साहिबगंज: मानसून में बारिश से गंगा नदी का जलस्तर जैसे जैसे बढ़ रहा है, वैसे वैसे दियारा क्षेत्र में रहने वाले किसान और मवेशी पालक की परेशानी बढ़ने लगी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग इससे खासे परेशान हैं.
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24 घंटे में 63 सेमी बढ़ा गंगा नदी का जलस्तरः केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के बक्सर से लेकर पश्चिम बंगाल के फरक्का तक गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं साहिबगंज में गंगा नदी इन दिनों उफान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटा में 63 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. शुक्रवार की सुबह छह बजे तक 23.85 मीटर व गुरुवार को 23.22 मीटर दर्ज किया गया है, आगे भी पानी बढ़ने का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जरुर है लेकिन बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा का जलस्तर अभी अपने अपने गेज स्थल के माप के वार्णिंग लेवल के नीचे से बह रही है. जिसमें गंडक, बागमती, कोसी, महानंदा व परमान जैसी कुछ सहायक नदियां वार्णिंग लेवल को पार कर खतरे की निशान की करीब पहुंच चुकी हैं. इन नदियों का पानी गंगा में आने से बढ़ोतरी की संभावना रहती है.
वहीं इसको लेकर जिला प्रशासन की तरफ से नाव सीज करने प्रक्रिया जारी है. इस बीच निजी नाव मालिक किसान और पशुपालकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. मवेशियों के लिए चारा नाव से आर-पार करने के लिए 10 रुपया प्रति बोझा लिया जा रहा है. एक एक किसान के पास 10 से 30 गाय व भैंसें हैं. इतना अधिक मवेशी रखने वाले पशुपालक कम से कम एक दिन में 15 से 20 बोझा चारा काट कर लाते हैं. ऐसी स्थिति में 150-200 रुपया नाव मालिक लेता है.
ओझा टोली और शकुंतला सहाय गंंगा घाट पर ये खेल चल रहा है. किसान मंटू कुमार यादव ने कहा कि नाव मालिक कोई छूट नहीं देता है और कहता है कि अभी तो कमाने का सीजन है. हम लोग को चारा लाने में ही सब खर्च हो जाएगा तो दूध बेचकर कैसे कमाएंगे. वहीं किसान सुरेंद्र यादव ने कहा कि इन दिनों बारिश के कारण गंगा नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है. दियारा से चारा लाने में नाव मालिक आजकल 20 रुपया प्रति बोझा ले रहा है. हम किसान गरीब हर दिन कहां से नकद पैसा लाएंगे. सरकारी नाव की कमी है, गंगा नदी में धार अधिक है, नदी तैर कर चारा लाने में डर लगता है. किसानों की मांग है कि जिला प्रशासन को इस दिशा में पहल करनी चाहिए.