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मॉब लिंचिंग: गांव में कड़ा पहरा, प्रशासन से लेकर अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे - सरायकेला पुलिस

मॉब लिंचिंग की इस घटना के बाद एक ओर जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने एसआईटी के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल और युवक के गांव का दौरा किया.

मॉब लिंचिंग
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Published : Jun 25, 2019, 11:08 PM IST

सरायकेला: जिले के धातकीडीह गांव में 17 जून को हुए मॉब लिंचिंग मामले में जांच तेज हो गई है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के साथ ही ऑल इंडिया जमात उलमा की चार सदस्य टीम भी गांव पहुंची और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया.

मॉब लिंचिंग में होगी सजा!

दोनों पक्ष के लोगों से ली जानकारी
मॉब लिंचिंग की इस घटना के बाद एक ओर जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने एसआईटी के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कुल 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल और युवक के गांव का दौरा किया. साथ में दोनों पक्ष के लोगों से जानकारी ली.

'बेवजह परेशान किया जा रहा'
इस बीच ऑल इंडिया जमात उलमा के 4 सदस्य टीम ने भी मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवक शम्स तबरेज और सोनू के परिजनों से मुलाकात की. घटनास्थल पर जांच करने पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम के समक्ष गांव की महिलाओं ने मॉब लिंचिंग मामले को गलत करार दिया. साथ ही परिवार के सदस्यों को पुलिस द्वारा बेवजह परेशान करने और गिरफ्तार किए जाने की भी बात कही.

मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
मामले की जांच करने पहुंचे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने बताया कि दोनों पक्षों की बात आयोग के समक्ष आ चुकी है. पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे. आयोग के अध्यक्ष ने साफ किया कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. मृत युवक के परिजनों ने न्याय की आस के साथ आयोग के पास आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग उठाई है.

ये भी पढ़ें- बैठक में आराम से आते रहे अधिकारी, मंत्री ने लगा दी क्लास, एक दिन का वेतन भी 'गोल'

आयोग और सरकार के निर्णय का इंतजार
पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. गांव और घटनास्थल पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है. सोशल मीडिया पर पैनी निगाह जमाए हुए है. मॉब लिंचिंग को लेकर पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच अब राजनीति भी जमकर हो रही है. विपक्ष और सत्ता पक्ष अपने-अपने राग अलाप रहे हैं. तो वहीं अब सभी को इंतजार है तो आयोग और सरकार के निर्णय का.

सरायकेला: जिले के धातकीडीह गांव में 17 जून को हुए मॉब लिंचिंग मामले में जांच तेज हो गई है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के साथ ही ऑल इंडिया जमात उलमा की चार सदस्य टीम भी गांव पहुंची और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया.

मॉब लिंचिंग में होगी सजा!

दोनों पक्ष के लोगों से ली जानकारी
मॉब लिंचिंग की इस घटना के बाद एक ओर जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने एसआईटी के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कुल 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल और युवक के गांव का दौरा किया. साथ में दोनों पक्ष के लोगों से जानकारी ली.

'बेवजह परेशान किया जा रहा'
इस बीच ऑल इंडिया जमात उलमा के 4 सदस्य टीम ने भी मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवक शम्स तबरेज और सोनू के परिजनों से मुलाकात की. घटनास्थल पर जांच करने पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम के समक्ष गांव की महिलाओं ने मॉब लिंचिंग मामले को गलत करार दिया. साथ ही परिवार के सदस्यों को पुलिस द्वारा बेवजह परेशान करने और गिरफ्तार किए जाने की भी बात कही.

मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
मामले की जांच करने पहुंचे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने बताया कि दोनों पक्षों की बात आयोग के समक्ष आ चुकी है. पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे. आयोग के अध्यक्ष ने साफ किया कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. मृत युवक के परिजनों ने न्याय की आस के साथ आयोग के पास आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग उठाई है.

