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साहिबगंज: पारा मेडिकल बहाली में अनियमितता, डीपीएम और एजेंसी पर एफआईआर - health Department sahibganj

साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए इसी साल बहाली हुई थी. जिला प्रशासन ने चयन प्रक्रिया के लिए परीक्षा भी लिया था. इस चयन प्रक्रिया के अंतिम दौर में डीसी राजीव रंजन ने परीक्षा में अनियमितता की बात कहते हुए बहाली को रद्द कर दिया. जिससे अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है.

सफल अभ्यर्थी
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Published : Sep 19, 2019, 7:28 PM IST

साहिबगंज: जिला प्रशासन की ओर से जिले के स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए दिल्ली के एजेंसी ने बहाली लिया था. जिसके बाद विद्यार्थियों को चयन प्रक्रिया के लिए परीक्षा और काउंसलिंग भी किया गया. लेकिन वर्तमान डीसी राजीव रंजन ने इस बहाली में अनियमितता की बात कहते हुए बहाली को रद्द कर दिया है.

देखें पूरी खबर

स्वास्थय विभाग के खाली पदों पर हुई थी बहाली

राज्य सरकार ने इसी साल साहिबगंज को आकांक्षी जिला घोषित किया है. जिसके तहत सरकार की ओर से प्रत्येक साल जिले के विकास हेतू 50 करोड़ रुपए देगी. आकांक्षा योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना को गति देने के लिए यह फंड जिला को मिलता है. इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भी भरने का प्रावधान था.

जिसको लेकर निवर्तमान डीसी संदीप सिंह ने दिल्ली की एक एजेंसी के साथ इस बहाली को निष्पक्ष रुप से पूरा किया था. सभी पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का परीक्षा और काउंसलिंग तक हो गया. जब नियुक्ति पत्र बांटने का समय आया तब तक जिले में डीसी के रूप में राजीव रंजन का आगमन हो गया. उन्होंने 30 जून को साहिबगंज में नए डीसी के रूप में कदम रखा. जिसके बाद राजीव रंजन ने इस बहाली में अनियमितता और पैसे का लेन देन की बात कह कर बहाली को रद्द कर दिया.

ये भी पढ़ें:- तबरेज मॉब लिंचिंग मामले पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- किन परिस्थितियों में पदाधिकारियों ने बनाई थी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

डीपीएम और परीक्षा एजेंसी पर एफआईआर दर्ज

पारा मेडिकल बहाली में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के वक्त अचानक बहाली रद्द हो गई थी. इस बहाली में काफी अनियमितता और पैसे की लेन देन का मामला उजागर हुआ था. जिला स्तर की बहाली प्रक्रिया में उपायुक्त चयन कमिटी के अध्यक्ष होते है, इसी आधार पर डीसी ने इस बहाली को रद्द करते हुए जांच टीम गठित कर दी. इस चयन प्रक्रिया के शुरूआत में भी स्वास्थ्य विभाग के 2 प्रधान लिपिक दिलीप और मुकेश को ससपेंड भी किया गया था. ऐसे में अब स्वास्थ विभाग के डीपीएम और दिल्ली की एजेंसी पर उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन ने जिरवाबड़ी ओपी में एफआईआर दर्ज कराया है.

पारा मेडिकल के 126 सीटों के लिए हुई थी बहाली

बता दें कि पारा मेडिकल के 126 सीटों पर बहाली हुई थी. जिसमें 79 एएनएम और जीएनएम पद पर बहाली होना था, जबकि लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, एमटीएस पदों पर भी बहाली होनी थी. निवर्तमान डीसी संदीप सिंह ने निष्पक्ष रुप से इस बहाली को कराने के लिए दिल्ली की एजेंसी का चयन किया था. लेकिन योजना मुताबिक बहाली प्रक्रिया पूरा नहीं हो सकी.

क्या कहना है अभ्यर्थियों का

पारा मेडिकल बहाली में अब तक सभी चयन प्रक्रिया को पास कर चुके अभ्यर्थी रवि कुमार ने कहा कि चयन प्रक्रिया में अंदरूनी मामला जो भी हो, यह चयन कमिटी का विषय है. लेकिन हम अभ्यर्थियों की जिंदगी के साथ जिला प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. हमारी उम्र अब प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए खत्म होने जा रहा है, हम परिवार वाले हैं. सभी लोगों का एक साथ बहाली रद्द कर देना कहीं से सही नहीं है. इस फैसले से जिला प्रशासन संदेह के घेरे में आ रहा है. हमारी जिंदगी के साथ मजाक नहीं किया जाए. उसने कहा कि अभी हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं. अपनी बातों को जिला प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं. अगर जिला प्रशासन बातों को नहीं मानता है तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

वहीं, एएनएम और जीएनएम पदों पर चयनित कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि साजिश के तहत बहाली को रद्द किया गया है. जब दिल्ली की एजेंसी द्वारा सही तरीके से सभी पदों पर बहाली निकाली गई, तब इन सभी पदों के लिए मांग के अनुसार सर्टिफिकेट साथ में अनुभव प्रमाण पत्र भी दिए गए. लेकिन फिर भी जिला प्रशासन को नियुक्ति पत्र देने का समय आया तो बहाली ही रद्द कर दी.

