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साहिबगंज: बंदरगाह विस्थापितों का रघुवर सरकार से सवाल, पूछा- 2 कमरे के क्वार्टर में कैसे रहे 3 परिवार

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Published : Aug 26, 2019, 9:13 PM IST

साहिबगंज में अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनकर तैयार हो गया है. इसको बनाने के लिए सरकार ने लोगों की जमीन का अधिगृहण करके क्वार्टर देने का वादा किया. हालांकि अब ये लोग इस क्वार्टर का विरोध कर रहे हैं. लोगों को कहना है कि आखिर 2 कमरे के क्वार्टर में 3 परिवार कैसे रहेंगे.

सामदा घाट पर अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनकर तैयार

साहिबगंज: जिले में सकरी गली सामदा घाट पर अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनकर तैयार है. पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टर्मिनल पोर्ट के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया है. 15 सितंबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन कभी भी साहिबगंज हो सकता है. इसे लेकर जिला प्रशासन तेज हो गया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

साहिबगंज में अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह लगभग बनकर तैयार हो चुका है. इस बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय फलक पर साहिबगंज को एक नई पहचान मिलेगी. बंदरगाह के शुरू होने के बाद यह जिला व्यापार का हब बन जाएगा. इससे झारखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व का फायदा पोस्ट से मिलने जा रहा है.

हालांकि कुछ अड़चने भी बंदरगाह में देखने को मिल रही है. बंदरगाह में लिए गए रैयत को सरकार ने बसाने के लिए 25 क्वार्टर बनाए गए. इन क्वार्टरों में 30 अगस्त विस्थापितों के पुनर्वास समय रखा गया है. इसे लेकर जिला प्रशासन प्रथम चरण में 25 विस्थापित परिवारों से उनका घर खाली कराकर नए घर में शिफ्ट कराने पहुंचा. मौके पर मौजूद विस्थापितों ने इसका विरोध किया और कहा कि जिला प्रशासन विस्थापितों के साथ अन्याय कर रहा है.

विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन सिर्फ 25 परिवार को नए घर में पुनर्वास के लिए हमारे घर को खाली कराने के लिए आया है. हम जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन को खाली नहीं करेंगे, क्योंकि इस क्वार्टर में 2 से 3 परिवार आखिर कैसे रहेंगे.

मामले को लेकर सदर सीओ का कहना है कि इन विस्थापितों को आरएनआर पॉलिसी के साथ ही जमीन का मुआवजा भी दिया गया. आज यह लोग घर खाली कराने का विरोध कर रहे हैं. हालांकि इन्हें समझाया जा रहा है. लोगों को घर खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन नोटिस लेने से भी लोगों ने इनकार कर दिया.

साहिबगंज: जिले में सकरी गली सामदा घाट पर अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनकर तैयार है. पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टर्मिनल पोर्ट के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया है. 15 सितंबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन कभी भी साहिबगंज हो सकता है. इसे लेकर जिला प्रशासन तेज हो गया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

साहिबगंज में अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह लगभग बनकर तैयार हो चुका है. इस बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय फलक पर साहिबगंज को एक नई पहचान मिलेगी. बंदरगाह के शुरू होने के बाद यह जिला व्यापार का हब बन जाएगा. इससे झारखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व का फायदा पोस्ट से मिलने जा रहा है.

हालांकि कुछ अड़चने भी बंदरगाह में देखने को मिल रही है. बंदरगाह में लिए गए रैयत को सरकार ने बसाने के लिए 25 क्वार्टर बनाए गए. इन क्वार्टरों में 30 अगस्त विस्थापितों के पुनर्वास समय रखा गया है. इसे लेकर जिला प्रशासन प्रथम चरण में 25 विस्थापित परिवारों से उनका घर खाली कराकर नए घर में शिफ्ट कराने पहुंचा. मौके पर मौजूद विस्थापितों ने इसका विरोध किया और कहा कि जिला प्रशासन विस्थापितों के साथ अन्याय कर रहा है.

विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन सिर्फ 25 परिवार को नए घर में पुनर्वास के लिए हमारे घर को खाली कराने के लिए आया है. हम जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन को खाली नहीं करेंगे, क्योंकि इस क्वार्टर में 2 से 3 परिवार आखिर कैसे रहेंगे.

मामले को लेकर सदर सीओ का कहना है कि इन विस्थापितों को आरएनआर पॉलिसी के साथ ही जमीन का मुआवजा भी दिया गया. आज यह लोग घर खाली कराने का विरोध कर रहे हैं. हालांकि इन्हें समझाया जा रहा है. लोगों को घर खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन नोटिस लेने से भी लोगों ने इनकार कर दिया.

