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ना गंगा शुद्ध हुई-ना घर हुआ साफ, 132 करोड़ की लागत से बना शहर का सीवरेज सिस्टम हुआ फेल - साहिबगंज नमामि गंगे योजना

गंगा को अविरल और निर्मल रखने के लिए साहिबगंज शहर में 132 करोड़ की लागत से बना सीवरेज सिस्टम फेल हो गया. आलम ये है कि पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहने लगा है. इसको लेकर स्थानीय लोग योजना में हुई अनदेखी मानते हैं तो जुडको अधिकारी बारिश, बिजली का हवाला दे रहे हैं.

sewerage system of sahibganj city built at a cost of 132 crores failed
ना गंगा शुद्ध हुई-ना घर हुआ साफ
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Published : Sep 18, 2020, 6:03 AM IST

साहिबगंजः गंगा नदी को सदियों से गंगा मां का दर्जा मिला है लोगों की आस्था कण-कण में बसा हुआ है. रोजना सुबह सुबह लोग स्नान करते है पूजा अर्चना करते हैं मां गंगा से सुख समृद्धि का प्राथना करते हैं. पूजा पाठ में गंगा जल का आचमन कर पवित्र होकर पूजन करते हैं. आस्था ऐसी की जब लोग मरणोत्सवस्था में अंतिम सांस लेते हैं तो मुंह में गंगा जल और तुलसी देते हैं ताकि मुक्ति मिल सके. गंगा को निर्मल रखने और साफ करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. साहिबगंज में सीवरेज सिस्टम से गंगा को शुद्ध करने की कवायद शुरू हुई थी. लेकिन ये सिस्टम शहर में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है.

देखें पूरी खबर

उल्टा पड़ा सीवरेज लाइन

सीवरेज लाइन का काम उलटा होने लगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएम ने जिस उद्देश्य से गंगा को अविरल रखने का सपना देखा था, वो सपना धरातल पर नहीं दिख रहा है. साहिबगंज बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है बाढ़ के समय चेंबर से गंदा पानी ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहने लगता है, हाउस कनेक्शन जो सीवरेज से जोड़ा गया है उसका गंदा पानी अपशिष्ट पदार्थ के साथ उल्टे पाइप के माध्यम से घर में आने लगता है बदबू बर्दाश्त नहीं हो रहा है, गंगा शुद्ध क्या होगी इस सीवरेज से शहरवासियों को परेशान कर दिया है.

श्याम सुंदर पोद्दार और मुरली तिवारी नगर परिषद उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता ने कहा कि पीएम ने जो सपना गंगा को अविरल निर्मल रखने के लिए देखा था, वह सपना धरातल पर नहीं दिख रहा है जिला प्रशासन के सही मॉनिटरिंग की कमी के वजह से सीवरेज सिस्टम अपने उद्देश्य भटक गया है. शहर में चेंबर से जो ओवरफ्लो होकर गंदा पानी सड़क पर बहना शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ गंदा पानी फिल्टर होकर गंगा की बजाय किसान के खेतों में बहाया जा रहा है यह योजना बिल्कुल फैल हो चुकी है. वहीं सीवरेज को बनाने वाली जुडको कंपनी पर फंड के दुरुपयोग के भी आरोप लग रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- कुपोषण उपचार केंद्र से 'पोषण' नदारद, बच्चों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार

सार्थक ना हो सका पीएम का सपना

केंद्र सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय की ओर से नमामि गंगे के तहत गंगा नदी पर काम किया जा रहा. गंगा किस तरह अविरल, निर्मल, शुद्ध रहे इसके लिए केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना के तहत कई कार्यक्रम चला रही है. इसी कड़ी में नमामि गंगे योजना के तहत 132 करोड़ की लागत से सीवरेज सिस्टम जैसी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हुई. 6 अप्रैल 2017 को साहिबगंज की धरती से पीएम नरेंद मोदी द्वारा सीवरेज सिस्टम का शिलान्यास किया. इस योजना को पूर्ण होते ही 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ऑन लाइन उद्धघाटन भी किया गया. इस सीवरेज सिस्टम का काम जुडको कंपनी को मिला था.

