सरायकेला: झारखंड राज्य मछली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है. वहीं सरायकेला जिला पूरे झारखंड में रिकॉर्ड उत्पादन के लिए जाना जा रहा है. झारखंड सरकार के प्रयास से जिला नीली क्रांति की राह पर लगातार बढ़ रहा है. इधर सफल मत्स्य पालन की बारीकियों को जानने के लिए बिहार से मत्स्य पालकों की एक टीम सरायकेला के चांडिल डैम पहुंची. जहां जिला मत्स्य विभाग के सहयोग से मत्स्य पालकों को बेहतर मत्स्य उत्पादन की बारीकियां समझाई गई.
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मत्स्य पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मिल रहा रोजगार
जिले में मत्स्य पालन से आज ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है. वहीं सरायकेला-खरसावां जिला मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर लगातार अग्रसर है. विगत 7 सालों में जिला मत्स्य विभाग ने 63,620 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन के साथ राज्य में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जिला मत्स्य विभाग लगातार मत्स्य पालन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पूर्व ही प्राप्त कर रहा है. जिससे मत्स्य उत्पादन को लगातार बढ़ावा मिल रहा है.