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यहां 'हरियाली दशहरा' मनाने की है अनूठी परंपरा, 10 दिनों तक किया जाता है राम रूपी वृक्ष का अवतरण - सरायकेला में हरियाली दशहरा

सरायकेला में दशहरा पर्व को यहां के लोग प्रदूषण रूपी रावण का खात्मा करने के लिए हरियाली दशहरा के रूप में मना रहे हैं. यह परंपरा पिछले दो सालों से इस जिले में जारी है. इसकी पहल संत कबीर सेवा संस्थान ने की है. यह संस्था लोगों को दशहरा के 10 दिन कम से कम 10 पेड़ लगाने को प्रेरित करती है.

Hariyali Dussehra in seraikela
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Published : Oct 20, 2020, 3:36 PM IST

सरायकेला: असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पूरे भारत देश में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. 10 दिनों तक दशहरा और दुर्गा पूजा के दौरान लोग विशेष रुप से मां दुर्गा और विजयादशमी पर भगवान श्री राम की आराधना करते हैं. इन 10 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और देवी का हर एक रूप किसी ना किसी कथा और संदेश को उजागर करता है. पूरे सनातन समाज में दशहरा पर्व को अलग-अलग तरीकों से भी मनाया जाता है लेकिन सरायकेला-खरसावां जिले में एक ऐसी संस्था कार्यरत है जो विगत सालों से दशहरा पर्व को हरियाली दशहरा के रूप में मनाती है. हरियाली दशहरा मनाने का मुख्य उद्देश्य 10 दिनों में 10 राम रूपी पेड़ लगाकर प्रदूषण रूपी दानव के रूप में रावण का अंत किए जाने का संदेश देना है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-झाड़-फूंक से नहीं होता रैबीज का इलाज, कुत्ता काटे तो अस्पताल में मुफ्त लगवाएं वैक्सीन

जानकारी के अनुसार सरायकेला जिले में पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत संतकबीर सेवा संस्थान बीते 2 सालों से दशहरा को हरियाली दशहरा के रूप में मनाती आई है. प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के साथ पौधारोपण अभियान को विशेष तौर पर आम लोगों से जोड़ने के उद्देश्य से सशक्त क्रांतिकारी अभियान की शुरुआत संस्था ने 2 वर्ष पूर्व की थी. दुर्गा पूजा यानी दशहरा के इस 10 दिनों की अवधि में संस्था शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों को पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करती है और लोगों के बीच निशुल्क पौधों का भी वितरण किया जाता है. हरियाली दशहरा के अलावा सालों भर पौधारोपण कार्यक्रम चलाकर संस्था ने अब तक हजारों पौधे लगाने का काम किया है.

दशहरा के 10 दिनों में 10 वृक्ष लगाने का संकल्प

संत कबीर सेवा संस्थान हरियाली थीम के तहत सालों भर महा पौधारोपण अभियान के तहत 'एक पेड़ आपके नाम' मुहिम चलाया जाता है. इस मुहिम की एक कड़ी है 'हरियाली दशहरा' जिसे लेकर संस्था दशहरा के इन 10 दिनों में प्रति व्यक्ति को यह संकल्प दिलाती है कि वे इन 10 दिनों में कम से कम 10 पौधे लगाने का संकल्प लें. संस्था लोगों को नि:शुल्क पौधा उपलब्ध कराती है. इतना ही नहीं जो लोग पौधा लगाने के बाद उसकी देखरेख करने में असमर्थ रहते हैं, उनके बदले संस्था स्वयं उस पौधे को पालने का काम भी करती है.

रावण दहन के बजाय पौधारोपण परंपरा की कर रहे शुरुआत

अमूमन दशहरा के अंतिम दिन विजयदशमी पर असत्य पर सत्य की विजय के संदेश को लेकर तमाम लोग रावण दहन करते हैं. संस्था का मानना है कि शहरी क्षेत्र जहां पहले से प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है वहां रावण दहन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर प्रदूषण बढ़ाने के मुहिम को और बढ़ावा दिया जाता है, लिहाजा संतकबीर सेवा संस्थान ने इस परंपरा को खत्म करने को लेकर जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की है.

ये भी पढ़ें-अंतिम चयनित से अधिक अंक आने के बाद भी नहीं मिली नौकरी, हाई कोर्ट ने याचिका किया खारिज

संस्था के निदेशक दिग्विजय भारत बताते हैं कि उन्होंने अब तक सैकड़ों स्थान पर जाकर लोगों को दशहरा पर रावण ना जला कर मनुष्य के मन में बैठे रावण को मार राम रूप के वृक्ष लगाने का आह्वान किया है. नतीजतन लोगों में प्रकृति संरक्षण और पौधारोपण के प्रति जागरूकता भी देखी जा रही है.

