सरायकेला: जिले के धातकीडीह गांव में 17 जून को हुए मॉब लिंचिंग मामले में जांच तेज हो गई है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के साथ ही ऑल इंडिया जमात उलमा की चार सदस्य टीम भी गांव पहुंची और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया.
दोनों पक्ष के लोगों से ली जानकारी
मॉब लिंचिंग की इस घटना के बाद एक ओर जहां जिला और पुलिस प्रशासन ने एसआईटी के गठन के साथ कार्रवाई करते हुए मामले के नामजद 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कुल 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के 3 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल और युवक के गांव का दौरा किया. साथ में दोनों पक्ष के लोगों से जानकारी ली.
'बेवजह परेशान किया जा रहा'
इस बीच ऑल इंडिया जमात उलमा के 4 सदस्य टीम ने भी मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवक शम्स तबरेज और सोनू के परिजनों से मुलाकात की. घटनास्थल पर जांच करने पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम के समक्ष गांव की महिलाओं ने मॉब लिंचिंग मामले को गलत करार दिया. साथ ही परिवार के सदस्यों को पुलिस द्वारा बेवजह परेशान करने और गिरफ्तार किए जाने की भी बात कही.
मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
मामले की जांच करने पहुंचे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने बताया कि दोनों पक्षों की बात आयोग के समक्ष आ चुकी है. पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट सौंपेंगे. आयोग के अध्यक्ष ने साफ किया कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. मृत युवक के परिजनों ने न्याय की आस के साथ आयोग के पास आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग उठाई है.
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आयोग और सरकार के निर्णय का इंतजार
पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. गांव और घटनास्थल पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है. सोशल मीडिया पर पैनी निगाह जमाए हुए है. मॉब लिंचिंग को लेकर पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच अब राजनीति भी जमकर हो रही है. विपक्ष और सत्ता पक्ष अपने-अपने राग अलाप रहे हैं. तो वहीं अब सभी को इंतजार है तो आयोग और सरकार के निर्णय का.