Intro:बंदरगाह विस्थापित परिवार ने पुनर्वास का किया विरोध। विस्थापित परिवार और जिला प्रशासन हुआ आमने सामने। विस्थापितों ने कहा जान दे देंगे लेकिन जमीन नही देंगे।



Body:बंदरगाह विस्थापित परिवार ने पुनर्वास का किया विरोध। विस्थापित परिवार और जिला प्रशासन हुआ आमने सामने। विस्थापितों ने कहा जान दे देंगे लेकिन जमीन नही देंगे।
स्टोरी-साहिबगंज---- साहिबगंज में सकरी गली सामदा घाट पर अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनकर तैयार है बस इंतजार है तो उद्घाटन का। पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री टर्मिनल पोर्ट का उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री को न्योता देकर आए हैं और 15 सितंबर के बाद कभी भी प्रधानमंत्री का आगमन साहिबगंज हो सकता है। इसे लेकर जिला प्रशासन रेस हो चुकी है बाकी थोड़ा बहुत छूटे हुए काम को जल्द से जल्द पूरा कर निपटाना चाहती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह लगभग बनकर तैयार हो चुका है इस बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय फलक पर साहेबगंज का एक नई पहचान मिलेगी साहेबगंज व्यापार का हब बनेगा झारखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व का फायदा इस पोस्ट से मिलने को जा रहा है।
लेकिन कुछ अड़चने बंदरगाह में देखने को मिल रही हैं बंदरगाह में लिए गए रैयत को सरकार ने बसाने के लिए 25 क्वाटर बनाई हुई है जो इस 30 तारीख को विधि संवत पूजा पाठ कर पुनर्वास कराने का समय रखा गया है इसे लेकर जिला प्रशासन प्रथम चरण में 25 विस्थापित परिवारों को घर खाली कराकर नए घर में पुनर्वास के लिए आई हुई थी लेकिन विस्थापितों ने इसका विरोध किया और कहा जिला प्रशासन हम विस्थापितों के लिए अन्याय कर रही हैं हर वो मापदंड पूरा नहीं कर रही है।
विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन सिर्फ 25 परिवार को नए घर मे पुनर्वास के लिए हमारे घर को खाली कराने के लिए दल बल के साथ आई हुई है लेकिन हम जान दे देंगे लेकिन अपने जमीन को खाली नहीं करेंगे क्योंकि हम लोग बंदरगाह का कभी विरोध नहीं किए क्योंकि इस बंदरगाह से जिला राज्य और देश को लाभ होगा लेकिन जिला प्रशासन हम विस्थापितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
विस्थापितों ने कहा कि एक परिवार मतलब मेरे पिताजी को एक क्वाटर जिसमें दो रूम एक छोटा सा किचन और कुछ नहीं दिया जा रहा है लेकिन एक पिता का दो या तीन बेटा है और सभी का शादी हो गया है तो नए इस क्वाटर में दो रूम में कौन-कौन रहेंगे समस्या यह आ रही है जिला प्रशासन इसे क्लियर करें तभी हम नए क्वार्टर में जाएंगे। विस्थापितों ने कहा कि जिला प्रशासन 25 घर को खाली कराने के लिए आई है जिसमें 25 घर में 52 परिवार रह रहे हैं तो ऐसी स्थिति में बाकी लोग कैसे सोएंगे कैसे अपने बच्चों के साथ रह पाएंगे। जिला प्रशासन पहले यह तय करें तभी हम अपना पुराने घर को छोड़ेंगे और नए बनाए गए क्वार्टर में खुशी खुशी चले जाएंगे।।
जैसा सुनने में आ रहा है प्रधानमंत्री का आगमन साहिबगंज हो रहा है और पोर्ट का उद्घाटन करेंगे जिला प्रशासन रेस हो चुकी है प्रधानमंत्री उद्घाटन से पूर्व हमारी मांगे जिला प्रशासन जो मान लेगी वह हो जाएगा लेकिन जाने का बाद जिला प्रशासन हमारे एक भी बात नहीं सुनेगी ऐसा मानना है।
बाइट-- दिवाकर यादव, विस्थापित पीडित
बाइट-- मास्टर जी। सदर सीओ ने कहा कि इन विस्थापितों को एन आर का लाभ जमीन का मुवावजा भी दिया गया है अब बारी है इन लोगों को जमीन खाली कराकर नए भवन में पुनर्वास कराने का। आज खाली कराने के लिए आए हैं तो इन लोगों ने इसका विरोध किया है तो सभी लोगों को समझाया जा रहा है और समझेंगे भी क्योंकि सारे काम कानून रूप से किया गया है इन लोगों को घर खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया था लेकिन नोटिस लेने से भी इनकार कर दिया गया है अंत में इनको घर खाली कराकर नए क्वार्टर में पुनर्वास कराना हर हाल में जिला प्रशासन के मजबूरी होगी यदि जो भी कमी होगी वाह जांच का विषय है वह पूरा किया जाएगा लेकिन फिलहाल यह लोग अपना घर खाली करें।
बाइट- सदर सीओ, साहिबगंज



Conclusion:बंदरगाह विस्थापित परिवार और जिला प्रशासन एक दूसरे को आमने सामने हो चुके हैं एकता विस्थापित परिवार यह कह रहा है जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे जिला प्रशासन हमारी सारी मांगे पूरी करें जिला प्रशासन हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है दूसरी तरफ जिला प्रशासन अपनी बातों पर और चुकी है इनकी मांगे पूरी की गई है अब समय है घर खाली कराने का यदि कोई और समस्या है तो आज जांच का विषय है और बाद में लाभ मिलेगा लेकिन फिलहाल जमीन खाली कर दें। अब देखना यह होगा के क्या विस्थापित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं
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