ये भी पढ़ें- बैठक में आराम से आते रहे अधिकारी, मंत्री ने लगा दी क्लास, एक दिन का वेतन भी 'गोल'

आयोग और सरकार के निर्णय का इंतजार
पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. गांव और घटनास्थल पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है. सोशल मीडिया पर पैनी निगाह जमाए हुए है. मॉब लिंचिंग को लेकर पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच अब राजनीति भी जमकर हो रही है. विपक्ष और सत्ता पक्ष अपने-अपने राग अलाप रहे हैं. तो वहीं अब सभी को इंतजार है तो आयोग और सरकार के निर्णय का.

Intro:सरायकेला खरसावां जिले में हुए मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच आज राज्य अल्पसंख्यक आयोग के तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल समेत मॉब लिंचिंग के शिकार युवक शम्स तबरेज के गांव जाकर पूरे मामले की जांच की।


Body:मॉब लिंचिंग के इस घटना के बाद एक और जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि इस मामले में कुल 100 अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है । वहीं आज राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्य टीम ने घटनास्थल और मृत युवक के गांव का दौरा किया साथ में दोनों पक्ष के लोगों से जानकारियां प्राप्त की राज्य अल्पसंख्यक आयोग के इस टीम में मुख्य रूप से आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ,उपाध्यक्ष अशोक सारंगी, उपाध्यक्ष गुरदीप सिंह राजा मुख्य रूप से शामिल रहे हैं।

इस बीच ऑल इंडिया जमात उलमा के 4 सदस्य टीम ने भी मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवक शम्स तबरेज और सोनू के परिजनों से मुलाकात कर जानकारी हासिल की। आज घटनास्थल पर जांच करने पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम के समक्ष गांव की महिलाओं ने मॉब लिंचिंग मामले को गलत करार दिया साथी परिवार के सदस्यों को पुलिस द्वारा बेवजह परेशान करने और गिरफ्तार किए जाने की भी बात धातकीडीह गांव की महिलाओं ने कहीं। जिला प्रशासन द्वारा मृत युवक शम्स तबरेज तबरेज और उसके दो अन्य साथियों द्वारा चोरी की नियत से आधी रात में गांव में प्रवेश किए जाने के मामले पर मुहर लगाए जाने के बाद आज गांव की महिलाओं ने मॉब लिंचिंग मामले में मौत को गलत करार दिया है गांव की महिलाओं का मानना है कि 17 जून की रात ग्रामीणों की पिटाई के बाद जब अगले सुबह पुलिस ने मृतक शम्स तबरेज को हिरासत में लिया तो वह पुलिस कस्टडी में चलकर गांव से गया था जबकि इस घटना के 5 दिनों बाद उसकी मौत हुई है। वहीं ग्रामीण एसआईटी अल्पसंख्यक आयोग और जिला प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

मामले की जांच करने पहुंचे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने बताया कि दोनों पक्षों की बात आयोग के समक्ष आ चुकी है इसके बाद आगे भी जिला प्रशासन के साथ मिलकर राज्य सरकार को पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे आयोग के अध्यक्ष ने साफ किया कि मामले के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई भी होगी, मृत युवक के परिजनों ने न्याय की आस के साथ आयोग के समक्ष मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने के भी मांग उठाई है।

पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है स्थानीय जिला प्रशासन ने मृत युवक के गांव और घटनास्थल पर कड़ा पहरा लगा दिया है जबकि प्रशासन भी लगातार सोशल मीडिया पर पैनी निगाह जमाए हुए हैं।




Conclusion:मॉब लिंचिंग के मामले को लेकर पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच अब राजनीति भी जमकर हो रही है विपक्ष और सत्ता पक्ष अपने-अपने राग अलाप रहे हैं तो वहीं अब सभी को इंतजार है तो आयोग और सरकार निर्णय का।


बाइट- मृतक का चाचा

बाइट- कमाल खान , अध्यक्ष , राज्य अल्पसंख्यक आयोग।

बाइट- मोहम्मद आज़मी, महासचिव, AIJA.

बाइट- लक्ष्मी सरदार, पूर्व मुखिया , धातकीडीह गांव ।

बाइट- बशारत कयूम , सिविल एसडीओ ।

बाइट- अविनाश कुमार, एसडीपीओ, सरायकेला

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