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साहिबगंज में गंगा का जलस्तर उफान पर, बाढ़ की बनी संभावना - साहिबगंज में गंगा का जलस्तर खतरे से ऊपर

साहिबगंज जिला का उत्तरवाहिनी गंगा इन दिनों उफान पर है. यह खतरे के निशान से भी एक मीटर ऊपर से बह रही है, लेकिन जिला प्रशासन न तो इस ओर ध्यान दे रही है और न ही इसे बाढ़ क्षेत्र घोषित कर रही है, जिससे लोग परेशान है.

साहिबगंज में गंगा का जलस्तर उफान पर
possibility of flood in Sahibganj
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Published : Aug 25, 2020, 10:43 PM IST

साहिबगंज: झारखंड का एकमात्र जिला साहिबगंज बाढ़ प्रभावित जिला है. हर साल यहां बाढ़ आता है और कई गांव इससे प्रभावित होते है, जिससे करोड़ों का नुकसान होता है. हजारों घर गंगा की चपेट में आ जाते हैं और लोग घर से बेघर हो जाते हैं. जिला प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर राहत सामग्री बांटता है, लेकिन इसका दर्द सिर्फ बाढ़ पीड़ित ही समझते हैं.

देखें पूरी खबर

खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रही गंगा

साहिबगंज जिला का उत्तरवाहिनी गंगा इन दिनों उफान पर है. यह खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर से बह रही है. हालांकि दो दिनों से गंगा का जलस्तर स्थिर है, लेकिन पानी घट भी नहीं रही है. साहिबगंज में 83 किमी तक गंगा बहती है. गंगा अपनी प्रलय दिखाना शुरू कर चुकी है. बाढ़ की संभावना बन चुकी है. दियरा इलाका डूबने से लोग ऊंचे स्थान पर अपने मवेशी और बाल बच्चों के साथ आना शुरू कर चुके हैं. लोग ऊंचे सड़क के दोनों तरफ अपनी मवेशी को बांध रहे हैं. सड़क किनारे ही पॉलीथिन टांग रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक राहत के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है, जिससे लोग निराश है.

ये भी पढ़ें-झारखंड के लिए राहत की खबर, तीसरी बार भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी की कोविड-19 रिपोर्ट आई नेगेटिव

स्थानीय लोगों का कहना है कि दियरा इलाका डूबने से सबसे बड़ी समस्या मवेशी के चारा का उत्पन्न हो चुका है. लोग रूखा-सूखा खिलाकर मवेशी को जिंदा रख रहे हैं. जलावन की भी घोर समस्या उत्पन्न हो चुकी है. निश्चित रूप से जिला प्रशासन को इसे बाढ़ क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि की नींद कब तक टूटती है.

साहिबगंज: झारखंड का एकमात्र जिला साहिबगंज बाढ़ प्रभावित जिला है. हर साल यहां बाढ़ आता है और कई गांव इससे प्रभावित होते है, जिससे करोड़ों का नुकसान होता है. हजारों घर गंगा की चपेट में आ जाते हैं और लोग घर से बेघर हो जाते हैं. जिला प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर राहत सामग्री बांटता है, लेकिन इसका दर्द सिर्फ बाढ़ पीड़ित ही समझते हैं.

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खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रही गंगा

साहिबगंज जिला का उत्तरवाहिनी गंगा इन दिनों उफान पर है. यह खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर से बह रही है. हालांकि दो दिनों से गंगा का जलस्तर स्थिर है, लेकिन पानी घट भी नहीं रही है. साहिबगंज में 83 किमी तक गंगा बहती है. गंगा अपनी प्रलय दिखाना शुरू कर चुकी है. बाढ़ की संभावना बन चुकी है. दियरा इलाका डूबने से लोग ऊंचे स्थान पर अपने मवेशी और बाल बच्चों के साथ आना शुरू कर चुके हैं. लोग ऊंचे सड़क के दोनों तरफ अपनी मवेशी को बांध रहे हैं. सड़क किनारे ही पॉलीथिन टांग रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक राहत के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है, जिससे लोग निराश है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि दियरा इलाका डूबने से सबसे बड़ी समस्या मवेशी के चारा का उत्पन्न हो चुका है. लोग रूखा-सूखा खिलाकर मवेशी को जिंदा रख रहे हैं. जलावन की भी घोर समस्या उत्पन्न हो चुकी है. निश्चित रूप से जिला प्रशासन को इसे बाढ़ क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि की नींद कब तक टूटती है.

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