साहिबगंज: केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सभी सांसदों से अपील की गई थी कि अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव को गोद लें और उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करें. राजमहल के सांसद विजय हांसदा ने भी पतना प्रखंड का तालझारी पंचायत को गोद लिया था. सांसद विजय हांसदा दोबारा 2019 में लोकसभा चुनाव में भी जीते, लेकिन आज तक यह गांव मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है.
तालझारी पंचायत के लोगों को इलाज कराने के लिए लगभग 15 किलोमीटर चलकर उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना पड़ता है. शिक्षा की अगर बात की जाए तो जो स्कूल हैं वहां शिक्षक कभी कभार आते हैं, जिससे यहां के बच्चों की ठीक तरह से पढ़ाई नहीं हो पाती है. क्षेत्र में बिजली 24 घंटे में सिर्फ 2 से 3 घंटे रहती है. सड़क और पानी की सुविधा क्षेत्र को लोगों को नहीं मिल पा रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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ग्रामीणों को सांसद को भी नहीं देखा
ग्रामीणों का कहना है कि सांसद ने इस गांव को गोद जरूर लिया है, लेकिन आज तक इस गांव को देखने के लिए कभी नहीं आए हैं, अभी तक ग्रामीणों अपने सांसद को ठीक तरह से देखा तक नहीं है, जिला प्रशासन और सांसद की अनदेखी के वजह से यहां के युवा रोजगार की तलाश में दिल्ली, पंजाब और गुजरात जा रहे हैं. वहीं उप विकास आयुक्त ने कहा कि यह सही है कि अभी तक जिस हिसाब से इस गांव में विकास होना चाहिए, वो नहीं हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे विकास कार्य प्रगति पर है, सड़क बनाए जा रहे हैं, गांव में बिजली मुहैया कराई जा रही है, लोगों को आवास दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गांव में हर एक चीज की व्यवस्था की जाएगी.