132 करोड़ की लागत से तैयार इस महत्वकांक्षी योजना का एक ही उद्देश्य था कि साहिबगंज में बहने वाली गंगा नदी में शहर का गंदा पानी, गंदा पदार्थ रोककर इसे फिल्टर कर गंगा में बहाना. इस योजना के तहत रोजना 1.20 करोड़ लीटर पानी फिल्टर होकर गंगा में बहाया जाएगा. इसके लिए जुडको ने कंपनी ने शहर के 14 हजार घरों को पाईप लाइन से सीवरेज से जोड़ा.

साहिबगंजः गंगा नदी को सदियों से गंगा मां का दर्जा मिला है लोगों की आस्था कण-कण में बसा हुआ है. रोजना सुबह सुबह लोग स्नान करते है पूजा अर्चना करते हैं मां गंगा से सुख समृद्धि का प्राथना करते हैं. पूजा पाठ में गंगा जल का आचमन कर पवित्र होकर पूजन करते हैं. आस्था ऐसी की जब लोग मरणोत्सवस्था में अंतिम सांस लेते हैं तो मुंह में गंगा जल और तुलसी देते हैं ताकि मुक्ति मिल सके. गंगा को निर्मल रखने और साफ करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. साहिबगंज में सीवरेज सिस्टम से गंगा को शुद्ध करने की कवायद शुरू हुई थी. लेकिन ये सिस्टम शहर में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है.

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उल्टा पड़ा सीवरेज लाइन

सीवरेज लाइन का काम उलटा होने लगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएम ने जिस उद्देश्य से गंगा को अविरल रखने का सपना देखा था, वो सपना धरातल पर नहीं दिख रहा है. साहिबगंज बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है बाढ़ के समय चेंबर से गंदा पानी ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहने लगता है, हाउस कनेक्शन जो सीवरेज से जोड़ा गया है उसका गंदा पानी अपशिष्ट पदार्थ के साथ उल्टे पाइप के माध्यम से घर में आने लगता है बदबू बर्दाश्त नहीं हो रहा है, गंगा शुद्ध क्या होगी इस सीवरेज से शहरवासियों को परेशान कर दिया है.

श्याम सुंदर पोद्दार और मुरली तिवारी नगर परिषद उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता ने कहा कि पीएम ने जो सपना गंगा को अविरल निर्मल रखने के लिए देखा था, वह सपना धरातल पर नहीं दिख रहा है जिला प्रशासन के सही मॉनिटरिंग की कमी के वजह से सीवरेज सिस्टम अपने उद्देश्य भटक गया है. शहर में चेंबर से जो ओवरफ्लो होकर गंदा पानी सड़क पर बहना शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ गंदा पानी फिल्टर होकर गंगा की बजाय किसान के खेतों में बहाया जा रहा है यह योजना बिल्कुल फैल हो चुकी है. वहीं सीवरेज को बनाने वाली जुडको कंपनी पर फंड के दुरुपयोग के भी आरोप लग रहे हैं.

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सार्थक ना हो सका पीएम का सपना

केंद्र सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय की ओर से नमामि गंगे के तहत गंगा नदी पर काम किया जा रहा. गंगा किस तरह अविरल, निर्मल, शुद्ध रहे इसके लिए केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना के तहत कई कार्यक्रम चला रही है. इसी कड़ी में नमामि गंगे योजना के तहत 132 करोड़ की लागत से सीवरेज सिस्टम जैसी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हुई. 6 अप्रैल 2017 को साहिबगंज की धरती से पीएम नरेंद मोदी द्वारा सीवरेज सिस्टम का शिलान्यास किया. इस योजना को पूर्ण होते ही 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ऑन लाइन उद्धघाटन भी किया गया. इस सीवरेज सिस्टम का काम जुडको कंपनी को मिला था.

132 करोड़ की लागत से तैयार इस महत्वकांक्षी योजना का एक ही उद्देश्य था कि साहिबगंज में बहने वाली गंगा नदी में शहर का गंदा पानी, गंदा पदार्थ रोककर इसे फिल्टर कर गंगा में बहाना. इस योजना के तहत रोजना 1.20 करोड़ लीटर पानी फिल्टर होकर गंगा में बहाया जाएगा. इसके लिए जुडको ने कंपनी ने शहर के 14 हजार घरों को पाईप लाइन से सीवरेज से जोड़ा.

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