल्ब

युवा इंजीनियर भाइयों ने बताया कि झारखंड सरकार के नियंत्रण प्रोजेक्ट के तहत ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से स्मार्ट बल्ब प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहे हैं. इन्होंने बताया कि साधारण से एलइडी बल्ब को भी साधारण खर्चे में स्मार्ट एलइडी बल्ब बनाया जा सकेगा, जो दूर बैठे मोबाइल से संचालित होगा. इस प्रोजेक्ट के तहत एक ही मोबाइल ऐप से घर के सभी बल्ब को ऑन-ऑफ किया जा सकता है, जो ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सार्थक प्रयास है.

स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी में हुआ भाइयों का चयन

युवा इंजीनियर भाई रोहित आनंद और साकेत आनंद का चयन स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी 2016 के तहत हुआ है. वर्ष 2019 अगस्त में दोनों भाइयों ने खुद से रोजगार सृजित कर अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया में अपने प्रोजेक्ट को सबमिट किया, जिसके बाद तीन राउंड के बाद प्रोजेक्ट का चयन स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी में हुआ है. अब यह दोनों भाई इस प्रोजेक्ट से अन्य लोगों को भी जोड़ने का काम करेंगे.

फास्ट प्रोटोटाइप लैब का करेंगे निर्माण

रिसर्च और इनोवेशन को गति प्रदान करने के उद्देश्य से युवा इंजीनियर इन भाइयों ने अब आगे फास्ट प्रोटोटाइप लैब निर्माण की योजना बनाई है. इस लैब में रिसर्चर, ईनोवेटर, एंटरप्रेन्योर, छात्र अपने आइडिया को मूर्त रूप दे सकेंगे. युवा इंजीनियर साकेत आनंद ने बताया कि इस लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है, आइडिया सोचने से लेकर फाइनल प्रोडक्ट तैयार होने के समय को कम किया जा सके, इनके लैब में इनोवेशन और रिसर्च से जुड़े सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगे. एडवांस रॉबर्ट तैयार करने वाले युवा इंजीनियर भाइयों ने बताया कि तैयार किए गए एडवांस रॉबर्ट को यह झारखंड सरकार को दिखाना चाहते हैं और यह बनाये गये इस रोबोट को सरकार को निशुल्क भेंट करेंगे ताकि को कोविड पेशेंट के इलाज में सहूलियत हो. इसके अलावा सरकार से सहयोग प्राप्त होने पर ये आगे और भी एडवांस रोबोट को तैयार करेंगे.

और पढ़ें- रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा कोरोना पॉजिटिव, डॉक्टरों ने दी होम आइसोलेशन की सलाह

युवा इंजीनियरों की मां और इनोवेशन कंपनी ज्योति शेरों की निदेशक ज्योति बाला सिन्हा ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर दोनों बेटे घर पर बैठे थे और इन्होंने महामारी रोकने कुछ करने कि ठानी और यह एडवांस रोबोट डिजाइन किया. वहीं उद्यमी पिता मनोज सिन्हा ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने अपने बेटों को रोजगार पाने के बजाय रोजगार उपलब्ध कराने पर फोकस कराया. नतीजतन, दोनों बेटों ने राज्य सरकार के स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी के चयन होने में सफलता पायी. इन्होंने बताया कि झारखंड में इंजीनियर तैयार होने के बाद दूसरे राज्य और कंपनी के लिए प्रोडक्ट डिजाइन करते हैं, लिहाजा इन्होंने सोचा कि क्यों ना राज्य के छात्र अपने राज्य में बेहतरीन रिसर्च कर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएं.

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