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मुखिया संघ ने डीपीआरओ के साथ बैठक का किया विरोध, कहा- सम्मान पर ठेंस बर्दाश्त नहीं

पंचायती राज पदाधिकारियों ने जिला के सभी पंचायत के मुखिया के साथ बैठक की. इस बैठक में आए हुए फण्ड को खर्च करने की तकनीकी जानकारी मुखिया को दी गई, लेकिन बैठक में अचानक माहौल बिगड़ गया. पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि पंचायत सचिव सरकारी कर्मी होते हैं, योजना की सारी जवाबदेही इन्हीं के कंधों पर होगी न कि मुखिया पर इसके बाद ही मुखिया संघ ने हंगामा करना शुरु कर दिया.

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Published : Jun 27, 2019, 10:45 AM IST

मुखिया संघ ने किया हंगामा

साहिबगंज: सिद्धो कान्हू सभागार में पंचायती राज पदाधिकारियों ने जिला के सभी पंचायत के मुखिया के साथ बैठक की. इस बैठक में आए हुए फण्ड को खर्च करने की तकनीकी जानकारी मुखिया को दी गई.

देखें पूरी खबर

बैठक में पंचायतों में जल संरक्षण और स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बताया जा रहा था. मुखिया को सभी तकनीकी चीजों की जानकारी दी जा रही थी, लेकिन बैठक में अचानक माहौल बिगड़ गया. पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि पंचायत सचिव सरकारी कर्मी होते हैं, योजना की जवाबदेही इनकी कंधों पर होगी न कि मुखिया पर. अधिकारियों द्वारा कहा गया कि पंचायत सचिव को जो अच्छा लगेगा वो काम करेगा, मुखिया सिर्फ उस फंड पर हस्ताक्षर करने का काम करेगा, इसके बाद ही मुखिया संघ ने हंगामा करना शुरु कर दिया.

मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखिया के सम्मान को ठेस पहुंचाया है. इनकी नजर में मुखिया जनप्रतिनिधि कुछ भी नहीं है. योजना और स्थल का चयन ग्रामीण के बजाय अब सचिव करेंगे जो गलत है.

वहीं, पंचायती राज पदाधिकारी ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि दिल को ठेस पहुंचने वाली कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सचिव सरकारी कर्मी होता है लेखा जोखा और रोकड़ पंजी इन्हीं के पास रहता है, यह अधिक जवाबदेह होते हैं और मुखिया इस बात को गलत समझ बैठे हैं.

साहिबगंज: सिद्धो कान्हू सभागार में पंचायती राज पदाधिकारियों ने जिला के सभी पंचायत के मुखिया के साथ बैठक की. इस बैठक में आए हुए फण्ड को खर्च करने की तकनीकी जानकारी मुखिया को दी गई.

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बैठक में पंचायतों में जल संरक्षण और स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बताया जा रहा था. मुखिया को सभी तकनीकी चीजों की जानकारी दी जा रही थी, लेकिन बैठक में अचानक माहौल बिगड़ गया. पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि पंचायत सचिव सरकारी कर्मी होते हैं, योजना की जवाबदेही इनकी कंधों पर होगी न कि मुखिया पर. अधिकारियों द्वारा कहा गया कि पंचायत सचिव को जो अच्छा लगेगा वो काम करेगा, मुखिया सिर्फ उस फंड पर हस्ताक्षर करने का काम करेगा, इसके बाद ही मुखिया संघ ने हंगामा करना शुरु कर दिया.

मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखिया के सम्मान को ठेस पहुंचाया है. इनकी नजर में मुखिया जनप्रतिनिधि कुछ भी नहीं है. योजना और स्थल का चयन ग्रामीण के बजाय अब सचिव करेंगे जो गलत है.

वहीं, पंचायती राज पदाधिकारी ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि दिल को ठेस पहुंचने वाली कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सचिव सरकारी कर्मी होता है लेखा जोखा और रोकड़ पंजी इन्हीं के पास रहता है, यह अधिक जवाबदेह होते हैं और मुखिया इस बात को गलत समझ बैठे हैं.

