ETV Bharat / state

साहिबगंज: कोरोना आपदा में कौमी एकता का संदेश दे रहे मजदूर, कुरान और रामायण से भाईचारे को कर रहे मजबूत

कोरोना महामारी को लेकर देश में सांप्रदायिक अफवाहों का दौर जारी है. ऐसे में क्वॉरेंटाइन में भर्ती दो समुदाय के लोग कुरान और रामायण पढ़ आवाम को आपसी भाईचारा और सौहार्द का संदेश रहे हैं.

कौमी एकता
कौमी एकता
author img

By

Published : Apr 30, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 3:44 PM IST

साहिबगंज: कोरोना महामारी के चलते देश में एक ओर धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ भी कौमी एकता का संदेश दे रहे हैं. इसकी झलक यहां देखी जा सकती है. जानकारी के अनुसार क्वॉरेंटाइन में भर्ती दो समुदाय के लोग कुरान और रामायण पढ़ आवाम को आपसी भाईचारा और सौहार्द का संदेश रहे हैं.

पढ़े पूरी खबर.

लॉकडाउन जारी है और कोरोना संक्रमित मरीज और मरने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दूसरी तरफ अफवाह का बाजार तेज है. जमाती को लेकर दो समुदाय के बीच भी मतभेद जारी है. आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है.

ऐसी स्थिति में साहिबगंज के महिला आईटीआई कॉलेज में रह रहे 50 से अधिक प्रवासी मजदूर एक छत के नीचे रह रहे और कुरान और रामायण पवित्र ग्रंथ पढ़कर आवाम को एक संदेश देना चाह रहे हैं कि इस विकट घड़ी में हम सब को मिलकर कोरोना को हराना है.

क्वॉरेंटाइन में रह रहे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि सुबह और शाम कुरान और रामायण पढ़ते हैं बहुत अच्छा लगता है बाकी लोगों को भी सुनाते हैं.

अब बड़े चाव से सभी लोग सुनते हैं. इस ग्रंथ से हम यही सीख मिलता है कि इस आपदा की घड़ी में हम सबको आपस में मतभेद भुलाकर कोरोना को भारत से भगाना चाहिए

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना वायरस के मिले दो नए मरीज, राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 107

दूसरी ओर मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस भवन में 50 से अधिक प्रवासी मजदूर हैं सभी का घर पश्चिम बंगाल में हैं. इनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इन लोगों की मांग पर मुस्लिम समुदाय को कुरान और हिंदू समुदाय के लोगों को रामायण और गीता जैसे धर्म-ग्रंथ दिए गए हैं. सभी लोग इस संकट की घड़ी में पढ़ते हैं और एक दूसरे को संदेश देने का काम कर रहे हैं.

निश्चित रूप से क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगो का इस तरह संदेश सराहनीय है. अन्य लोगो को भी इससे सीख लेनी चाहिए. इस संकट की घड़ी में सभी समुदाय के लोगों को मिलकर कोरोना से लड़ना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए.

साहिबगंज: कोरोना महामारी के चलते देश में एक ओर धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ भी कौमी एकता का संदेश दे रहे हैं. इसकी झलक यहां देखी जा सकती है. जानकारी के अनुसार क्वॉरेंटाइन में भर्ती दो समुदाय के लोग कुरान और रामायण पढ़ आवाम को आपसी भाईचारा और सौहार्द का संदेश रहे हैं.

पढ़े पूरी खबर.

लॉकडाउन जारी है और कोरोना संक्रमित मरीज और मरने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दूसरी तरफ अफवाह का बाजार तेज है. जमाती को लेकर दो समुदाय के बीच भी मतभेद जारी है. आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है.

ऐसी स्थिति में साहिबगंज के महिला आईटीआई कॉलेज में रह रहे 50 से अधिक प्रवासी मजदूर एक छत के नीचे रह रहे और कुरान और रामायण पवित्र ग्रंथ पढ़कर आवाम को एक संदेश देना चाह रहे हैं कि इस विकट घड़ी में हम सब को मिलकर कोरोना को हराना है.

क्वॉरेंटाइन में रह रहे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि सुबह और शाम कुरान और रामायण पढ़ते हैं बहुत अच्छा लगता है बाकी लोगों को भी सुनाते हैं.

अब बड़े चाव से सभी लोग सुनते हैं. इस ग्रंथ से हम यही सीख मिलता है कि इस आपदा की घड़ी में हम सबको आपस में मतभेद भुलाकर कोरोना को भारत से भगाना चाहिए

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना वायरस के मिले दो नए मरीज, राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 107

दूसरी ओर मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस भवन में 50 से अधिक प्रवासी मजदूर हैं सभी का घर पश्चिम बंगाल में हैं. इनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इन लोगों की मांग पर मुस्लिम समुदाय को कुरान और हिंदू समुदाय के लोगों को रामायण और गीता जैसे धर्म-ग्रंथ दिए गए हैं. सभी लोग इस संकट की घड़ी में पढ़ते हैं और एक दूसरे को संदेश देने का काम कर रहे हैं.

निश्चित रूप से क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगो का इस तरह संदेश सराहनीय है. अन्य लोगो को भी इससे सीख लेनी चाहिए. इस संकट की घड़ी में सभी समुदाय के लोगों को मिलकर कोरोना से लड़ना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए.

Last Updated : Apr 30, 2020, 3:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.