सरायकेला: साल 2020 को कोरोना संकट के रूप में याद किया जाएगा, लेकिन सरायकेला -खरसावां जिले में कोरोना संकट के बीच यह साल सड़क दुर्घटनाओं के रूप में याद रहेगा. इस साल अब तक बीते 10 महीने में तेज रफ्तार का ऐसा कहर देखने को मिला है जिसने 80 जिंदगानियों को मौत की नींद सुला दिया.
शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब सरायकेला को कोल्हान से जुड़ने वाले इस खतरनाक सड़क पर कोई हादसा ना हुआ हो धीरे-धीरे अब यह सड़क पुलिस और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन कर उभर रहा है. लोग अब इस खतरनाक सड़क पर चलने से पहले कहते हैं कृपया जान बचाकर चलें.
यह सड़क है सरायकेला-टाटा मुख्य मार्ग. इस सड़क का 80 फीसदी हिस्सा सभी मुख्य मार्गों से होकर गुजरता है. इस सड़क को आगे टाटा- कांड्रा सड़क के रूप में भी जाना जाता है.
यह सड़क सरायकेला जिला मुख्यालय को पूर्वी सिंहभूम और दूसरी ओर कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा से जोड़ती है, करोड़ की लागत से चिकनी सड़क का निर्माण किया गया, ताकि यातायात व्यवस्था सुदृढ़ और सुचारू रहे ,लेकिन इस चिकनी सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों के पहिए कहां थामने वाले थे.
नतीजा यह निकला है कि जनवरी से लेकर अब तक बीते 10 महीनों में कुल 128 खतरनाक सड़क हादसे यहां हुए ,जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई ,जबकि 72 गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो वे भी चौंकाने वाले हैं
सड़क हादसों का आंकड़ा
महीना सड़क दुर्घटना मौत घायल
जनवरी- 14 11 05
फरवरी 14 09 07
मार्च 15 14 11
अप्रैल 01 01 00
मई 11 04 10
जून 11 07 05
जुलाई 17 10 07
अगस्त 13 06 07
सितम्बर 14 08 09
अक्टूबर 18 10 11
सड़क किनारे खड़े बड़े वाहन हैं दुर्घटना के कारण
सरायकेला जिले की प्रमुख सड़क पर कोल्हान प्रमंडल के दोनों जिले जमशेदपुर और चाईबासा से रोजाना सैकड़ों बड़े और भारी व्यवसायिक वाहनों का आवागमन औद्योगिक क्षेत्र की ओर होता रहता है.
तकरीबन 40 किलोमीटर लंबी इस सड़क के कई स्थानों पर बेतरतीब ढंग से बड़े और भारी व्यवसायिक वाहनों की पार्किंग भी सड़क दुर्घटना का एक मुख्य कारण बनती आ रही है.
खासकर रात के वक्त सड़क पर कम रोशनी होने के कारण अक्सर दोपहिया और चार पहिया वाहन इन वाहनों से टकराते हैं और भीषण सड़क हादसा होता है.
जिला परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर सड़क किनारे खड़े बड़े भारी वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है, लेकिन महज कुछ ही दिनों बाद स्थिति फिर जस की तस बनी रहती है.
जिले में नहीं है पार्किंग जोन
औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात सरायकेला और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में दिन भर भारी व्यवसायिक वाहनों का परिचालन होता है, यहां अन्य राज्यों से भी रोजाना सैकड़ों बड़े और भारी वाहन कच्चा माल आदि लेकर आते हैं ,जो स्थानीय उद्योगों तक पहुंचाया जाता है.
इसके अलावा इन उद्योगों से तैयार माल भी अन्य राज्यों को भेजा जाता है जिनमें बड़े वाहनों द्वारा परिवहन किया जाता है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र और जिले में पार्किंग जोन नहीं होने से मजबूरन इन बड़े वाहनों को सड़क किनारे ही पार्किंग में लगाया जाता है.
जिला प्रशासन द्वारा भारी वाहनों के पार्किंग के लिए स्थल चिन्हित किए जाने की प्रक्रिया की जा रही है, लेकिन अब तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है
ब्लैक स्पॉट और ओवर स्पीड भी है दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह सरायकेला-टाटा मुख्य मार्ग पर आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ोतरी जिला परिवहन विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है.