10 प्लांटेशन थीम 'एक पेड़ आपके नाम'

संस्था थीम 10 पौधारोपण सघन अभियान के तहत एक पेड़ आपके नाम महा पौधारोपण अभियान विगत कई सालों से आयोजित करती आई है. इस अभियान के तहत संस्था लोगों को 10 ऐसे अवसर जिन्हें वे आजीवन याद रखें उन्हें पौधारोपण के साथ यादों में संजोए रखने का भी काम करती है. इस अभियान के तहत संस्था ने 10 ऐसे वृक्ष तैयार किए हैं जो विभिन्न मौकों पर स्मृति के रूप में लगाए जा सकते हैं जो इस प्रकार हैं--

1. शुभारंभ वृक्ष

2. जन्मोत्सव वृक्ष

3. मित्रता वृक्ष

4. विवाह वृक्ष

5. सालगिरह वृक्ष

6. मात्री- पितृ वृक्ष

7. उपहार वृक्ष

8. त्योहार वृक्ष

9. सफलता वृक्ष और

10. स्मृति वृक्ष

दशहरा पर महिलाओं को सबल बनाने की मुहिम है 'बेटी रक्षा दल'

संतकबीर सेवा संस्थान हरियाली दशहरा थीम के अलावा इस साल दशहरा पर विशेष रूप से शक्ति की स्वरूप महिलाओं को सशक्त और सबल बनाने के प्रति 'बेटी रक्षा दल' का भी गठन किया जा रहा है. इस मुहिम के तहत संस्था विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर महिलाओं को जागरूक करते हुए सबल और सशक्त बनाने की प्रेरणा दी जा रही है. बेटियों की रक्षा के उद्देश्य से बेटी रक्षा दल विभिन्न क्षेत्रों में गठन किया गया है. पौधारोपण के साथ महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी संस्था कार्य कर रही है, जिसे महिला समूह की ओर से सराहा जा रहा है.

संस्थान के अभियान को जिला प्रशासन का भी मिल रहा साथ

संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लगातार सकारात्मक प्रयास और पहल किए जाने का असर अब दिखने लगा है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर जिला प्रशासन भी संस्था के प्रयासों की प्रशंसा करती है. जिले के उप विकास आयुक्त प्रवीण गागराई और उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने संस्था की ओर से किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहायता प्रदान किए जाने की बात कही है.

संतकबीर सेवा संस्थान और इससे जुड़े लोगों की ओर से इस दशहरा प्रदूषण रूपी रावण को मारने 'राम रूपी वृक्ष' अवतरण का संकल्प और महिलाओं के सशक्तिकरण का जो बीड़ा उठाया गया है, वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है. जरूरत है कि इस मुहीम को लगातार आगे बढ़ाने की ताकि सशक्त समाज की बुनियाद रखी जा सके.

सरायकेला: असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पूरे भारत देश में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. 10 दिनों तक दशहरा और दुर्गा पूजा के दौरान लोग विशेष रुप से मां दुर्गा और विजयादशमी पर भगवान श्री राम की आराधना करते हैं. इन 10 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और देवी का हर एक रूप किसी ना किसी कथा और संदेश को उजागर करता है. पूरे सनातन समाज में दशहरा पर्व को अलग-अलग तरीकों से भी मनाया जाता है लेकिन सरायकेला-खरसावां जिले में एक ऐसी संस्था कार्यरत है जो विगत सालों से दशहरा पर्व को हरियाली दशहरा के रूप में मनाती है. हरियाली दशहरा मनाने का मुख्य उद्देश्य 10 दिनों में 10 राम रूपी पेड़ लगाकर प्रदूषण रूपी दानव के रूप में रावण का अंत किए जाने का संदेश देना है.

देखें पूरी खबर

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जानकारी के अनुसार सरायकेला जिले में पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत संतकबीर सेवा संस्थान बीते 2 सालों से दशहरा को हरियाली दशहरा के रूप में मनाती आई है. प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के साथ पौधारोपण अभियान को विशेष तौर पर आम लोगों से जोड़ने के उद्देश्य से सशक्त क्रांतिकारी अभियान की शुरुआत संस्था ने 2 वर्ष पूर्व की थी. दुर्गा पूजा यानी दशहरा के इस 10 दिनों की अवधि में संस्था शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों को पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करती है और लोगों के बीच निशुल्क पौधों का भी वितरण किया जाता है. हरियाली दशहरा के अलावा सालों भर पौधारोपण कार्यक्रम चलाकर संस्था ने अब तक हजारों पौधे लगाने का काम किया है.

