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रूपा तिर्की केस: विसरा जांच नहीं होने पर सवालों के घेरे में आत्महत्या की थ्योरी, CBI की रडार पर डॉक्टर और पुलिस जांच अधिकारी - viscera investigation

साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के बाद विसरा जांच नहीं होने पर पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी पर संदेह बढ़ता जा रहा है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद मौत की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने विसरा जांच नहीं होने पर सवाल उठाए हैं.

Roopa tirkey case
रूपा तिर्की केस
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Published : Sep 13, 2021, 1:50 PM IST

साहिबगंज: 3 मई को महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस की जांच पर संदेह बढ़ता जा रहा है. पीड़ित रूपा तिर्की की मौत के बाद विसरा जांच नहीं होने पर हाई कोर्ट के बाद अब सीबीआई भी सवाल उठा रही है. सीबीआई इस मामले को लेकर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम और पूरे मामले की तफ्तीश में जुटे पुलिस अधिकारी को अपने जांच के घेरे में ले सकती है.

ये भी पढ़ें- फॉरेंसिक टीम रूपा तिर्की के कमरे की करेगी जांच, खंगाले जा रहे कॉल डिटेल्स

मां ने जताया था शक

बता दें कि रूपा तिर्की की मां ने अपनी बेटी की हत्या को लेकर शक जताया था. उन्होंने कहा था कि रूपा तिर्की को जान से मारकर फांसी पर लटकाया गया है, लेकिन मां की आपत्ति को दरकिनार करते हुए रूपा तिर्की का पोस्टमार्टम साहिबगंज सदर अस्पताल में कराया गया था. लेकिन सबसे अहम सबूत माने जाने वाले विसरा की जांच नहीं की गई थी. अब इसी को लेकर शक गहराता जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह नियम है कि जब किसी व्यक्ति या महिला का संदिग्ध हालत में शव बरामद होता है तो पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान विसरा की जांच जरूर कराती है या कोई परिजन आपत्ति जताता है उस स्थिति में भी पुलिस प्रशासन और डॉक्टर विसरा की जांच जरूर कराते हैं ताकि मौत का समय और वजह मालूम हो सके. किसी भी केस पर से पर्दा उठाने के लिए विसरा के जांच को अहम माना जाता है. इस मामले में रूपा की मां की आपत्ति के बावजूद इस महत्वपूर्ण तथ्य को दरकिनार कर आत्महत्या का रूप दे दिया गया.

धनबाद ट्रांसफर होगा केस

साहिबगंज में सीबीआई की टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इसके लिए सीबीआई की टीम रूपा तिर्की के मरने से 15 दिन पहले के कॉल डिटेल्स और महिला थाना पर कौन-कौन लोग उनसे मिलने के लिए आते थे उसकी जानकारी ले रही है. जांच में कोई बाधा न हो इसके लिए केस को साहिबगंज से धनबाद सीबीआई कोर्ट ट्रांसफर किया जा रहा है. पूरे मामले में सबूतों की तलाश के लिए दिल्ली से फॉरेंसिक विभाग की टीम भी जल्द साहिबगंज पहुंचने वाली है.

ये भी पढ़ें- एसडीजेएम कोर्ट ने रूपा तिर्की से जुड़े दस्तावेज सीबीआई को देने से किया इंकार, जानें क्या है वजह

क्या है पूरा मामला

रांची के रातू की रूपा तिर्की साहिबगंज में महिला थाना प्रभारी के रूप में पोस्टेड थी. जिनकी 3 मई को संदेहास्पद मौत हो गई थी. पुलिस ने जांच के दौरान प्रेम प्रसंग में हुई आत्महत्या माना. स्वभाव से काफी मिलनसार और मृदुभाषी रूपा के घर वालों का मानना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती. उन्होंने पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर नाराजगी जताते हुए सरकार से इस घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. इसके लिए रूपा तिर्की के परिजन मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगा चुके थे. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया था. जिससे परिजन संतुष्ट नहीं हुए और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

साहिबगंज: 3 मई को महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस की जांच पर संदेह बढ़ता जा रहा है. पीड़ित रूपा तिर्की की मौत के बाद विसरा जांच नहीं होने पर हाई कोर्ट के बाद अब सीबीआई भी सवाल उठा रही है. सीबीआई इस मामले को लेकर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम और पूरे मामले की तफ्तीश में जुटे पुलिस अधिकारी को अपने जांच के घेरे में ले सकती है.

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मां ने जताया था शक

बता दें कि रूपा तिर्की की मां ने अपनी बेटी की हत्या को लेकर शक जताया था. उन्होंने कहा था कि रूपा तिर्की को जान से मारकर फांसी पर लटकाया गया है, लेकिन मां की आपत्ति को दरकिनार करते हुए रूपा तिर्की का पोस्टमार्टम साहिबगंज सदर अस्पताल में कराया गया था. लेकिन सबसे अहम सबूत माने जाने वाले विसरा की जांच नहीं की गई थी. अब इसी को लेकर शक गहराता जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह नियम है कि जब किसी व्यक्ति या महिला का संदिग्ध हालत में शव बरामद होता है तो पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान विसरा की जांच जरूर कराती है या कोई परिजन आपत्ति जताता है उस स्थिति में भी पुलिस प्रशासन और डॉक्टर विसरा की जांच जरूर कराते हैं ताकि मौत का समय और वजह मालूम हो सके. किसी भी केस पर से पर्दा उठाने के लिए विसरा के जांच को अहम माना जाता है. इस मामले में रूपा की मां की आपत्ति के बावजूद इस महत्वपूर्ण तथ्य को दरकिनार कर आत्महत्या का रूप दे दिया गया.

धनबाद ट्रांसफर होगा केस

साहिबगंज में सीबीआई की टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इसके लिए सीबीआई की टीम रूपा तिर्की के मरने से 15 दिन पहले के कॉल डिटेल्स और महिला थाना पर कौन-कौन लोग उनसे मिलने के लिए आते थे उसकी जानकारी ले रही है. जांच में कोई बाधा न हो इसके लिए केस को साहिबगंज से धनबाद सीबीआई कोर्ट ट्रांसफर किया जा रहा है. पूरे मामले में सबूतों की तलाश के लिए दिल्ली से फॉरेंसिक विभाग की टीम भी जल्द साहिबगंज पहुंचने वाली है.

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क्या है पूरा मामला

रांची के रातू की रूपा तिर्की साहिबगंज में महिला थाना प्रभारी के रूप में पोस्टेड थी. जिनकी 3 मई को संदेहास्पद मौत हो गई थी. पुलिस ने जांच के दौरान प्रेम प्रसंग में हुई आत्महत्या माना. स्वभाव से काफी मिलनसार और मृदुभाषी रूपा के घर वालों का मानना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती. उन्होंने पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर नाराजगी जताते हुए सरकार से इस घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. इसके लिए रूपा तिर्की के परिजन मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगा चुके थे. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया था. जिससे परिजन संतुष्ट नहीं हुए और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

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