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मोमेंटम झारखंड के तहत जमीन के बदले जियाडा को दिए थे पैसे, नहीं हुआ कोई कार्य

झारखंड की पूर्व बीजेपी सरकार ने राज्य में मोमेंटम झारखंड की शुरुआत की थी. इसके तहत राज्य में नए उद्योग स्थापित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी इस योजना पर कोई काम नहीं हो पाया है, जबकि उद्यमियों से जमीन के पैसे भी ले लिए गए हैं.

epreneurs of Jharkhand feeling cheated
ठगे महसूस कर रहे उद्यमी
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Published : Feb 26, 2020, 9:14 AM IST

सरायकेला: झारखंड सरकार ने 3 साल पहले मोमेंटम झारखंड की शुरुआत की थी, जिसके तहत राज्य में अधिक से अधिक नए उद्योग स्थापित किए जाने और रोजगार सृजन किए जाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद यह योजना अब तक कागजों पर ही सिमट कर रह गई है, जबकि जमीनी हकीकत 3 साल बाद भी जस की तस है.

देखें पूरी खबर

सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र समेत जिले के अन्य क्षेत्र में उद्योग स्थापित किए जाने को लेकर झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार, जियाडा ने सैकड़ों उद्यमियों को नए उद्योग स्थापित किए जाने के उद्देश्य से एकमुश्त राशि लेकर जमीन आवंटित किया था, जहां औद्योगिक विकास और उद्योग की संरचना को लेकर कई योजनाएं तैयार किए गए थे, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी उद्योग के लिए प्रस्तावित इन जमीन पर रोड मैप तक तैयार नहीं हो सका है.

इसे भी पढ़ें:- बुद्धेश्‍वर हत्‍याकांड: आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े

सरायकेला के अलावा पूर्वी सिंहभूम में भी उद्योग विभाग ने नए उद्योग, अस्पताल, निजी यूनिवर्सिटी स्थापित किए जाने को लेकर प्लॉट आवंटित किए गए थे, इनमें से ज्यादातर औद्योगिक प्लॉट सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है. योजना के अनुसार औद्योगिक विकास को लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास करना था और वहां उद्योग स्थापित किए जाने के साथ सड़क, बिजली, पानी जैसे तमाम मूलभूत सुविधाओं को बहाल किए जाने की भी योजना थी, लेकिन तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में यह योजना पूरी नहीं हो सकी, जिसके बाद मोटी रकम चुकाने वाले उद्यमी अब खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं.

जमीन आवंटित होते ही रेंट हुआ शुरू

3 साल पहले ऑनलाइन बोली लगाकर उद्यमियों ने ऊंची कीमत पर अपने अपने उद्योग को स्थापित करने के लिए जियाडा में पैसे जमा किए थे. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उद्योग के लिए जमीन आवंटित होते ही जमीन का रेंट कटने लगा है. उधमी 3 साल से इसी आस में रहे की जल्द ही सरकार वहां विकास कार्य शुरू करेगी ,लेकिन 3 साल में एक इंच भी निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ा, जिससे उद्यमियों में नाराजगी है. वहीं कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र हैं जहां जाने के लिए रास्ते तक नहीं है, ऐसे में उद्यमी बिना उद्योग लगाए ही सरकार को मोटी रकम देने को विवश हैं. वहीं कई उद्यमी ऐसे भी हैं जिन्होंने बैंक से लोन लेकर उद्योग के लिए जमीन आवंटित करवाया था, उन्हें अब लोन चुकता करने के एवज में बिना काम के ही बैंक को भी रकम चुकाना पड़ रहा है, ऐसे में उद्यमियों के लिए यह दोहरा घाटा साबित हो रहा है.

सैकड़ों उद्योग के लिए जमीन हुए हैं आवंटित

पूर्व की सरकार ने मोमेंटम झारखंड के तहत उद्योग स्थापित किए जाने की योजना तैयार की थी, इस योजना के तहत 3 साल में तीन अलग-अलग मोमेंटम झारखंड के तहत सरायकेला समेत पूर्वी सिंहभूम जिले के कई क्षेत्र में सैकड़ों नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित किए गए थे. इसके अलावा अब भी क्षेत्र में जमीन आवंटन की प्रक्रिया निरंतर जारी है.

उद्योग विभाग के उदासीनता के कारण लंबित हुए औद्योगिक योजना

राज्य के उद्योग विभाग के तत्परता नहीं दिखाने के कारण तीन वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में जमीन आवंटित किए जाने के बाद भी उद्योग स्थापित किए जाने को लेकर पहल नहीं की जा सकी है. इधर इस समस्या पर जियाडा की क्षेत्रीय उप निदेशक रंजना मिश्रा ने बताया कि लगातार उद्यमियों की शिकायत मिलने के बाद संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में विकास के कार्य शुरू किए जाने की योजना तैयार कर ली गई है . उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग और जियाडा के रांची प्रक्षेत्र से भी मामला संबंधित होने के कारण विलंब हो रहा है. क्षेत्रीय उप निदेशक ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार और उद्योग सचिव को भी मामले से अवगत करा दिया गया है.