सिविल सर्जन ने एजेंसी पर किया एफआईआर

साहिबगंज सिविल सर्जन ने बहाली की जांच की प्रक्रिया में डीपीएम और संबंधित एजेंसी पर अनियमितता बरतने और पैसे का लेन देन करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराया है. इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि बहाली कराने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.

वहीं पूरे मामले में एसपी एचपी जनार्धनन ने कहा कि पारा मेडिकल बहाली में अनियमितता को लेकर डीपीएम और एजेंसी पर एफआईआर का मामला सामने आया है. इसकी जांच भी चल रही है. जांच के जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

साहिबगंज: जिला प्रशासन की ओर से जिले के स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए दिल्ली के एजेंसी ने बहाली लिया था. जिसके बाद विद्यार्थियों को चयन प्रक्रिया के लिए परीक्षा और काउंसलिंग भी किया गया. लेकिन वर्तमान डीसी राजीव रंजन ने इस बहाली में अनियमितता की बात कहते हुए बहाली को रद्द कर दिया है.

देखें पूरी खबर

स्वास्थय विभाग के खाली पदों पर हुई थी बहाली

राज्य सरकार ने इसी साल साहिबगंज को आकांक्षी जिला घोषित किया है. जिसके तहत सरकार की ओर से प्रत्येक साल जिले के विकास हेतू 50 करोड़ रुपए देगी. आकांक्षा योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना को गति देने के लिए यह फंड जिला को मिलता है. इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भी भरने का प्रावधान था.

जिसको लेकर निवर्तमान डीसी संदीप सिंह ने दिल्ली की एक एजेंसी के साथ इस बहाली को निष्पक्ष रुप से पूरा किया था. सभी पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का परीक्षा और काउंसलिंग तक हो गया. जब नियुक्ति पत्र बांटने का समय आया तब तक जिले में डीसी के रूप में राजीव रंजन का आगमन हो गया. उन्होंने 30 जून को साहिबगंज में नए डीसी के रूप में कदम रखा. जिसके बाद राजीव रंजन ने इस बहाली में अनियमितता और पैसे का लेन देन की बात कह कर बहाली को रद्द कर दिया.

ये भी पढ़ें:- तबरेज मॉब लिंचिंग मामले पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- किन परिस्थितियों में पदाधिकारियों ने बनाई थी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

डीपीएम और परीक्षा एजेंसी पर एफआईआर दर्ज

पारा मेडिकल बहाली में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के वक्त अचानक बहाली रद्द हो गई थी. इस बहाली में काफी अनियमितता और पैसे की लेन देन का मामला उजागर हुआ था. जिला स्तर की बहाली प्रक्रिया में उपायुक्त चयन कमिटी के अध्यक्ष होते है, इसी आधार पर डीसी ने इस बहाली को रद्द करते हुए जांच टीम गठित कर दी. इस चयन प्रक्रिया के शुरूआत में भी स्वास्थ्य विभाग के 2 प्रधान लिपिक दिलीप और मुकेश को ससपेंड भी किया गया था. ऐसे में अब स्वास्थ विभाग के डीपीएम और दिल्ली की एजेंसी पर उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन ने जिरवाबड़ी ओपी में एफआईआर दर्ज कराया है.

पारा मेडिकल के 126 सीटों के लिए हुई थी बहाली

बता दें कि पारा मेडिकल के 126 सीटों पर बहाली हुई थी. जिसमें 79 एएनएम और जीएनएम पद पर बहाली होना था, जबकि लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, एमटीएस पदों पर भी बहाली होनी थी. निवर्तमान डीसी संदीप सिंह ने निष्पक्ष रुप से इस बहाली को कराने के लिए दिल्ली की एजेंसी का चयन किया था. लेकिन योजना मुताबिक बहाली प्रक्रिया पूरा नहीं हो सकी.