दशहरा के 10 दिनों में 10 वृक्ष लगाने का संकल्प

संत कबीर सेवा संस्थान हरियाली थीम के तहत सालों भर महा पौधारोपण अभियान के तहत 'एक पेड़ आपके नाम' मुहिम चलाया जाता है. इस मुहिम की एक कड़ी है 'हरियाली दशहरा' जिसे लेकर संस्था दशहरा के इन 10 दिनों में प्रति व्यक्ति को यह संकल्प दिलाती है कि वे इन 10 दिनों में कम से कम 10 पौधे लगाने का संकल्प लें. संस्था लोगों को नि:शुल्क पौधा उपलब्ध कराती है. इतना ही नहीं जो लोग पौधा लगाने के बाद उसकी देखरेख करने में असमर्थ रहते हैं, उनके बदले संस्था स्वयं उस पौधे को पालने का काम भी करती है.

रावण दहन के बजाय पौधारोपण परंपरा की कर रहे शुरुआत

अमूमन दशहरा के अंतिम दिन विजयदशमी पर असत्य पर सत्य की विजय के संदेश को लेकर तमाम लोग रावण दहन करते हैं. संस्था का मानना है कि शहरी क्षेत्र जहां पहले से प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है वहां रावण दहन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर प्रदूषण बढ़ाने के मुहिम को और बढ़ावा दिया जाता है, लिहाजा संतकबीर सेवा संस्थान ने इस परंपरा को खत्म करने को लेकर जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की है.

ये भी पढ़ें-अंतिम चयनित से अधिक अंक आने के बाद भी नहीं मिली नौकरी, हाई कोर्ट ने याचिका किया खारिज

संस्था के निदेशक दिग्विजय भारत बताते हैं कि उन्होंने अब तक सैकड़ों स्थान पर जाकर लोगों को दशहरा पर रावण ना जला कर मनुष्य के मन में बैठे रावण को मार राम रूप के वृक्ष लगाने का आह्वान किया है. नतीजतन लोगों में प्रकृति संरक्षण और पौधारोपण के प्रति जागरूकता भी देखी जा रही है.

10 प्लांटेशन थीम 'एक पेड़ आपके नाम'

संस्था थीम 10 पौधारोपण सघन अभियान के तहत एक पेड़ आपके नाम महा पौधारोपण अभियान विगत कई सालों से आयोजित करती आई है. इस अभियान के तहत संस्था लोगों को 10 ऐसे अवसर जिन्हें वे आजीवन याद रखें उन्हें पौधारोपण के साथ यादों में संजोए रखने का भी काम करती है. इस अभियान के तहत संस्था ने 10 ऐसे वृक्ष तैयार किए हैं जो विभिन्न मौकों पर स्मृति के रूप में लगाए जा सकते हैं जो इस प्रकार हैं--

1. शुभारंभ वृक्ष

2. जन्मोत्सव वृक्ष

3. मित्रता वृक्ष

4. विवाह वृक्ष

5. सालगिरह वृक्ष

6. मात्री- पितृ वृक्ष

7. उपहार वृक्ष

8. त्योहार वृक्ष

9. सफलता वृक्ष और

10. स्मृति वृक्ष

दशहरा पर महिलाओं को सबल बनाने की मुहिम है 'बेटी रक्षा दल'

संतकबीर सेवा संस्थान हरियाली दशहरा थीम के अलावा इस साल दशहरा पर विशेष रूप से शक्ति की स्वरूप महिलाओं को सशक्त और सबल बनाने के प्रति 'बेटी रक्षा दल' का भी गठन किया जा रहा है. इस मुहिम के तहत संस्था विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर महिलाओं को जागरूक करते हुए सबल और सशक्त बनाने की प्रेरणा दी जा रही है. बेटियों की रक्षा के उद्देश्य से बेटी रक्षा दल विभिन्न क्षेत्रों में गठन किया गया है. पौधारोपण के साथ महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी संस्था कार्य कर रही है, जिसे महिला समूह की ओर से सराहा जा रहा है.

संस्थान के अभियान को जिला प्रशासन का भी मिल रहा साथ

संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लगातार सकारात्मक प्रयास और पहल किए जाने का असर अब दिखने लगा है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर जिला प्रशासन भी संस्था के प्रयासों की प्रशंसा करती है. जिले के उप विकास आयुक्त प्रवीण गागराई और उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने संस्था की ओर से किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहायता प्रदान किए जाने की बात कही है.

संतकबीर सेवा संस्थान और इससे जुड़े लोगों की ओर से इस दशहरा प्रदूषण रूपी रावण को मारने 'राम रूपी वृक्ष' अवतरण का संकल्प और महिलाओं के सशक्तिकरण का जो बीड़ा उठाया गया है, वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है. जरूरत है कि इस मुहीम को लगातार आगे बढ़ाने की ताकि सशक्त समाज की बुनियाद रखी जा सके.

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