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'खनन के खलनायक' पर्यावरण के साथ कर रहे खिलवाड़, नियमों को ताक पर रख किया जा रहा विस्फोट

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Published : Feb 26, 2020, 10:16 AM IST

साहिबगंज में पत्थर व्यवसायियों से जनता परेशान हो गई है. माइंस में पत्थर तोड़ने के दौरान धूल लोगों के घर तक पहुंचता है, जिससे लोग बीमार होने लगे हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन ने पत्थर व्यवसायियों को चेतावनी भी जारी की है, लेकिन व्यवसायियों पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

stone businessmen are violating rules in Sahibganj
खनन के खलनायक पर्यावरण के साथ कर रहे खिलवाड़

साहिबगंज: जिला में खुलेआम पत्थर व्यवसायी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. व्यवसायी माइंस में नियम को ताक पर रखकर मजदूरों से विस्फोट करवाकर पहाड़ तोड़ रहे हैं और क्रशर में पत्थर को चिप्स बनाकर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं.

जिला टास्क फोर्स की बैठक में सभी माइंस और क्रेशर मालिकों को निर्देश दिया गया था कि अपने क्रेशर प्लांट में पानी का छिड़काव हमेशा करें, अपने प्लांट में पौधा लगाएं और मजदूरों के लिए मास्क की व्यवस्था करें, लेकिन खनन के खलनायक पर जिला प्रशासन के आदेश का कोई असर नहीं पड़ा है.

देखें पूरी खबर

स्थानीय लोगों का कहना है कि धूल से लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिला प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए. इसे लेकर जिला खनन अधिकारी ने दावा किया है कि सभी माइंस और क्रेशर मालिक को पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि निर्देश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- साहिबगंज: अवैध डंपिंग से खतरे में गंगा का अस्तित्व

उपायुक्त वरुण रंजन ने कहा कि जिला टास्क फोर्स की बैठक में एक कमेटी बनाई गई है, जिसे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई नियम बताए गए हैं, साथ ही कमेटी को मिर्जाचौकी, बाकोडीह, सकरी गली, बड़हरवा, कोटलपोखर में चल रहे माइंस और क्रेशर प्लांट में पर्यावरण का सुरक्षा को लेकर कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. उपायुक्त ने कहा कि किसी भी सूरत में अवैध माइंस और क्रेशर को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कमेटी सख्त कार्रवाई करेगी.

साहिबगंज: जिला में खुलेआम पत्थर व्यवसायी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. व्यवसायी माइंस में नियम को ताक पर रखकर मजदूरों से विस्फोट करवाकर पहाड़ तोड़ रहे हैं और क्रशर में पत्थर को चिप्स बनाकर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं.

जिला टास्क फोर्स की बैठक में सभी माइंस और क्रेशर मालिकों को निर्देश दिया गया था कि अपने क्रेशर प्लांट में पानी का छिड़काव हमेशा करें, अपने प्लांट में पौधा लगाएं और मजदूरों के लिए मास्क की व्यवस्था करें, लेकिन खनन के खलनायक पर जिला प्रशासन के आदेश का कोई असर नहीं पड़ा है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि धूल से लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिला प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए. इसे लेकर जिला खनन अधिकारी ने दावा किया है कि सभी माइंस और क्रेशर मालिक को पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि निर्देश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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उपायुक्त वरुण रंजन ने कहा कि जिला टास्क फोर्स की बैठक में एक कमेटी बनाई गई है, जिसे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई नियम बताए गए हैं, साथ ही कमेटी को मिर्जाचौकी, बाकोडीह, सकरी गली, बड़हरवा, कोटलपोखर में चल रहे माइंस और क्रेशर प्लांट में पर्यावरण का सुरक्षा को लेकर कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. उपायुक्त ने कहा कि किसी भी सूरत में अवैध माइंस और क्रेशर को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कमेटी सख्त कार्रवाई करेगी.

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