क्या कहना है अभ्यर्थियों का

पारा मेडिकल बहाली में अब तक सभी चयन प्रक्रिया को पास कर चुके अभ्यर्थी रवि कुमार ने कहा कि चयन प्रक्रिया में अंदरूनी मामला जो भी हो, यह चयन कमिटी का विषय है. लेकिन हम अभ्यर्थियों की जिंदगी के साथ जिला प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. हमारी उम्र अब प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए खत्म होने जा रहा है, हम परिवार वाले हैं. सभी लोगों का एक साथ बहाली रद्द कर देना कहीं से सही नहीं है. इस फैसले से जिला प्रशासन संदेह के घेरे में आ रहा है. हमारी जिंदगी के साथ मजाक नहीं किया जाए. उसने कहा कि अभी हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं. अपनी बातों को जिला प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं. अगर जिला प्रशासन बातों को नहीं मानता है तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

वहीं, एएनएम और जीएनएम पदों पर चयनित कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि साजिश के तहत बहाली को रद्द किया गया है. जब दिल्ली की एजेंसी द्वारा सही तरीके से सभी पदों पर बहाली निकाली गई, तब इन सभी पदों के लिए मांग के अनुसार सर्टिफिकेट साथ में अनुभव प्रमाण पत्र भी दिए गए. लेकिन फिर भी जिला प्रशासन को नियुक्ति पत्र देने का समय आया तो बहाली ही रद्द कर दी.

सिविल सर्जन ने एजेंसी पर किया एफआईआर

साहिबगंज सिविल सर्जन ने बहाली की जांच की प्रक्रिया में डीपीएम और संबंधित एजेंसी पर अनियमितता बरतने और पैसे का लेन देन करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराया है. इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि बहाली कराने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.

वहीं पूरे मामले में एसपी एचपी जनार्धनन ने कहा कि पारा मेडिकल बहाली में अनियमितता को लेकर डीपीएम और एजेंसी पर एफआईआर का मामला सामने आया है. इसकी जांच भी चल रही है. जांच के जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:साहिबगंज एक आकांक्षी जिला घोषित हो चुका है केंद्र और राज्य सरकार सालाना 50 करोड़ रुपया प्रत्येक साल जिला के विकास के लिए दे रही है। आकांक्षा योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना को गति देने के लिए यह फंड जिला को मिल रहा है ।इसी उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े खाली पदों को भी भरने का प्रावधान था । निवर्तमान डीसी संदीप सिंह ने दिल्ली की एक एजेंसी के साथ इस बहाली को निष्पक्ष रुप से पूरा किया था ।इन पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का काउंसलिंग और परीक्षा तक हो गया जब बारी आई नियुक्ति पत्र बांटने की तो संयोग से निवर्तमान डीसी का ट्रांसफर रामगढ़ हो गया और 30 जून को जैसे ही राजीव रंजन साहेबगंज के उपायुक्त बने और इस बहाली को रद्द कर दिया गया। वर्तमान डीसी ने इस बहाली में काफी है अनियमितता और पैसे का लेन देन के शक पर रदद् कर दिया।



