सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में करोड़ों की प्रस्तावित बृहद जलापूर्ति योजना के तहत सीतारामपुर जलाशय से जलापूर्ति किए जाने की योजना के तहत डैम में वर्षों से जमे गंदगी और गाद को हटाने की योजना शामिल नहीं की गई है. इस मामले पर सामाजिक संगठन झारखंड लीगल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (जलाडो) ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है.
सालों पहले बने सीतारामपुर डैम में वर्तमान में भारी मात्रा में गंदगी और गाद जमा होने के कारण डैम में जल धारण की क्षमता लगातार कम हो रही है. इस समस्या को लेकर झारखंड लीगल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन संस्था द्वारा पहले ही झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. जिसके आलोक में हाई कोर्ट ने पेयजल और स्वच्छता विभाग को डैम के गहराई और साफ-सफाई किए जाने से संबंधित निर्देश दिए थे.हालांकि इस बीच नगर निगम क्षेत्र के लिए जलापूर्ति निर्माण योजना की शुरुआत कर दी गई है, लेकिन इस योजना में डैम के साफ-सफाई और गहरीकरण का प्रावधान शामिल नहीं है. इस पूरे मुद्दे पर जलाडो के अध्यक्ष और अधिवक्ता ओमप्रकाश ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है. सामाजिक संस्था के प्रयास से पेयजल विभाग ने प्रस्तावित जलापूर्ति योजना के तहत डैम के गाद सफाई किए जाने की मांग राज्य नगर विकास विभाग से की है. अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि करोड़ों की इस योजना में सबसे महत्वपूर्ण डैम के गाद को हटाना और गहरीकरण को शामिल नहीं किया जाना घोर आपत्ति का विषय है. उन्होंने बताया कि डैम में क्षमता के अनुरूप पानी संग्रह नहीं होगा तो बेहतर तरीके से लोगों को जलापूर्ति भी नहीं की जा सकेगी. वहीं, डैम में बराज से 1.12 घन मीटर प्रति सेकंड पानी की जलापूर्ति की जाएगी. ऐसे में डैम के गहरीकरण नहीं होने से यह योजना सफल नहीं हो पायेगी.
डैम और योजना नगर निगम को होगा हैंड ओवर
इधर इस मुद्दे पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीक्षण अभियंता सदानंद मंडल ने कहा कि नगर विकास विभाग को डैम जल आपूर्ति से संबंधित सभी योजनाएं हस्तांतरित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि डैम के सफाई के मामले को लेकर विभाग के वरीय अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. जबकि इनका मानना है कि डैम का निचला स्तर जिसके सफाई की मांग उठ रही है, वो उपयोग विहीन है. हालांकि उन्होंने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि डैम की सफाई अति आवश्यक है.