जिला परिवहन विभाग के अनुसार इस सड़क पर दुर्घटनाओं की मुख्य वजह ब्लैक स्पॉट और ओवर स्पीड भी है. जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने ईटीवी भारत को विशेष रुप से बताया कि इस सड़क पर 4 से भी अधिक स्थानों पर ब्लैक स्पॉट मौजूद है, जहां लगातार सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
परिवहन विभाग के मुताबिक सड़क के जिस भाग पर 500 मीटर के दायरे में 3 वर्ष तक 10 सड़क दुर्घटनाएं हुईं हो और इनमें पांच मौत होती हैं तो इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जाता है.
परिवहन विभाग इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने के बाद पथ निर्माण विभाग के सहयोग से वहां विशेष रूप से सड़क सुरक्षा को लेकर साइन बोर्ड, रंबल स्ट्रिप, रेडियम स्टीकर लगाए जाते हैं ताकि दुर्घटनाओं पर काबू पाया जाए.
चेकिंग और जागरूकता अभियान जारी
लगातार बढ़ रहीं सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर परिवहन विभाग के साथ-साथ जिला पुलिस ने भी सतर्कता बरती है.
हाल के दिनों में जिला पुलिस द्वारा जिले की इस प्रमुख सड़क समेत अन्य स्थानों पर चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
इसके तहत
- सड़कों का व्यापक सर्वे कर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.
- जिले के सभी ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर वहां स्पीड ब्रेकर और ड्रम आदि लगाए जा रहे हैं.
- प्रमुख चौक चौराहों पर गोल चक्कर निर्माण का प्रस्ताव लाया जाएगा.
- सड़क पर मौजूद वैसे अवरोध दिन से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें चिन्हित कर जल्द हटाया जाएगा.
- ड्रंक ड्राइविंग के विरुद्ध विशेष अभियान चलाए जा रहा है जहां ब्रेथ एनालाइजर मशीन द्वारा वाहन चालकों की जांच कर कार्रवाई की जा रही है.
चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब
सड़क दुर्घटना रोकथाम को लेकर जिले के इस महत्वपूर्ण सड़क पर कुल 11 स्थानों को चिन्हित कर वहां सीसीटीवी कैमरे तकरीबन 3 वर्ष पूर्व लगाए गए थे ताकि 24 घंटे सड़क की निगरानी की जा सके, लेकिन समुचित देखरेख के अभाव में आज अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं.
नतीजतन 24 घंटे मॉनिटरिंग नहीं की जा पा रही है, इधर जिला पुलिस द्वारा कैमरे ठीक करवाकर लगातार ऑनलाइन मॉनिटरिंग किए जाने का दावा किया गया है.
सामाजिक संगठन जुटे सड़क जागरूकता अभियान में
इधर जिला प्रशासन परिवहन विभाग के साथ-साथ जिले में कई ऐसे स्वयंसेवी और सामाजिक संगठन हैं, जो इन दिनों यातायात जागरुकता को लेकर अभियान चला रहे हैं तो वहीं कई ऐसे संगठन है जो लगातार सड़क जागरूकता को लेकर सरकार और स्थानीय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाते हैं,
सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा द्वारा सरायकेला-टाटा मुख्य सड़क पर व्याप्त समस्याओं को लेकर कई बार सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन को मामले से अवगत कराया गया है.
वहीं सामाजिक संस्था संत कबीर सेवा संस्थान इन दिनों जिले के अलग-अलग क्षेत्र में आम लोगों को यातायात नियमों का पालन करने और सड़क जागरूकता को लेकर अभियान चला रही है.
इसके तहत लोगों के बीच ट्रैफिक नियम पालन संबंधित पोस्टर और हैंड बिल बांटे जा रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिवर्ष दोपहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या में 10% का इजाफा होता है. ऐसे में साफ है कि सड़कों पर रोजाना गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है लिहाजा ट्रैफिक सिस्टम का दुरुस्त होना उतना ही आवश्यक हो जाता है जितना ट्रैफिक नियमों का पालन करना. ताकि सड़कों पर कम से कम दुर्घटना हो और इन दुर्घटना में कम से कम जानें जाएं