साहिबगंज: 75 वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति को पिछले चार महीने से राशन नहीं मिला है और इसकी वजह है ई पॉश मशीन में अंगूठा का निशान नहीं लेना. वहीं, इन बुजुर्गों का खुद का बेटा भी इन्हें खाना-पीना देना बंद कर चुका है. पिछले चार दिनों से ये बुजुर्ग दंपत्ति भूखे हैं. जिसकी वजह से दर-दर भटकना इनकी मजबूरी बन गई है.
बुजुर्ग दंपत्ति लगा रहे DC ऑफिस के चक्कर
ई पॉश मशीन में अंगूठा का निशान नहीं लेने से बुजुर्ग दंपत्ति परेशान है. इस लेकर जिला प्रशासन पर सवाल उठा रहा है. यह बुजुर्ग दंपत्ति लाठी के सहारे समाहरणालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन किसी भी तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है और रोज घूमकर चले जाते हैं.
बैठक कर उपायुक्त ने दिया दिशा-निर्देश
जिला प्रशासन के सिस्टम पर अब सवाल उठने लगे हैं. इसे लेकर जिला आपूर्ति की बैठक में उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी समेत तमाम अधिकारी को दिशा-निर्देश दिया गया. कहा गया कि जन वितरण प्रणाली के तहत अंतिम व्यक्ति तक राशन किसी भी सूरत में मिलना चाहिए. हर महीने जन वितरण प्रणाली का समीक्षा किया जाए.
कितना पहल करेगी सिस्टम?
सवाल उठता है कि उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी समेत तमाम अधिकारी के साथ बैठक तो कर लिया, मामले पर समीक्षा भी कर ली गई. लेकिन उपायुक्त के आदेश का जिला आपूर्ति पदाधिकारी और जन वितरण प्रणाली किस तरह से पहल करती है?
बुजुर्ग दंपत्ति ने क्या कहा
जिरवाबाड़ी थाना अंतर्गत लोहंडा गॉव का रहने वाले बुजुर्ग का कहना है कि 4 महीना से राशन डीलर राशन नहीं दे रहा है, क्योंकि हमारा अब अंगूठा मशीन में मिलान नहीं हो रहा है. दूसरी तरफ बुढ़ापे का सहारा एक बेटा था वह भी धोखा दे रहा है. बेटा भी हुक्का पानी बंद कर चुका है. वृद्धा पेंशन मिलता है उसी से हम बुजुर्ग पति-पत्नी जीवन यापन कर रहे हैं. आज पैसे का अभाव में 4 दिन से भूखे हैं. लेकिन हमारे परेशानी को देखने और समझने वाला नहीं है.
ईटीवी भारत के पहल से मामले संज्ञान में आया
जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. इसका जांच करवाते हैं. दूसरी बात हर मुखिया को दस हजार रुपये खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत मुखिया को मुहैया कराया गया है. इस तरह के व्यक्ति भूख से मरे नहीं इस फंड का उपयोग इस रूप में करना है. जिला स्तर पर भी इस तरह का फंड उपलब्ध है किसी भी लोगों को भूख से मरने नहीं दिया जाएगा.
सिस्टम पर है अब भरोसा
खैर परेशानियां तो बहुत है लेकिन इस तरह का बुजुर्ग को राशन नहीं मिलना जिला प्रशासन के सिस्टम पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. जबकि नियम है कि किसी भी कार्ड धारी का अंगूठा का निशान नहीं मिलता है तो उसे राशन डीलर रजिस्टर में नाम लिखकर उसका अंगूठा या सिग्नेचर करवाकर राशन मुहैया करा सकता है.