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साहिबगंज के स्वास्थ्य केंद्र में जला दी गई लाखों की दवा, होगी जांच - पुराना सदर अस्पताल साहिबगंज

साहिबगंज में स्वास्थ्य महकमे के अफसरों के गुनाह ने जिले के लोगों को सन्न कर दिया है. यहां पुराना सदर अस्पताल परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र एमसीएच परिसर में लाखों की जीवन रक्षक दवा जला दी गई.

Medicines in Sahibganj Sadar Hospital were burnt
साहिबगंज के स्वास्थ्य केंद्र में जला दी गई लाखों की दवा
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Published : Jul 27, 2021, 12:30 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 1:05 PM IST

साहिबगंजः शहर के पुराना सदर अस्पताल परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र (एमसीएच परिसर) में लाखों की दवा, स्लाइन और सुई जलाने का मामला सामने आया है. जलाई गई दवाओं में से कुछ के एक्सपायर होने का साल 2021 तो कुछ का 2020 है. ये वो दवाएं न जाने कितने ऐसे लोगों की जान बचा सकती थीं, या ऐसे लोगों की पीड़ा कम कर सकती थीं, जो किसी भी कारण से दवा नहीं खरीद सकते थे. आग से पूरी तरह दवा जल जाने के कारण दवा के नाम की जानकारी नहीं मिल पाई है. दवा की अनुमानित कीमत 3 से चार लाख बताई जा रही है. हालांकि मामला सामने आने पर अब जांच की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट ने पूछा जन औषधि केंद्र बंद क्यों है? बताए राज्य सरकार

ये दवाएं जलाईं गईं

मिली जानकारी के अनुसार जलाई गई दवाओं में कैल्शियम, आयरन और फॉलिक एसिड से संबंधित दवाएं हैं. बताया जा रहा है डायरिया, बुखार में उपयोग की जाने वाले दवा भी जलाई गईं हैं. हालात से ऐसा लग रहा है इस घटना को दो-तीन दिन पूर्व ही अंजाम दिया गया है.

देखें पूरी खबर


स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी अस्पताल में अगर अधिक मात्रा में किसी दवा की आपूर्ति हो जाती है तो एक्सपायरी तिथि के 6 माह पूर्व संबंधित इंचार्ज को वरीय पदाधिकारी एवं विभाग को लिखित सूचना देनी होती है कि हमारे पास यह दवा अधिक मात्रा में उपलब्ध है. सूचना मिलने पर पदाधिकारी दवा को वैसे अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों में भेज देते हैं जहां दवा उपलब्ध नहीं रहती या कम मात्रा में रहती है.

सिविल सर्जन बोले-होगी जांच


इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन अरविंद कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. यह जांच का विषय है जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

साहिबगंजः शहर के पुराना सदर अस्पताल परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र (एमसीएच परिसर) में लाखों की दवा, स्लाइन और सुई जलाने का मामला सामने आया है. जलाई गई दवाओं में से कुछ के एक्सपायर होने का साल 2021 तो कुछ का 2020 है. ये वो दवाएं न जाने कितने ऐसे लोगों की जान बचा सकती थीं, या ऐसे लोगों की पीड़ा कम कर सकती थीं, जो किसी भी कारण से दवा नहीं खरीद सकते थे. आग से पूरी तरह दवा जल जाने के कारण दवा के नाम की जानकारी नहीं मिल पाई है. दवा की अनुमानित कीमत 3 से चार लाख बताई जा रही है. हालांकि मामला सामने आने पर अब जांच की बात कही जा रही है.

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ये दवाएं जलाईं गईं

मिली जानकारी के अनुसार जलाई गई दवाओं में कैल्शियम, आयरन और फॉलिक एसिड से संबंधित दवाएं हैं. बताया जा रहा है डायरिया, बुखार में उपयोग की जाने वाले दवा भी जलाई गईं हैं. हालात से ऐसा लग रहा है इस घटना को दो-तीन दिन पूर्व ही अंजाम दिया गया है.

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स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी अस्पताल में अगर अधिक मात्रा में किसी दवा की आपूर्ति हो जाती है तो एक्सपायरी तिथि के 6 माह पूर्व संबंधित इंचार्ज को वरीय पदाधिकारी एवं विभाग को लिखित सूचना देनी होती है कि हमारे पास यह दवा अधिक मात्रा में उपलब्ध है. सूचना मिलने पर पदाधिकारी दवा को वैसे अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों में भेज देते हैं जहां दवा उपलब्ध नहीं रहती या कम मात्रा में रहती है.

सिविल सर्जन बोले-होगी जांच


इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन अरविंद कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. यह जांच का विषय है जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jul 27, 2021, 1:05 PM IST
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