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साहिबगंज जिला प्रशासन की लापरवाही! मूर्ति विसर्जन को लेकर गंगा घाट पर नहीं की गयी बैरिकेडिंग - no barricading on Gange River in Sahibganj

साहिबगंज में मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन की लापरवाही दिखाई दे रही है. मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन को लेकर गंगा घाट पर मुकम्मल व्यवस्था देखने को नहीं मिल रही है.

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गंगा घाट
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Published : Oct 15, 2021, 7:22 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 7:33 PM IST

साहिबगंजः दशहरा खत्म होने के साथ ही श्रद्धालू अब मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए शनिवार को दोपहर बाद गंगा किनारे पहुंचेंगे. शहर के फेरी सेवा घाट और शकुंतला सहायघाट को चिन्हित किया गया है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से गंगा में मूर्ति का विसर्जन कर सकें. लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी भी प्रकार की व्यवस्था गंगा किनारे नहीं देखी गयी.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ हादसा : दुर्गा विसर्जन के दौरान बेकाबू कार ने 20 लोगों को रौंदा, चार की मौत


साहिबगंज में बाढ़ आने के बाद गंगा का जलस्तर कम-ज्यादा हो रहा है. अभी-भी गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल के आसपास है. गंगा का पानी उफान पर है, नदी के किनारे पर ही बहुत अधिक गहरा पानी है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन की ओर से मूर्ति विसर्जन को लेकर बैरिकेडिंग की व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. सुरक्षा व्यवस्था ना होने की वजह से विसर्जन के दौरान किसी अनहोनी को आमंत्रण दे रहा है. मूर्ति विसर्जन के दौरान भारी संख्या में बूढ़े-बच्चे गंगा नदी के अंदर प्रवेश करते हैं, ऐसी स्थिति में कहीं चूक होने से बड़ी घटना घटी सकती है.

देखें पूरी खबर

एनजीटी का आदेश है कि गंगा प्रदूषित ना हो इसके लिए नियम है, इसके अलावा गंगा के किनारे बैरिकेडिंग के अंदर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कराया जाए. इसके बाद मौजूद नगरपालिका कर्मचारी की ओर से जेसीबी से उस मूर्ति को तुरंत बाहर निकाल दिया जाए. जिससे मूर्ति से निकलने वाला केमिकल पदार्थ से गंगा प्रदूषित ना हो और उसके अंदर रहने वाले जलीय जीव भी प्रभावित नहीं हो. लेकिन जिला प्रशासन एनजीटी के सभी नियमों की ताक पर रखकर काम कर रही है.


दुर्गा पूजा को लेकर जिला प्रशासन का आदेश है कि शनिवार को शाम होने से पहले जिला के सभी दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन हो जाए. लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक विसर्जन स्थल को किसी तरह की व्यवस्था नहीं देखी जा रही है. नदी के किनारे ना तो पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था है और ना ही नदी घाट पर बैरिकेडिंग की गयी है. ऐसी व्यवस्था नहीं होना एक बड़ी दुर्घटना का निमंत्रण दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- मूर्ति विसर्जन करने का अनोखा तरीका, यहां मंडप परिसर में ही कृत्रिम जलाशय बनाकर किया जाता है मां दुर्गा को विसर्जित


स्थानीय युवक ने बताया कि निश्चित रूप से जिला प्रशासन की लापरवाही साफ-साफ झलक रही है. गंगा में पानी काफी अधिक है और बैरिकेडिंग और लाइट का व्यवस्था अब तक नहीं होना चिंतनीय विषय है. मूर्ति विसर्जन के दौरान मूर्ति निकालने के लिए भी कोई भी मशीन गंगा किनारे नहीं देखा जा रहा है. शनिवार को दोपहर के बाद रात तक मूर्ति का विसर्जन होता है, जिला प्रशासन को चाहिए कि अनहोनी होने से पहले सजग होकर काम कराए.

साहिबगंजः दशहरा खत्म होने के साथ ही श्रद्धालू अब मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए शनिवार को दोपहर बाद गंगा किनारे पहुंचेंगे. शहर के फेरी सेवा घाट और शकुंतला सहायघाट को चिन्हित किया गया है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से गंगा में मूर्ति का विसर्जन कर सकें. लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी भी प्रकार की व्यवस्था गंगा किनारे नहीं देखी गयी.

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साहिबगंज में बाढ़ आने के बाद गंगा का जलस्तर कम-ज्यादा हो रहा है. अभी-भी गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल के आसपास है. गंगा का पानी उफान पर है, नदी के किनारे पर ही बहुत अधिक गहरा पानी है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन की ओर से मूर्ति विसर्जन को लेकर बैरिकेडिंग की व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. सुरक्षा व्यवस्था ना होने की वजह से विसर्जन के दौरान किसी अनहोनी को आमंत्रण दे रहा है. मूर्ति विसर्जन के दौरान भारी संख्या में बूढ़े-बच्चे गंगा नदी के अंदर प्रवेश करते हैं, ऐसी स्थिति में कहीं चूक होने से बड़ी घटना घटी सकती है.

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एनजीटी का आदेश है कि गंगा प्रदूषित ना हो इसके लिए नियम है, इसके अलावा गंगा के किनारे बैरिकेडिंग के अंदर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कराया जाए. इसके बाद मौजूद नगरपालिका कर्मचारी की ओर से जेसीबी से उस मूर्ति को तुरंत बाहर निकाल दिया जाए. जिससे मूर्ति से निकलने वाला केमिकल पदार्थ से गंगा प्रदूषित ना हो और उसके अंदर रहने वाले जलीय जीव भी प्रभावित नहीं हो. लेकिन जिला प्रशासन एनजीटी के सभी नियमों की ताक पर रखकर काम कर रही है.


दुर्गा पूजा को लेकर जिला प्रशासन का आदेश है कि शनिवार को शाम होने से पहले जिला के सभी दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन हो जाए. लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक विसर्जन स्थल को किसी तरह की व्यवस्था नहीं देखी जा रही है. नदी के किनारे ना तो पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था है और ना ही नदी घाट पर बैरिकेडिंग की गयी है. ऐसी व्यवस्था नहीं होना एक बड़ी दुर्घटना का निमंत्रण दे रहा है.

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स्थानीय युवक ने बताया कि निश्चित रूप से जिला प्रशासन की लापरवाही साफ-साफ झलक रही है. गंगा में पानी काफी अधिक है और बैरिकेडिंग और लाइट का व्यवस्था अब तक नहीं होना चिंतनीय विषय है. मूर्ति विसर्जन के दौरान मूर्ति निकालने के लिए भी कोई भी मशीन गंगा किनारे नहीं देखा जा रहा है. शनिवार को दोपहर के बाद रात तक मूर्ति का विसर्जन होता है, जिला प्रशासन को चाहिए कि अनहोनी होने से पहले सजग होकर काम कराए.

Last Updated : Oct 15, 2021, 7:33 PM IST
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