Body:चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का नियुक्ति देने बक्त हुआ रदद्। इस बहाली में महा घोटाल का हो रहा है उजागर। डीपीएम और एजेंसी पर हुआ थाना में एफआईआर दर्ज।
स्टोरी--साहिबगंज--- चयनित पारा मेडिकल का बहाली नियुक्ति देने के वक्त अचानक रदद् हो गया था इस बहाली में काफी अनियमितता और पैसे का लेन देन का मामला उजागर हुआ था।चुकी उपायुक्त इस कमिटी के अध्यक्ष होते है तो इस बहाली को रद्द करते हुए एक जांच टीम गठित कर दी गयी थी। पूर्व में भी स्वास्थ्य विभाग के दो प्रधान लिपिक दिलीप और मुकेश को ससपेंड कर दिया गया था। अब स्वास्थ विभाग के डीपीएम राजीव रंजन और दिल्ली की एजेंसी पर उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन ने जिरवाबड़ी ओपी में कल एफआईआर दर्ज किया है।
आपको बता दूं कि इन पैरामेडिकल मेडिकल के 126 सीटों पर जिसमें 79 एएनएम और जीएनएम पद का बहाली था बाकी लैब टेक्नीशियन ,फार्मासिस्ट, एमटीएस सहित अन्य पदों पर बहाली होना था निवर्तमान डीसी संदीप सिंह के द्वारा निष्पक्ष रुप से कर दी गई थी इस बहाली में दिल्ली का एक एजेंसी द्वारा निष्पक्ष रुप से परीक्षा से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक काम कराया गया था अंतिम मुहर स्वास्थ्य विभाग कमेटी द्वारा तय करना था जिसमें डीसी अध्यक्ष होते हैं इन पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का चयन पूर्णरूपेण कर लिया गया था अब बारी था इनको नियुक्ति पत्र देना।
एक अभ्यर्थी रवि कुमार ने कहा कि जब नियुक्ति पत्र देने की बारी आई तो संजोग से निवर्तमान डीसी संदीप सिंह का ट्रांसफर राम गढ़ हो जाता है और इनके जगह पर राजीव रंजन नए डीसी पदभार ग्रहण कर लेते हैं जो आज वर्तमान में साहिबगंज जिला का उपायुक्त है इन्होंने इस चयनित पारा मेडिकल बहाली को अच्छी तरह से परखते हुए इस बहाली को रद्द कर दिए और इस बहाली में संलिप्त अनुशासन हीनता के आरोप में दो स्वास्थ्य कर्मी दिलीप और मुकेश को सस्पेंड कर दिए।
रवि ने बताया कि अंदरूनी मामला जो भी हो वह आप का विषय है लेकिन हम अभ्यर्थियों के लाइव के साथ जिला प्रशासन खिलवाड़ कर चुका है हमारा उम्र खत्म होने जा रहा है हम परिवार वाले हैं सभी लोगों का एक साथ बहाली रदद् कर देना कहीं ना कहीं जिला प्रशासन संदेह के घेरे में आ रहा है कहा कि अभी हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं अपनी बातों को जिला प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं फिर भी जिला प्रशासन हमारी बात नहीं मानती है तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे यदि फिर भी नहीं हुआ तो हम लोग जिला प्रशासन के समक्ष भूख हड़ताल करेंगे।
बाइट- रवि कुमार, एमटीएस, चयनित अभ्यर्थी।
साथ में एएनएम और जीएनएम पदों पर चयनित हुई कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि हमारे साथ साजिश के तहत बहाली को रद्द किया गया है जब दिल्ली के एजेंसी द्वारा साफ सुथरा तरीके से सभी पदों पर बहाली निकाला गया। इन सभी पदों पर मांग के अनुसार सर्टिफिकेट साथ में अनुभव प्रमाण पत्र भी दिये। सभी पदों पर साफ सुथरा तरीके से परीक्षा ली गई। परीक्षा में पास होने के बाद काउन्सलिंग के लिए बुलाया गया। सभी का सर्टिफिकेट जांच हुआ सभी लोगों ने पास किया जब नियुक्ति पत्र का समय आया तो मालूम चला कि बहाली रदद् हो गया।
कहना है कि आखिर क्या वजह रही होगी क्या अंदरूनी मामला है जो चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ हुआ है। एक डीसी इसे अंतिम रूप देकर जाते है और दूसरा इसे रदद् करते है। यदि अब भी जिला प्रशासन नही जगी तो भूख हड़ताल करेंगे।
बाइट-- वर्षा कुमारी, ANM
byte__ अग्ने हांसदा,
बाइट-- जुली खातून,GNM
जिला सिविल सर्जन ने बहाली की जांच की प्रकिर्या में डीपीएम और संबंधित एजेंसी पर भारी अनियमितता और पैसे का लेनदेन का मामला में जिरवाबड़ी थाना में एफआईआर कर दिया है कहा कि दिल्ली की बहाली कराने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। जांच क्रम में और भी लोगो का नाम सामने आएगा।
बाइट-- डीएन सिंह,सीएस,साहिबगंज
एसपी ने कहा कि चयनित पारा मेडिकल बहाली में अनियमितता को लेकर एक डीपीएम और एजेंसी पर एफआइआर का मामला सामने आया है। जांच चल रही है। सही पाए जाने पर आगे की करवाई करने के लिए पुलिस प्रशासन बाध्य हो जाएगी।
बाइट- एचपी जनार्धनन,एसपी,साहिबगंज


Conclusion:चाइनीस पारा मेडिकल अभ्यर्थियों का कहना है कि अंदरूनी जो भी मामला हो किसने क्या लिया यह हम नहीं जानते लेकिन सारी प्रक्रिया के बाद बहाली रद्द करना जिला प्रशासन पर भी सवाल खड़ा हो रहा है आवर्ती ओ कहना है कि अब दिखावे के लिए किसी पर एफ आई आर तो किसी पर सस्पेंड किया जा रहा है सबसे बड़ा सवाल यह है कि पूर्व में जो डीसी जो साफ सुथरा बहाली करके गए और जब दूसरा डीसी उनके किए गए काम पर सवाल खड़ा करते है इससे साफ जाहिर होता है मामला कुछ और है
जिला प्रशासन के अंदरूनी मामले में चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद हो चुका है अब दिखावे का एफ आई आर और किसी को सस्पेंड किया जा रहा है जबकि पूर्व डीसी के कार्यकाल में या बहाली बिल्कुल साफ सुथरा तरीके से किया गया था
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