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सरायकेला में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना, 10 सूत्री मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन - सरायकेला में धरना प्रदर्शन

सरायकेला में झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया. धरना सिविल सर्जन कार्यालय के सामने दिया गया है.

protest of outsourcing health workers in seraikela
आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों का धरना
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Published : Nov 8, 2020, 8:28 AM IST

Updated : Nov 8, 2020, 9:01 AM IST

सरायकेला: झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले सेवा समाप्त किए गए जिले के 177 आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरना दिया. इसके साथ ही सदर अस्पताल परिसर में उनकी ओर से अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत की गयी.

इस संबंध में संघ के जिलाध्यक्ष अमरेश दास, सचिव जयपाल सिंह सोय और कोषाध्यक्ष लव कुमार मंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कंप्यूटर ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर, चालक, स्वीपर और वार्ड बॉय के तौर पर सेवाएं दी गई हैं.

ये भी पढ़ें-राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के सदस्यों ने की CM हेमंत सोरेन से मुलाकात

तेजस इंटरप्राइजेज की ओर से विभिन्न पत्रों के माध्यम से आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. अल्प भत्ते पर कार्य कर रहे सभी आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारी कोविड-19 कोरोना महामारी में भी समर्पण भाव से सेवा दिए हैं, जिसके बाद छंटनी के कारण सभी सड़क पर आ चुके हैं.

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मुख्य मांग:-

1. छंटनी रद्द करते हुए सभी कर्मियों की सेवा वापस ली जाए.
2. बीते 6 महीने का बकाया मानदेय सभी कर्मियों के बैंक खातों में जमा कराया जाए.
3. विभाग के निर्धारित मानकों के अनुसार इपीएफ कटौती, बीमा की राशि और एजेंसी की ओर से कटौती राशि भी विगत अक्टूबर 2019 से लंबित को कर्मचारियों को भुगतान कराया जाए.
4. विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप मासिक मानदेय भुगतान ससमय किया जाए.
5. आउटसोर्सिंग एजेंसी की ओर से स्वास्थ्य विभाग के दिए गए किसी भी नियमों की अवहेलना नहीं की जाए.
6. कोविड-19 के समय विभाग के जारी निर्देशों के आलोक में मानदेय भी भुगतान कराया जाए.
7. भविष्य में छटनी और सेवा वापस लेने की कार्रवाई की पुनरावृति रोकने के लिए कमेटी का भी गठन किया जाए.
8. निर्धारित मानकों के अनुरूप वर्दी उपलब्ध कराई जाए.
9. सिविल सर्जन की ओर से इस संबंध में निर्गत पत्र भी रद्द कराया जाए.
10. सिविल सर्जन के माध्यम से संयुक्त समिति गठित की जाए जिसमें श्रम नियोजन पदाधिकारी को भी शामिल किया जाए.

सरायकेला: झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले सेवा समाप्त किए गए जिले के 177 आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरना दिया. इसके साथ ही सदर अस्पताल परिसर में उनकी ओर से अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत की गयी.

इस संबंध में संघ के जिलाध्यक्ष अमरेश दास, सचिव जयपाल सिंह सोय और कोषाध्यक्ष लव कुमार मंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कंप्यूटर ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर, चालक, स्वीपर और वार्ड बॉय के तौर पर सेवाएं दी गई हैं.

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तेजस इंटरप्राइजेज की ओर से विभिन्न पत्रों के माध्यम से आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. अल्प भत्ते पर कार्य कर रहे सभी आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारी कोविड-19 कोरोना महामारी में भी समर्पण भाव से सेवा दिए हैं, जिसके बाद छंटनी के कारण सभी सड़क पर आ चुके हैं.

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मुख्य मांग:-

1. छंटनी रद्द करते हुए सभी कर्मियों की सेवा वापस ली जाए.
2. बीते 6 महीने का बकाया मानदेय सभी कर्मियों के बैंक खातों में जमा कराया जाए.
3. विभाग के निर्धारित मानकों के अनुसार इपीएफ कटौती, बीमा की राशि और एजेंसी की ओर से कटौती राशि भी विगत अक्टूबर 2019 से लंबित को कर्मचारियों को भुगतान कराया जाए.
4. विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप मासिक मानदेय भुगतान ससमय किया जाए.
5. आउटसोर्सिंग एजेंसी की ओर से स्वास्थ्य विभाग के दिए गए किसी भी नियमों की अवहेलना नहीं की जाए.
6. कोविड-19 के समय विभाग के जारी निर्देशों के आलोक में मानदेय भी भुगतान कराया जाए.
7. भविष्य में छटनी और सेवा वापस लेने की कार्रवाई की पुनरावृति रोकने के लिए कमेटी का भी गठन किया जाए.
8. निर्धारित मानकों के अनुरूप वर्दी उपलब्ध कराई जाए.
9. सिविल सर्जन की ओर से इस संबंध में निर्गत पत्र भी रद्द कराया जाए.
10. सिविल सर्जन के माध्यम से संयुक्त समिति गठित की जाए जिसमें श्रम नियोजन पदाधिकारी को भी शामिल किया जाए.

Last Updated : Nov 8, 2020, 9:01 AM IST

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