Intro:मुखिया संघ ने बैठक का बहिष्कार कर किया है हंगामा। डीपीआरओ द्वारा संम्मान पर ठेस लगाने का किया आरोप।
स्टोरी-साहिबगंज--आज सिधो कान्हू सभागार में पंचायती राज पदाधिकारी संग जिला के सभी पंचायत के मुखिया का बैठक हो रहा था। इस बैठक में 14 वा वित्त में आये हुए फण्ड को खर्च करने का तकनीकी चीज मुखिया को बताया जा रहा रहा।
आज के इस बैठक में पंचायतों में जल संरक्षण और स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बताया जा रहा था। सारी तकनीकी चीज को बताया जा रहा था सभी मुखिया अपने पदाधिकारी के बातों को सुन रहा था लेकिन माहौल तब बिगड़ गया जब पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि पंचायत सचिव सरकारी कर्मी होते है योजना की जबाब देही इनके कंधो पर होगी न कि मुखिया पर। आज मुखिया है पांच साल में हार जाऍंगे । पंचायत सचिव को जहा लगेगा वहाँ काम करेगा मुखिया सिर्फ अपना हस्ताक्षर करेगा। बस इसी बात पर सभी मुखिया हंगामा किया और बैठक को बहिष्कार कर सड़क पर उतर आया।
मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखिया के सम्मान को ठेस पहुचाया है। इनके नजर में मुखिया जन प्रतिनिधि कुछ भी नही है। योजना और स्थल का चयन ग्रामीण के बजाय अब सचिव करेंगे जो सरासर गलत है। मुखिया को कहा जा रहा है कि पांच साल में ये हार जायेगे और सचिव सभी काम करेंगे। इस बात से मुखिया संघ दुखी है। इसका पुरजोर विरोध करता है।
बाइट- सुनील सोरेन, जिला अध्यक्ष, मुखिया संघ
वही पंचायती राज पदाधिकारी ने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि दिल को ठेस पहुचने वाला कोई बात नही हुआ है। हा सचिव सरकारी कर्मी होता है लेखा जोखा और रोकड़ पंजी इन्ही के पास रहता है यह अधिक जबाब देह होते है और मुखिया इस बात को गलत समझ बैठे है।
बाइट- संजय कुमार, डीपीआरओ ,साहिबगंज





Body:मुखिया संघ ने बैठक का बहिष्कार कर किया है हंगामा। डीपीआरओ द्वारा संम्मान पर ठेस लगाने का किया आरोप।
स्टोरी-साहिबगंज--आज सिधो कान्हू सभागार में पंचायती राज पदाधिकारी संग जिला के सभी पंचायत के मुखिया का बैठक हो रहा था। इस बैठक में 14 वा वित्त में आये हुए फण्ड को खर्च करने का तकनीकी चीज मुखिया को बताया जा रहा रहा।
आज के इस बैठक में पंचायतों में जल संरक्षण और स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बताया जा रहा था। सारी तकनीकी चीज को बताया जा रहा था सभी मुखिया अपने पदाधिकारी के बातों को सुन रहा था लेकिन माहौल तब बिगड़ गया जब पदाधिकारी द्वारा यह कहा गया कि पंचायत सचिव सरकारी कर्मी होते है योजना की जबाब देही इनके कंधो पर होगी न कि मुखिया पर। आज मुखिया है पांच साल में हार जाऍंगे । पंचायत सचिव को जहा लगेगा वहाँ काम करेगा मुखिया सिर्फ अपना हस्ताक्षर करेगा। बस इसी बात पर सभी मुखिया हंगामा किया और बैठक को बहिष्कार कर सड़क पर उतर आया।
मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखिया के सम्मान को ठेस पहुचाया है। इनके नजर में मुखिया जन प्रतिनिधि कुछ भी नही है। योजना और स्थल का चयन ग्रामीण के बजाय अब सचिव करेंगे जो सरासर गलत है। मुखिया को कहा जा रहा है कि पांच साल में ये हार जायेगे और सचिव सभी काम करेंगे। इस बात से मुखिया संघ दुखी है। इसका पुरजोर विरोध करता है।
बाइट- सुनील सोरेन, जिला अध्यक्ष, मुखिया संघ
वही पंचायती राज पदाधिकारी ने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि दिल को ठेस पहुचने वाला कोई बात नही हुआ है। हा सचिव सरकारी कर्मी होता है लेखा जोखा और रोकड़ पंजी इन्ही के पास रहता है यह अधिक जबाब देह होते है और मुखिया इस बात को गलत समझ बैठे है।
बाइट- संजय कुमार, डीपीआरओ ,साहिबगंज





Conclusion:उफ्फ्फिफिक
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