सरायकेला: झारखंड सरकार ने 3 साल पहले मोमेंटम झारखंड की शुरुआत की थी, जिसके तहत राज्य में अधिक से अधिक नए उद्योग स्थापित किए जाने और रोजगार सृजन किए जाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद यह योजना अब तक कागजों पर ही सिमट कर रह गई है, जबकि जमीनी हकीकत 3 साल बाद भी जस की तस है.

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सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र समेत जिले के अन्य क्षेत्र में उद्योग स्थापित किए जाने को लेकर झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार, जियाडा ने सैकड़ों उद्यमियों को नए उद्योग स्थापित किए जाने के उद्देश्य से एकमुश्त राशि लेकर जमीन आवंटित किया था, जहां औद्योगिक विकास और उद्योग की संरचना को लेकर कई योजनाएं तैयार किए गए थे, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी उद्योग के लिए प्रस्तावित इन जमीन पर रोड मैप तक तैयार नहीं हो सका है.

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सरायकेला के अलावा पूर्वी सिंहभूम में भी उद्योग विभाग ने नए उद्योग, अस्पताल, निजी यूनिवर्सिटी स्थापित किए जाने को लेकर प्लॉट आवंटित किए गए थे, इनमें से ज्यादातर औद्योगिक प्लॉट सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है. योजना के अनुसार औद्योगिक विकास को लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास करना था और वहां उद्योग स्थापित किए जाने के साथ सड़क, बिजली, पानी जैसे तमाम मूलभूत सुविधाओं को बहाल किए जाने की भी योजना थी, लेकिन तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में यह योजना पूरी नहीं हो सकी, जिसके बाद मोटी रकम चुकाने वाले उद्यमी अब खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं.

जमीन आवंटित होते ही रेंट हुआ शुरू

3 साल पहले ऑनलाइन बोली लगाकर उद्यमियों ने ऊंची कीमत पर अपने अपने उद्योग को स्थापित करने के लिए जियाडा में पैसे जमा किए थे. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उद्योग के लिए जमीन आवंटित होते ही जमीन का रेंट कटने लगा है. उधमी 3 साल से इसी आस में रहे की जल्द ही सरकार वहां विकास कार्य शुरू करेगी ,लेकिन 3 साल में एक इंच भी निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ा, जिससे उद्यमियों में नाराजगी है. वहीं कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र हैं जहां जाने के लिए रास्ते तक नहीं है, ऐसे में उद्यमी बिना उद्योग लगाए ही सरकार को मोटी रकम देने को विवश हैं. वहीं कई उद्यमी ऐसे भी हैं जिन्होंने बैंक से लोन लेकर उद्योग के लिए जमीन आवंटित करवाया था, उन्हें अब लोन चुकता करने के एवज में बिना काम के ही बैंक को भी रकम चुकाना पड़ रहा है, ऐसे में उद्यमियों के लिए यह दोहरा घाटा साबित हो रहा है.

सैकड़ों उद्योग के लिए जमीन हुए हैं आवंटित

पूर्व की सरकार ने मोमेंटम झारखंड के तहत उद्योग स्थापित किए जाने की योजना तैयार की थी, इस योजना के तहत 3 साल में तीन अलग-अलग मोमेंटम झारखंड के तहत सरायकेला समेत पूर्वी सिंहभूम जिले के कई क्षेत्र में सैकड़ों नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित किए गए थे. इसके अलावा अब भी क्षेत्र में जमीन आवंटन की प्रक्रिया निरंतर जारी है.

उद्योग विभाग के उदासीनता के कारण लंबित हुए औद्योगिक योजना

राज्य के उद्योग विभाग के तत्परता नहीं दिखाने के कारण तीन वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में जमीन आवंटित किए जाने के बाद भी उद्योग स्थापित किए जाने को लेकर पहल नहीं की जा सकी है. इधर इस समस्या पर जियाडा की क्षेत्रीय उप निदेशक रंजना मिश्रा ने बताया कि लगातार उद्यमियों की शिकायत मिलने के बाद संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में विकास के कार्य शुरू किए जाने की योजना तैयार कर ली गई है . उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग और जियाडा के रांची प्रक्षेत्र से भी मामला संबंधित होने के कारण विलंब हो रहा है. क्षेत्रीय उप निदेशक ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार और उद्योग सचिव को भी मामले से अवगत करा दिया गया है.

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