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साहिबगंज: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ का महापर्व, गंगातट पर लगी व्रतियों की भीड़ - लोक आस्था का महापर्व छठ

लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ गुरूवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. नहाय-खाय के दिन साहिबगंज के गंगातट पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. वहीं, गंगा स्नान के बाद व्रतियों ने कद्दू-भात खाकर महापर्व छठ की शुरूआत की.

छठ व्रती
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Published : Oct 31, 2019, 2:46 PM IST

साहिबगंज: लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. गुरुवार को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कद्दू-भात ग्रहण किया. नहाय-खाय के साथ ही व्रत की भी शुरूआत हो गई.

देखें पूरी खबर

चार दिनों तक चलने वाले सूर्य उपासना का महापर्व नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया. कार्तिक महीने में भगवान सूर्य की उपासना की विशेष परंपरा है. इस बार पहली नवंबर को खरना और दो नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. जिसके बाद 3 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा. नहाय-खाय से लेकर अगले 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती को लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखना पड़ता है. जिसकी शुरूआत साहिबगंज में श्रद्धालुओं ने गुरुवार को गंगा स्नान कर इस महापर्व की शुरुआत की. इस दौरान सुबह से ही शहर के सभी घाटों के श्रद्धालु और छठ व्रति स्नान के लिए गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु स्नानकर अपने साथ कांसा के बर्तन में शुद्ध जल को अपने साथ ले जाते हैं और उसी जल के साथ नहाय-खाय की शुरुआत करते हैं.

ये भी पढ़ें:- मैं आपके लायक नही कह, विवाहिता ने दे दी जान, दो साल पहले ही हुई थी शादी

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. जिसको लेकर एक दिन पहले से ही साहिबगंज के गंगा घाट में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. स्नान के बाद छठ व्रती और श्रद्धालुओं ने गंगा मैया की पूजा-अर्चना की. इस दौरान छठ व्रती गंगा स्नान कर गंगाजल को पूजा के लिए अपने साथ घर भी ले गई. इस दौरान गंगा घाट पर पहुंची व्रतियों ने बताया कि आज कद्दू-भात खा कर हम श्रद्धालु अगले 2 दिन तक उपवास करेंगे. खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 24 घंटों तक वे पानी तक नहीं ग्रहण करेंगे. व्रतियों ने बताया कि छठ पर्व में शुद्धता का बहुत ख्याल रखा जाता है.

साहिबगंज: लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. गुरुवार को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कद्दू-भात ग्रहण किया. नहाय-खाय के साथ ही व्रत की भी शुरूआत हो गई.

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चार दिनों तक चलने वाले सूर्य उपासना का महापर्व नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया. कार्तिक महीने में भगवान सूर्य की उपासना की विशेष परंपरा है. इस बार पहली नवंबर को खरना और दो नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. जिसके बाद 3 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा. नहाय-खाय से लेकर अगले 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती को लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखना पड़ता है. जिसकी शुरूआत साहिबगंज में श्रद्धालुओं ने गुरुवार को गंगा स्नान कर इस महापर्व की शुरुआत की. इस दौरान सुबह से ही शहर के सभी घाटों के श्रद्धालु और छठ व्रति स्नान के लिए गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु स्नानकर अपने साथ कांसा के बर्तन में शुद्ध जल को अपने साथ ले जाते हैं और उसी जल के साथ नहाय-खाय की शुरुआत करते हैं.

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लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. जिसको लेकर एक दिन पहले से ही साहिबगंज के गंगा घाट में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. स्नान के बाद छठ व्रती और श्रद्धालुओं ने गंगा मैया की पूजा-अर्चना की. इस दौरान छठ व्रती गंगा स्नान कर गंगाजल को पूजा के लिए अपने साथ घर भी ले गई. इस दौरान गंगा घाट पर पहुंची व्रतियों ने बताया कि आज कद्दू-भात खा कर हम श्रद्धालु अगले 2 दिन तक उपवास करेंगे. खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 24 घंटों तक वे पानी तक नहीं ग्रहण करेंगे. व्रतियों ने बताया कि छठ पर्व में शुद्धता का बहुत ख्याल रखा जाता है.

Intro:गंगा स्नान कर शुद्ध जल के साथ छठ श्राद्धलु आज कद्दू भात से करेगी पूजा की शुरुवात। गंगा घाटों पर छठ श्रध्सलुओ की उमड़ी भीड़।



Body:गंगा स्नान कर शुद्ध जल के साथ छठ श्राद्धलु आज कद्दू भात से करेगी पूजा की शुरुवात। गंगा घाटों पर छठ श्रध्सलुओ की उमड़ी भीड़।
स्टोरी-साहिबगंज- गंगा जल से पूजा करने का एक अलग ही महत्व होता है सुबह से शहर के सभी घाटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान करने को लेकर भीड़ देखी गई। श्रद्धालु स्नानकर अपने साथ कांसा के बर्तन में शुद्ध जल ले जाते नजर आए। आज गंगा जल से श्रद्धालु छठ पूजा की शुरुवात करेंगी।
छठ घाट पर आए कुछ श्रद्धालु से जानने का प्रयास किया गया तो कहा कि आज से छठ पूजा की शुरुआत की जा रही है आज गंगा स्नान कर शुद्ध जल घर में ले जाते हैं और स्थान को गंगाजल से पवित्र कर पूजा की शुरुआत करते हैं आज कद्दू भात है कल खरना और शनिवार को सूर्य उपासना का पहला अरग है।
छठ श्रद्धालुओं का कहना है कि 3 दिन तक चलने वाला या लोक आस्था का महापर्व है आज कद्दू भात खा कर हम श्रद्धालु उपवास करेंगे और कल रात में खरना का प्रसाद खाकर अखंड 24 घंटा तक भूखे रह जाएंगे। मुंह में एक दाना का अंश और पानी तक नहीं पीते हैं। यह संभव हो पाता है आस्था और विश्वास का सूर्य देव के नाम पर हम लोग भूखे रहते हैं और पता नहीं चलता है की कैसे 3 दिन बीत गया। छठ पूजा हिंदुओं का सबसे साफ सुथरा और पवित्र पर्व है इस पर्व को करने से सारी मनोकामना पूरी होती हैं ऐसी मान्यता है।
बाइट- श्रद्धालु,1,2


Conclusion:निश्चित रूप से हिंदुओं का या छठ पर्व काफी महीने में महत्वपूर्ण है इस छठ पर्व में काम करने वाले लोग इस पर में खासकर अपने परिजन से मिल पाते हैं और पूजा में सम्मिलित हो पाते हैं।
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