ETV Bharat / state

सरायकेला की सीमा पांडेय ने बनाया गोमय पेंट, कम खर्च में घर को सेनेटाइज के साथ रखता है संक्रमण मुक्त

सरायकेला: इन दिनों पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है. अभी तक इस महामारी से निपटने के लिए किसी वैक्सीन या दवा का निर्माण नहीं हो पाया है. महामारी से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंस और सेनेजाइजर का भरपूर प्रयोग कर रहे हैं. वहीं, अब लोग अपने घरों को भी संक्रमण मुक्त रखना चाहते हैं. इस कड़ी को और आगे बढ़ाने का काम किया है उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की रहने वाली महिला सीमा पांडेय ने. सीमा पांडेय प्राकृतिक तरीके से घर को सेनेटाइज रख रही हैं.

gomay paint made in seraikela
गोमय पेंट
author img

By

Published : Jun 15, 2020, 11:47 AM IST

Updated : Jun 15, 2020, 2:26 PM IST

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाली महिला सीमा पांडेय ने पंचगव्य तकनीक पर आधारित पद्धति का इस्तेमाल करते हुए गोमय पेंट बना डाला है, जिससे घर तो सेनेटाइज होता ही है और लंबे समय तक संक्रमण का खतरा भी कम रहता है. देश की माटी, देश की हवा, देश की वनस्पति, देश की ही दवा, जी हां कुछ इसी फलसफा पर प्रकृति प्रेमी सीमा पांडेय ने संक्रमण के इस खतरे को कम करने के उद्देश्य से गोमय पेंट का निर्माण किया है. सीमा ने कहा कि पेंट के लेप को घरों के दीवारों पर लगाने से लंबे समय तक संक्रमण का खतरा काम रहता है. एक तरफ जहां लोग अपने घर और आसपास को सेनेटाइज करने के लिए महंगे और खतरनाक केमिकल का भरपूर प्रयोग करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसके बदले काफी कम खर्च में इस पेंट को बनाया जा सकता है.

देखिए पूरी खबर

रेडिएशन से भी बचाएगा यह पेंट

प्राकृतिक उत्पादों से जुड़ी और क्षेत्र में लंबे अरसे से कार्यरत महिला सीमा पांडेय के अनुसार, गाय के गोबर में खतरनाक अल्ट्रावायलेट रे और रेडिएशन से बचाने के भी भरपूर गुण हैं. दीवारों पर इस पेंट के लगाने से इन खतरों से बचा जा सकता है. वहीं, इन्होंने बताया कि इस पेंट के लगाने से सर्दी में घर गर्म और गर्मियों में यह लेप ठंडक देता है. दीवारों पर इस लेप के लगे होने के कारण जो हवाएं घर में आती है वह भी शुद्ध हो जाएंगी.

ये भी पढे़ं: केंद्र सरकार ने पीएम रोजगार सृजन योजना के बदले मापदंड, जिले के 79 आवेदकों ऋण देने का लक्ष्य

दूसरे लोगों को भी कर रही प्रेरित

महिला सीमा पांडे 'आओ चले प्रकृति की ओर, लौटे अपने संस्कृति की ओर' के नारे को आज बुलंद कर रही हैं. यह लगातार पंचगव्य और गाय के गोबर से निर्मित चीजों का न सिर्फ इस्तेमाल करती है बल्कि लोगों को भी इन चीजों के प्रयोग के लिए प्रेरित करती हैं. इन्होंने अब तक गाय के गोबर और मुल्तानी मिट्टी समेत काली मिट्टी को मिलाकर कई सौंदर्य प्रसाधन चीजें और घर के सजावट में काम आने वाले वस्तुओं का भी निर्माण किया है. इतना ही नहीं काफी कम दर पर यह इन प्राकृतिक उत्पादों को लोगों तक भी उपलब्ध करा रही हैं.

इस लेप को लेकर लोगों में रुचि

प्राकृतिक वस्तुओं को लगातार बढ़ावा देने की मुहिम को सीमा पांडेय द्वारा निरंतर आगे बढ़ाए जा रहा है. इसका नतीजा है कि इस संक्रमण काल में बेहतरीन गुणों से समाहित इन उत्पाद और गोमय पेंट को लोगों ने भी अपनाने की बात कही है. खासकर महिलाएं चाहती हैं कि वह भी सीमा पांडेय के इस तकनीक को अपने घरों में प्रयोग करें ताकि महामारी के इस काल में अपने घर को सुरक्षित रख सकें.

वैश्विक महामारी और राष्ट्रीय आपदा कोरोना ने इस संकटकाल ने मानव जाति को एक बड़ी सीख दी है. प्रकृति से जुड़ने के साथ-साथ नेचुरल उत्पाद जिसे मनुष्य कभी रोजाना अपने जीवन में इस्तेमाल करता था उससे एक बार फिर जुड़ने का मौका मिल रहा है, जिससे प्रकृति और इंसान के बीच की दूरी एक बार फिर कम होती दिख रही है.

