साहिबगंजः पूर्वी रेलवे के अंतर्गत साहिबगंज रेलखंड पर नॉन इंटरलॉकिंग का काम जारी (non interlocking in Sahibganj railway section) है. लेकिन कुछ काम पूरा होने के बाद साहिबगंज रेलवे स्टेशन का पश्चिमी फाटक खोला गया. जिससे वहां शहरी आवागमन बहाल हुई है. रेलवे फाटक खुलने से लोगों को राहत मिली है.
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28 सितंबर तक चलेगा नॉन इंटरलॉकिंग कार्यः साहिबगंज रेलखंड में नॉन इंटरलॉकिंग का काम होने की वजह से दो दिन तक बंद रेलवे स्टेशन के पश्चिमी फाटक को खोल दिया (western gate opened after non interlocking) गया. इससे शहर के लोगों ने राहत की सांस (passengers get relief opening of railway gate) ली है. लेकिन नॉन इंटरलॉकिंग का काम होने की वजह से इस रूट की कई पैसेंजर ट्रेन रद्द की गयी हैं और कइयों के मार्ग बदल दिए गए हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. साहिबगंज आने-जाने वाले लोगों को घंटों इंतजार के बाद ट्रेन मिलती है और ट्रेन में भीड़ भी ज्यादा रहती है. लेकिन नॉन इंटरलॉकिंग कार्य समाप्त होने के बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य होने से जनजीवन सामान्य होने की उम्मीद यात्रियों को है.
यात्रियों ने साझा की परेशानीः साहिबगंज रेलवे स्टेशन में मौजूद छात्र देवाशीष ने बताया कि उसे पटना जाना था लेकिन ट्रेन नहीं चलने से परेशानी (Passenger trains canceled) हो रही है. उसने बताया कि सोचा था कि दानापुर इंटरसिटी से चले जाएंगे और 11 बजे पहुंच जाएंगे लेकिन ट्रेन नहीं चलने से परेशानी बढ़ गई है. लेकिन बाद में पता चला कि अप मालदा-दिल्ली स्पेशल रात में है, अब इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है. वहीं महिला यात्री रंजो देवी ने बताया कि पीरपैंती ससुराल जाना जरूरी है, बच्चा का तबीयत खराब है. सुबह से ट्रेन के इंतजार में हैं लेकिन ट्रेन नहीं चलने से घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पूछताछ केंद्र में बताया गया कि ट्रेन देर शाम तक आएगी, अब दो छोटे बच्चाें के साथ इंतजार ही करना पड़ेगा. यात्री ने बताया कि उन्हें मालूम नहीं था कि काम चल रहा है और ट्रेन रद्द हो गई है. यात्री धीरज महतो ने बताया कि वो इलाज के सिलसिले में यहां आए थे, डॉक्टर से मिलकर तीनपहाड़ी चले जाएंगे. लेकिन ट्रेन शाम के 6 बजे के बाद है तो स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि स्टेशन पर सात से आठ घंटा इंतजार करना काफी कष्टदायक होता है. उन्होंने कहा कि ऐसे काम के दौरान रेल प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.