साहिबगंज: सदर एसडीओ हेमंत सती के खिलाफ जिला स्वास्थ्य महकमा ने मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार की देर शाम जिलास्तरीय बैठक कर सदर एसडीओ के खिलाफ अभद्र व्यवहार को लेकर रणनीति बनाई गई. जिलास्तरीय इस बैठक में सिविल सर्जन के साथ सभी डॉक्टर, नर्स, एमआईसी, झालसा, आईएमए कमेटी के सदस्य सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने एकजुट होकर पुरजोर विरोध किया.
ये भी पढ़ें- Rupa Tirkey Case: मामले की गुत्थी सुलझाने जांच आयोग पहुंची साहिबगंज, घटनास्थल का लिया जायजा
क्या है मामला
रूपा तिर्की की हत्या की जांच करने रांची से टीम साहिबगंज आई हुई थी. सोमवार को दिन के 11:00 बजे पुलिस लाइन मैदान में हेलीपैड पर आने का समय था. जांच आयोग के आने से 2 घंटे पूर्व जिला प्रशासन को पूरी तैयारी के साथ रिसीव करना था. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस सेवा समय पर नहीं आ सकी. लगभग 2 घंटे के बाद एंबुलेंस आया. जांच आयोग की सुरक्षा का पूरा जिम्मा सदर एसडीओ के जिम्मे था.
सदर एसडीओ ने सुनाई खरी खोटी
सदर एसडीओ हेमंत सती ने एक बैठक में सिविल सर्जन को इस एंबुलेंस के मामला को लेकर खरी खोटी सुना दी. डांटने के दौरान मर्यादा को भूलते हुए भरी बैठक में जूता चप्पल से मारने तक की बात कह डाली. बस क्या था मामले ने तूल पकड़ लिया. सिविल सर्जन के अध्यक्षता में एक बैठक की गई. जहां घंटों एसडीओ के अभद्र व्यवहार को लेकर मंथन हुआ और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.
ट्रांसफर का किया निवेदन
डॉ. मोहन पासवान ने बताया कि सदर एसडीओ हेमंत सती ने सिविल सर्जन पर भरी बैठक में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर अपने पद की गरिमा उल्लंघन किया है. ऐसा लगता है कि इनकी मन:स्थिति ठीक नहीं है. बैठक में कहा गया कि मेडिकल बोर्ड की ओर से कमेटी बनाकर इनके मस्तिष्क की जांच कराई जाए. दूसरी बात की मुख्य सचिव से निवेदन किया गया है कि इनका ट्रांसफर तुरंत हो. आगे की रणनीति उपायुक्त से मिलकर तय की जाएगी.
सदर एसडीओ ने मांगी माफी
जब ईटीवी भारत ने इस संबंध में सदर एसडीओ हेमंत सती से पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि लॉ एंड ऑर्डर का पूरा जिम्मा एसडीओ के पास होता है. चिट्ठी में पूरा निर्देश दिया गया था कि हेलीपैड पर समय सीमा से दो घंटा पूर्व एंबुलेंस लेकर पहुंचना है. लेकिन इसमें बड़ी चूक होते हुए देखा गया. एंबुलेंस 2 घंटा के बाद कार्यस्थल पर पहुंचा. जबकि जांच टीम साहिबगंज पहुंच कर सर्किट हाउस में बैठक कर रही थी. इस बात को लेकर उन्होंने सिविल सर्जन को डांटा.
इस घटना के बाद अपनी गलती का अहसास होने पर सदर SDO हेमंत सती ने कहा कि उनका मकसद अभद्र व्यवहार करने का नहीं था, लेकिन अगर किसी बात से कोई आहत हुआ तो उसके लिए खेद प्रकट करते हुए क्षमा मांगता हूं.