ये भी पढे़ं: टाटा स्टील में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का मामला, प्रबंधन ने व्यक्ति के खिलाफ दर्ज काराया केस

गोमय पेंट बनाने में उपयोग सामान

  • गाय का गोबर
  • काली मिट्टी
  • मुल्तानी मिट्टी
  • पंचगव्य- दूध, दही, गोमूत्र, गोरसे, गोघृत्र
  • नीम पत्ता
  • तुलसी पत्ता
  • एलोवेरा रस

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाली महिला सीमा पांडेय ने पंचगव्य तकनीक पर आधारित पद्धति का इस्तेमाल करते हुए गोमय पेंट बना डाला है, जिससे घर तो सेनेटाइज होता ही है और लंबे समय तक संक्रमण का खतरा भी कम रहता है. देश की माटी, देश की हवा, देश की वनस्पति, देश की ही दवा, जी हां कुछ इसी फलसफा पर प्रकृति प्रेमी सीमा पांडेय ने संक्रमण के इस खतरे को कम करने के उद्देश्य से गोमय पेंट का निर्माण किया है. सीमा ने कहा कि पेंट के लेप को घरों के दीवारों पर लगाने से लंबे समय तक संक्रमण का खतरा काम रहता है. एक तरफ जहां लोग अपने घर और आसपास को सेनेटाइज करने के लिए महंगे और खतरनाक केमिकल का भरपूर प्रयोग करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसके बदले काफी कम खर्च में इस पेंट को बनाया जा सकता है.

देखिए पूरी खबर

रेडिएशन से भी बचाएगा यह पेंट

प्राकृतिक उत्पादों से जुड़ी और क्षेत्र में लंबे अरसे से कार्यरत महिला सीमा पांडेय के अनुसार, गाय के गोबर में खतरनाक अल्ट्रावायलेट रे और रेडिएशन से बचाने के भी भरपूर गुण हैं. दीवारों पर इस पेंट के लगाने से इन खतरों से बचा जा सकता है. वहीं, इन्होंने बताया कि इस पेंट के लगाने से सर्दी में घर गर्म और गर्मियों में यह लेप ठंडक देता है. दीवारों पर इस लेप के लगे होने के कारण जो हवाएं घर में आती है वह भी शुद्ध हो जाएंगी.

ये भी पढे़ं: केंद्र सरकार ने पीएम रोजगार सृजन योजना के बदले मापदंड, जिले के 79 आवेदकों ऋण देने का लक्ष्य

दूसरे लोगों को भी कर रही प्रेरित

महिला सीमा पांडे 'आओ चले प्रकृति की ओर, लौटे अपने संस्कृति की ओर' के नारे को आज बुलंद कर रही हैं. यह लगातार पंचगव्य और गाय के गोबर से निर्मित चीजों का न सिर्फ इस्तेमाल करती है बल्कि लोगों को भी इन चीजों के प्रयोग के लिए प्रेरित करती हैं. इन्होंने अब तक गाय के गोबर और मुल्तानी मिट्टी समेत काली मिट्टी को मिलाकर कई सौंदर्य प्रसाधन चीजें और घर के सजावट में काम आने वाले वस्तुओं का भी निर्माण किया है. इतना ही नहीं काफी कम दर पर यह इन प्राकृतिक उत्पादों को लोगों तक भी उपलब्ध करा रही हैं.

इस लेप को लेकर लोगों में रुचि

प्राकृतिक वस्तुओं को लगातार बढ़ावा देने की मुहिम को सीमा पांडेय द्वारा निरंतर आगे बढ़ाए जा रहा है. इसका नतीजा है कि इस संक्रमण काल में बेहतरीन गुणों से समाहित इन उत्पाद और गोमय पेंट को लोगों ने भी अपनाने की बात कही है. खासकर महिलाएं चाहती हैं कि वह भी सीमा पांडेय के इस तकनीक को अपने घरों में प्रयोग करें ताकि महामारी के इस काल में अपने घर को सुरक्षित रख सकें.

वैश्विक महामारी और राष्ट्रीय आपदा कोरोना ने इस संकटकाल ने मानव जाति को एक बड़ी सीख दी है. प्रकृति से जुड़ने के साथ-साथ नेचुरल उत्पाद जिसे मनुष्य कभी रोजाना अपने जीवन में इस्तेमाल करता था उससे एक बार फिर जुड़ने का मौका मिल रहा है, जिससे प्रकृति और इंसान के बीच की दूरी एक बार फिर कम होती दिख रही है.

ये भी पढे़ं: टाटा स्टील में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का मामला, प्रबंधन ने व्यक्ति के खिलाफ दर्ज काराया केस

गोमय पेंट बनाने में उपयोग सामान

  • गाय का गोबर
  • काली मिट्टी
  • मुल्तानी मिट्टी
  • पंचगव्य- दूध, दही, गोमूत्र, गोरसे, गोघृत्र
  • नीम पत्ता
  • तुलसी पत्ता
  • एलोवेरा रस
Last Updated : Jun 15, 2020, 2:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.