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Deoghar Encounter Case: देवघर मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के मामले को परिजनों ने बताया साजिश, सीबीआई जांच की मांग

देवघर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के शव उनके घर लाया गया. साहिबगंज में जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर लाया गया, परिजनों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. इधर प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं होने पर परिजन काफी आक्रोशित दिखे. उन्होंने आरोप लगाया है कि जवानों को साजिश के तहत मारा गया है. मामले को लेकर परिजन निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.

Policemen death in Deoghar encounter
शहीद रवि मिश्रा के परिजन
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Published : Feb 13, 2023, 2:36 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 3:00 PM IST

देखें पूरी खबर

साहिबगंज: जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नाढ़ी दियारा गांव के रहने वाले झारखंड पुलिस बल के जवान रवि मिश्रा का पार्थिव शरीर देर रात देवघर से पैतृक गांव लाया गया. शव पहुंचते ही स्वजनों के बीच चीत्कार मच गया. रवि मिश्रा की मां, पत्नी और सगे संबंधियों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी के मुंह पर बस एक नाम हमारा रवि कहां चला गया, हमलोगों को छोड़कर. पूरे गांव में मातम पसरा है. क्या बूढ़ा, क्या बच्चा और महिला सभी के आंखो से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था. रवि के पार्थिव शरीर की एक झलक देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी.

ये भी पढ़ें: देवघर सदर अस्पताल पहुंचे मंत्री बादल पत्रलेख, कहा- दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

प्रशासन के रवैये से परिजन नाराज: परिजनों का आरोप है कि बीती रात करीब एक बजे के आसपास देवघर पुलिस के दो जवान शहीद पुलिसकर्मियों के शव को लेकर पहुंचे और चलते बने. देवघर पुलिस ने अभी तक रवि मिश्रा को शहीद का दर्जा नहीं दिया है. यही वजह है कि देवघर पुलिस और साहिबगंज पुलिस प्रशासन की तरफ से खास गतिविधि नहीं देखी गयी. ड्यूटी में किसी को बचाने में जवान शहीद हुआ है, फिर भी व्यवस्था आम लोगों की तरह देखी गयी.

देवघर पुलिस की तरफ से शव का पोस्टमार्टम कराकर महज गार्ड ऑफ आर्नर दिया और परिजन के हाथ में एक बंद लिफाफा थमा दिया, जिसमें मात्र 10000 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिये गये हैं. प्रशासन के इस रवैये से आक्रोशित परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया था. वे वरीय पुलिस अधिकारी के आने की मांग कर रहे थे. परिजनों के आक्रोश का सामना मुफस्सिल थाना की पुलिस को करना पड़ा. अंतिम में सदर एसडीपीओ दुबे पहुंचे और स्वजनों को समझा बुझाकर शांत कराया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने वरीय अधिकारी तक उनकी बात को रखेंगे और निष्पक्ष जांच की मांग भी रखेंगे.

परिजनों ने निष्पक्ष की जांच की मांग: शहीद रवि मिश्रा के साला अविनाश कुमार मिश्रा ने देवघर पुलिस, जिला पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक परिजनों को घटना की जानकारी सही से नहीं दी गयी है. हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये हुए हैं. ऐसा कैसे हो सकता है ठुड्डी के नीचे, छाती पर और कांख के पास गोली लगेगी. यह सोची समझी साजिश के तहत हत्या है. दोनों जवान की मृत्यु का जांच सही से नहीं की जा रही है. नेता और पुलिस प्रशासन पर शक है कि वे लीपापोती कर मामला को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग रखी है.

ये भी पढ़ें: दो पुलिस जवान शहीद, मुठभेड़ के दौरान अपराधियों ने मारी गोली

शहीद के छोटे भाई ने की सीबीआई जांच की मांग: वहीं रवि मिश्रा के छोटे भाई शशि कुमार मिश्रा ने कहा कि 'मेरे भाई की मृत्यु साजिश के तहत हुई है. ड्यूटी के दौरान जवान का मरना, इस सरकार में अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ा है, यह अंदाजा इस घटना से ही लगाया जा सकता है. अभी तक मेरे भाई को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस पदाधिकार से आग्रह किया है, लेकिन पुलिस प्रशासन मौन है. मेरे भाई को सम्मान दिया जाए और घटना की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए.'

