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सरायकेलाः नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कम्युनिटी पुलिसिंग, ग्रामीणों को सामग्री बांटी - Community Policing in Seraikela

सरायकेला पुलिस अधीक्षक मो. अर्शी के नेतृत्व में पुलिस ने अति नक्सल प्रभावित का भ्रमण किया. इस दौरान गांव के लोगों के साथ बातचीत की गई और उनकी समस्याओं को सुना गया. इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत बच्चों को पाठ्य सामग्री और युवाओं को खेलकूद सामग्री दी.

Community policing in Naxalite affected area in seraikela
Community policing in Naxalite affected area in seraikela
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Published : Sep 26, 2020, 9:48 PM IST

सरायकेला: जिले के पुलिस अधीक्षक मो. अर्शी के नेतृत्व में शनिवार को पुलिस ने जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेतपालना, रंका और हसाकोचा पंचायत के विभिन्न गांव और टोला का भ्रमण किया. इस दौरान गांव के लोगों के साथ बातचीत की गई और उनकी समस्याओं को सुना गया. मौके पर ग्रामीणों को कोरोना बीमारी से बचने संबंधित आवश्यक जानकारी भी दी गई.

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में साहिबगंज के लोगों को रेलवे की सौगात, जमालपुर के लिए पहली इलेक्ट्रिक पैसेंजर ट्रेन रवाना

इस क्रम में पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गांव के छोटे-छोटे बच्चों को पाठ्य सामग्री और युवाओं को खेलकूद सामग्री वितरित की. वहीं, किस तरह सरकार की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न उत्थान कार्यक्रम का सुविधा ली जा सके इसकी जानकारी भी दी. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस कप्तान को अपने बीच पाकर ग्रामीण भी काफी उत्साहित दिखे.

जिला पुलिस के इस तरह के कार्यक्रम से ग्रामीणों के बीच नई ऊर्जा का संचार दिखा. कार्यक्रम में एसडीपीओ चांडील धीरेंद्र बांका, सरायकेला एसडीपीओ राकेश रंजन और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे.

क्या है सामुदायिक पुलिसिंग

सामुदायिक पुलिसिंग एक सकारात्मक अवधारणा है जो पुलिस और जनता के बीच की खाई को पाटने का काम करती है. इसके तहत पुलिस की टीम लोगों के पास जाकर उनके समस्याओं को सुनती है और उनकी मदद करती है ताकि लोगों और पुलिस के बीच एक अच्छा संबंध स्थापित हो सके.

सरायकेला: जिले के पुलिस अधीक्षक मो. अर्शी के नेतृत्व में शनिवार को पुलिस ने जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेतपालना, रंका और हसाकोचा पंचायत के विभिन्न गांव और टोला का भ्रमण किया. इस दौरान गांव के लोगों के साथ बातचीत की गई और उनकी समस्याओं को सुना गया. मौके पर ग्रामीणों को कोरोना बीमारी से बचने संबंधित आवश्यक जानकारी भी दी गई.

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इस क्रम में पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गांव के छोटे-छोटे बच्चों को पाठ्य सामग्री और युवाओं को खेलकूद सामग्री वितरित की. वहीं, किस तरह सरकार की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न उत्थान कार्यक्रम का सुविधा ली जा सके इसकी जानकारी भी दी. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस कप्तान को अपने बीच पाकर ग्रामीण भी काफी उत्साहित दिखे.

जिला पुलिस के इस तरह के कार्यक्रम से ग्रामीणों के बीच नई ऊर्जा का संचार दिखा. कार्यक्रम में एसडीपीओ चांडील धीरेंद्र बांका, सरायकेला एसडीपीओ राकेश रंजन और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे.

क्या है सामुदायिक पुलिसिंग

सामुदायिक पुलिसिंग एक सकारात्मक अवधारणा है जो पुलिस और जनता के बीच की खाई को पाटने का काम करती है. इसके तहत पुलिस की टीम लोगों के पास जाकर उनके समस्याओं को सुनती है और उनकी मदद करती है ताकि लोगों और पुलिस के बीच एक अच्छा संबंध स्थापित हो सके.

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