सरायकेला: टाटा स्टील कंपनी की अनुषंगी इकाई बंद हुए टायो कंपनी के कर्मचारी 45 वर्षीय अरुण लाल की मौत इलाज के अभाव में रविवार की सुबह हो गई. 17 फरवरी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, एनसीएलटी के कोलकाता बेंच ने टायो और जमशेदपुर के केबल कंपनी को बंद किए जाने का आदेश पारित किया था.
इस आदेश की सूचना मिलते ही अरुण लाल को हार्ट-अटैक हुआ, जिसके बाद इलाज के क्रम में रविवार को उनकी मौत हो गई. इधर कर्मचारी अरुण लाल की मौत के बाद आक्रोशित टायो कंपनी के कर्मचारियों ने टायो संघर्ष समिति के बैनर तले एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व कर्मचारियों ने शव के साथ घंटों टायो कंपनी के समक्ष विरोध जताते हुए अपना हक और अधिकार देने की मांग की.
ये भी देखें- अनियंत्रित होकर नदी में गिरी सवारी गाड़ी, 8 घायल, 2 की हालत गंभीर
2016 में कंपनी किया गया बंद, 200 कर्मचारी काम से हटाए गए
लगातार घाटे में चलने की बात कहकर टाटा कंपनी ने वर्ष 2016 में अपनी अनुषंगी इकाई टायो कंपनी को बंद कर दिया था. जिससे तकरीबन 200 कर्मचारी काम से बैठा दिए गए थे. जिसके बाद से अब तक लगातार कर्मचारी और इनके परिजन आंदोलन करते आ रहे हैं. इस बीच एनसीएलटी कोलकाता बेंच के आदेश पारित किए जाने से सभी कर्मचारी और उनके परिजन आक्रोशित हैं.
बंद है वेतन और चिकित्सीय सुविधा
कंपनी बंद होने के बाद से प्रबंधन ने पहले वेतन बंद किया, बाद में कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले मेडिकल बेनिफिट को भी बंद कर दिया. जिससे पूर्व कर्मचारी और उनके परिजन समेत एक बड़े तबके को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस बीच कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां इलाज के अभाव में कर्मचारियों की मौत तक हुई है. इसी कड़ी में तकरीबन एक वर्ष पूर्व काला मांझी नामक कर्मचारी की भी मौत इलाज के अभाव में हो गई थी.
ये भी देखें- हनुमान चालीसा के तर्ज पर RJD कार्यकर्ताओं ने निकाला 'लालू चालीसा', बोले-भगवान से कम नहीं उनके मुखिया
इधर, आक्रोशित पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि टायो कंपनी को न ही झारखंड हाई कोर्ट से बंद करने का आदेश है, न ही सरकार की ओर से कोई आदेश पारित किया गया है. बावजूद इसके एनसीएलटी ने कंपनी को बंद करने का आदेश पारित किया है, जिसका पूर्व कर्मचारी विरोध करते हैं.