छोटे भाई ने दी रवि को मुखाग्नि: रवि मिश्रा के पार्थिव शरीर को कंधा देकर परिजन और ग्रामीण सड़क मार्ग होते हुए नाढ़ी दियारा नदी घाट पहुंचे, जहां भाई शशि ने मुखाग्नि दी. चूंकी, तीन साल के बेटे का मुंडन नहीं हुआ है इसलिए विधि शास्त्र के अनुसार बच्चे को अर्थी को कंधा दिलाया गया और मुखाग्नि के दौरान बच्चों को गोद में लेकर भाई ने विधि पूरा किया.

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साहिबगंज: जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नाढ़ी दियारा गांव के रहने वाले झारखंड पुलिस बल के जवान रवि मिश्रा का पार्थिव शरीर देर रात देवघर से पैतृक गांव लाया गया. शव पहुंचते ही स्वजनों के बीच चीत्कार मच गया. रवि मिश्रा की मां, पत्नी और सगे संबंधियों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी के मुंह पर बस एक नाम हमारा रवि कहां चला गया, हमलोगों को छोड़कर. पूरे गांव में मातम पसरा है. क्या बूढ़ा, क्या बच्चा और महिला सभी के आंखो से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था. रवि के पार्थिव शरीर की एक झलक देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी.

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प्रशासन के रवैये से परिजन नाराज: परिजनों का आरोप है कि बीती रात करीब एक बजे के आसपास देवघर पुलिस के दो जवान शहीद पुलिसकर्मियों के शव को लेकर पहुंचे और चलते बने. देवघर पुलिस ने अभी तक रवि मिश्रा को शहीद का दर्जा नहीं दिया है. यही वजह है कि देवघर पुलिस और साहिबगंज पुलिस प्रशासन की तरफ से खास गतिविधि नहीं देखी गयी. ड्यूटी में किसी को बचाने में जवान शहीद हुआ है, फिर भी व्यवस्था आम लोगों की तरह देखी गयी.

देवघर पुलिस की तरफ से शव का पोस्टमार्टम कराकर महज गार्ड ऑफ आर्नर दिया और परिजन के हाथ में एक बंद लिफाफा थमा दिया, जिसमें मात्र 10000 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिये गये हैं. प्रशासन के इस रवैये से आक्रोशित परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया था. वे वरीय पुलिस अधिकारी के आने की मांग कर रहे थे. परिजनों के आक्रोश का सामना मुफस्सिल थाना की पुलिस को करना पड़ा. अंतिम में सदर एसडीपीओ दुबे पहुंचे और स्वजनों को समझा बुझाकर शांत कराया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने वरीय अधिकारी तक उनकी बात को रखेंगे और निष्पक्ष जांच की मांग भी रखेंगे.

परिजनों ने निष्पक्ष की जांच की मांग: शहीद रवि मिश्रा के साला अविनाश कुमार मिश्रा ने देवघर पुलिस, जिला पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक परिजनों को घटना की जानकारी सही से नहीं दी गयी है. हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये हुए हैं. ऐसा कैसे हो सकता है ठुड्डी के नीचे, छाती पर और कांख के पास गोली लगेगी. यह सोची समझी साजिश के तहत हत्या है. दोनों जवान की मृत्यु का जांच सही से नहीं की जा रही है. नेता और पुलिस प्रशासन पर शक है कि वे लीपापोती कर मामला को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग रखी है.

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शहीद के छोटे भाई ने की सीबीआई जांच की मांग: वहीं रवि मिश्रा के छोटे भाई शशि कुमार मिश्रा ने कहा कि 'मेरे भाई की मृत्यु साजिश के तहत हुई है. ड्यूटी के दौरान जवान का मरना, इस सरकार में अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ा है, यह अंदाजा इस घटना से ही लगाया जा सकता है. अभी तक मेरे भाई को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस पदाधिकार से आग्रह किया है, लेकिन पुलिस प्रशासन मौन है. मेरे भाई को सम्मान दिया जाए और घटना की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए.'

छोटे भाई ने दी रवि को मुखाग्नि: रवि मिश्रा के पार्थिव शरीर को कंधा देकर परिजन और ग्रामीण सड़क मार्ग होते हुए नाढ़ी दियारा नदी घाट पहुंचे, जहां भाई शशि ने मुखाग्नि दी. चूंकी, तीन साल के बेटे का मुंडन नहीं हुआ है इसलिए विधि शास्त्र के अनुसार बच्चे को अर्थी को कंधा दिलाया गया और मुखाग्नि के दौरान बच्चों को गोद में लेकर भाई ने विधि पूरा किया.

Last Updated : Feb 13, 2023, 3:00 PM IST
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