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Sponsorship Scheme: 43 अनाथ बच्चों को मिल रहा लाभ, हर महीना मिलता है 2 हजार रुपया

साहिबगंज में स्पॉन्सरशिप योजना से अनाथ बच्चों को लाभ मिला है. झारखंड सरकार की इस योजना के तहत ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता नहीं है या फिर अभिभावक जेल में हैं. इनकी स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के लिए सरकार हर बच्चे को प्रत्येक माह दो हजार की राशि दे रही है.

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साहिबगंज में स्पॉन्सरशिप योजना
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Published : Nov 13, 2021, 5:40 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 6:50 PM IST

साहिबगंजः जिला में स्पॉन्सरशिप योजना (Sponsorship Scheme) से 43 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है. यह कोई छात्रवृति या पेंशन योजना नहीं है. इस योजना के तहत उन बच्चों को लाभ दिया जा रहा है, जिनके माता पिता इस दुनिया में है या दोनों में से कोई एक है या दोनों जेल में है. ऐसी स्थिति में इनके स्वास्थ्य शिक्षा और पोषण के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की ओर से हर अनाथ बच्चा को 2000 रुपया प्रति माह डीवीडी के माध्यम से बैंक खाता में ट्रांसफर कर देती है.

इसे भी पढ़ें- अनाथ बच्चों को नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ, जानिए क्या है वजह?

ईटीवी भारत (Etv Bharat) ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी (District Child Protection Officer Punam Kumari) से बातचीत की. इस योजना को लेकर अधिकारी ने बताया कि यह झारखंड सरकार का महत्वाकांक्षी योजना है, साहिबगंज में अनाथ 43 बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. 21 अन्य बच्चों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द इन बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा.

जानकारी देतीं अधिकारी


झारखंड सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जिसमें वैसे परिवार जिनका 75 हजार सालाना आय कम है और अपने बच्चे को पाल नहीं सकते है या जिनके माता-पिता कि मृत्यु हो चुकी है या ट्रैफिकिंग से जुड़ी बच्चियों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जा सकता है. इसमें कोई लिंग भेद नहीं है, किसी भी जाति के बच्चों को लाभ दिया जा सकता है. यह योजना 2018 में शुरू हुआ था, समय पर इसका फंड जाता है.

इस योजना का लाभ दिलाने में थोड़ी बहुत परेशानी जरूर होती है. झारखंड सरकार की ओर से बच्चे का आय प्रमाण पत्र माना जाता है. इसमें अधिकांश बच्चों का आय प्रमाण पत्र नहीं रहता है. ऐसी परिस्थिति में परेशानी जरूर होती है, बच्चे का ब्लॉक से लेकर बैंक तक खाता खुलवाने में चाइल्ड लाइन की टीम पूरी तरह से मदद करती है. अधिकारी ने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को नियमावली में थोड़ा बदलाव करना चाहिए था. जबकि पिता के आय प्रमाण पत्र पर ही बच्चे का भी आय निर्भर करता है अलग से बच्चे का प्रमाण पत्र मांगना थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना से अनाथ बच्चों को सरकार देना चाहती है संरक्षण, जानिए कितना सुरक्षित है साहिबगंज का बाल गृह


उन्होंने कहा कि अनाथ 43 बच्चों को इसका लाभ दिया जा रहा है उनके खाते में डीवीडी के माध्यम से हर महीने 2000 खाता में भेज दिया जाता है. उन्होंने बताय कि जिस किसी मोहल्ले में इस तरह के बच्चे मिलते हैं तो ऐसे बच्चों की जानकारी अनुमंडल कार्यालय स्थित जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (District Child Protection Officer) को सूचना देकर इन बच्चों को इस योजना का लाभ दिला सकते हैं.

साहिबगंजः जिला में स्पॉन्सरशिप योजना (Sponsorship Scheme) से 43 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है. यह कोई छात्रवृति या पेंशन योजना नहीं है. इस योजना के तहत उन बच्चों को लाभ दिया जा रहा है, जिनके माता पिता इस दुनिया में है या दोनों में से कोई एक है या दोनों जेल में है. ऐसी स्थिति में इनके स्वास्थ्य शिक्षा और पोषण के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की ओर से हर अनाथ बच्चा को 2000 रुपया प्रति माह डीवीडी के माध्यम से बैंक खाता में ट्रांसफर कर देती है.

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ईटीवी भारत (Etv Bharat) ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी (District Child Protection Officer Punam Kumari) से बातचीत की. इस योजना को लेकर अधिकारी ने बताया कि यह झारखंड सरकार का महत्वाकांक्षी योजना है, साहिबगंज में अनाथ 43 बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. 21 अन्य बच्चों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द इन बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा.

जानकारी देतीं अधिकारी


झारखंड सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जिसमें वैसे परिवार जिनका 75 हजार सालाना आय कम है और अपने बच्चे को पाल नहीं सकते है या जिनके माता-पिता कि मृत्यु हो चुकी है या ट्रैफिकिंग से जुड़ी बच्चियों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जा सकता है. इसमें कोई लिंग भेद नहीं है, किसी भी जाति के बच्चों को लाभ दिया जा सकता है. यह योजना 2018 में शुरू हुआ था, समय पर इसका फंड जाता है.

इस योजना का लाभ दिलाने में थोड़ी बहुत परेशानी जरूर होती है. झारखंड सरकार की ओर से बच्चे का आय प्रमाण पत्र माना जाता है. इसमें अधिकांश बच्चों का आय प्रमाण पत्र नहीं रहता है. ऐसी परिस्थिति में परेशानी जरूर होती है, बच्चे का ब्लॉक से लेकर बैंक तक खाता खुलवाने में चाइल्ड लाइन की टीम पूरी तरह से मदद करती है. अधिकारी ने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को नियमावली में थोड़ा बदलाव करना चाहिए था. जबकि पिता के आय प्रमाण पत्र पर ही बच्चे का भी आय निर्भर करता है अलग से बच्चे का प्रमाण पत्र मांगना थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है.

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उन्होंने कहा कि अनाथ 43 बच्चों को इसका लाभ दिया जा रहा है उनके खाते में डीवीडी के माध्यम से हर महीने 2000 खाता में भेज दिया जाता है. उन्होंने बताय कि जिस किसी मोहल्ले में इस तरह के बच्चे मिलते हैं तो ऐसे बच्चों की जानकारी अनुमंडल कार्यालय स्थित जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (District Child Protection Officer) को सूचना देकर इन बच्चों को इस योजना का लाभ दिला सकते हैं.

Last Updated : Nov 13, 2021, 6:50 PM IST
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