सरायकेला: भारत सरकार की स्पॉन्सरशिप योजना के तहत अनाथ बच्चों से पैसे ऐंठने के मामले में फंसे जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर को सरायकेला खरसावां जिले से हटाकर कोडरमा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया है. बाल संरक्षण पदाधिकारी संविदा पर कार्यरत हैं. यह आदेश झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव विकास कुमार ने जारी किया है.
उपायुक्त के प्रतिवेदन पर लिया गया फैसला: आदेश में उप सचिव विकास कुमार ने कोडरमा जिले में अनुबंध पर कार्यरत जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र सिंह को सरायकेला खरसावां जिले का बाल संरक्षण पदाधिकारी बनाया है. विभागीय आदेश में सरकार के उप सचिव विकास ने कहा है कि महिला एवं बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के मंत्री के उप सचिव और अन्य स्रोतों से प्राप्त शिकायत के साथ उपायुक्त द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आलोक में जिले के बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर का स्थानांतरण कर दिया गया है. उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर को स्थानांतरण भत्ता देय नहीं होगा, आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
दो महीने पहले लगा था आरोप: गौरतलब हो कि बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर पर जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित स्पॉन्सरशिप योजना के लाभुकों से पैसा वसूलने का आरोप दो माह पहले सामने आया था, जिसे लेकर कुछ पीड़ित पक्षों ने न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकार को शिकायत पत्र सौंपा था. जिसके बाद इस मामले में उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के निर्देश के अनुसार तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच की गई. जिसकी रिपोर्ट महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव को सौंपी गयी थी.
यह भी पढ़ें: Sponsorship Scheme: 43 अनाथ बच्चों को मिल रहा लाभ, हर महीना मिलता है 2 हजार रुपया