सरायकेला: जिले के बालमित्र थाना (balmitra police station of Seraikela) में नाबालिग मोहन मुर्मू (17) के संदेहास्पद मौत मामले में परिजनों के लिखित शिकायत पर थाना प्रभारी मनोहर कुमार समेत ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है (FIR Registered Against SI in Police Custody Minor Suicide Case). सरायकेला थाना कांड संख्या 126/22 के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए जांच का जिम्मा सरायकेला सर्किल इंस्पेक्टर सह प्रभारी राम अनूप महतो को सौंपा गया है.
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एफआईआर दर्ज: मृतक के पिता दुबाई मार्डी के लिखित शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. जिसमें मुखिया प्रतिनिधि मोनो सामड को गवाह बनाया गया है. शुक्रवार देर रात सरायकेला थाना में मृतक के परिजन के साथ जिला परिषद सदस्य घाटशिला देवियानी मुर्मू, मुखिया संघ के अध्यक्ष लालमोहन सिंह, सचिव निताई मुंडा, मुखिया प्रतिनिधि मोनो सामड, जुझार, सपन और भीम कार्रवाई की मांग पर अड़े थे.
क्या है पूरा मामला: सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश (Seraikela SP Anand Prakash) के साथ घंटों चले वार्ता के बाद केस दर्ज किया गया है. पूर्व में पुलिस जहां घटना को आत्महत्या मान रही थी, वहीं परिजनों ने इसे आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. परिजनों ने सरायकेला थाना पहुंचकर थाना प्रभारी और अन्य के विरुद्ध लिखित रूप से शिकायत की. जिसमें सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार और एसआई रामदेव दास पर नाबालिग और उसके परिवार के साथ प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. साथ ही थाना प्रभारी और एसआई को बर्खास्त करने की मांग भी की गई है. पीड़ित परिवार को राहत देने के लिए कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की भी मांग रखी गई है. वहीं परिवार वालों की मांग जब तक पूरी नहीं होती है तब तक नाबालिग का शव रिसीव नहीं किया जाएगा.
लड़के को छोड़ने के लिए थानेदार ने मांगी थी रिश्वत: जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू ने बताया कि मृत नाबालिग लड़के की मानसिक स्थिति आत्महत्या करने जैसी नहीं थी. पुलिस ने बताया कि उसने बेल्ट से आत्महत्या की जबकि वह बेल्ट नहीं लगाता था. इन्होंने कहा कि लड़के को छोड़ने के लिए 80 हजार रुपये की मांग अपने एक मातहत द्वारा सरायकेला थाना प्रभारी ने की थी. ये लोग पैसे देने में असमर्थ थे. इन्होंने शक व्यक्त किया कि पुलिस की प्रताड़ना से उसकी मौत हुई है. बाद में उसे आत्महत्या दर्शाया गया. बिना लड़की पक्ष की शिकायत किये लड़के को तीन दिन थाना में रख प्रताड़ित किया गया था.