सरायकेला: जिले के धातकीडीह गांव में 17 जून को हुए मॉब लिंचिंग में तबरेज की मौत को लेकर एक ओर जहां जांच और कार्रवाई के साथ गिरफ्तारी का दौर जारी है. वहीं एक और मामला खुलकर सामने आ रहा है, जो पूरे पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर सकता है.
तबरेज के पिता की हुई थी हत्या
दरअसल, मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज के पिता मसकुर आलम की 15 साल पहले हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि उसके पिता की दोस्तों के साथ किसी विवाद को लेकर हत्या हुई थी, लेकिन आज तक उस हत्या की गुत्थी नहीं सुलझी है, क्योंकि थाने में उस वक्त मामला तक दर्ज नहीं हुआ.
नहीं सुलझी हत्या की गुत्थी
मसकुर आलम के भाई मकसूद आलम ने बताया कि आज तक पता ही नहीं चल पाया कि तबरेज के पिता की हत्या आखिर क्यों हुई, न मामला दर्ज हुआ और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई. वहीं मसकुर आलम के पड़ोसी और उसके दोस्त सबीर ने बताया कि कुछ भी पता नहीं चल पाया कि उसकी हत्या क्यों हुई और किसने की. हमें पता चला तो हम आनन-फानन में गए और उसकी लाश एक नाले के किनारे पड़ी देखी थी.
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हो रही कार्रवाई
मॉब लिंचिंग की इस घटना के बाद एक ओर जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने एसआईटी के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कुल 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल और युवक के गांव का दौरा किया. साथ में दोनों पक्ष के लोगों से जानकारी ली.