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झारखंड शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने शिक्षकों की बढ़ाई परेशानी, जानिए क्या है वजह

झारखंड शिक्षा विभाग ने चिट्ठी जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है कि ई- शिक्षावाहिनी में उपस्थिति (Teachers Make Online Attendance in e-vidyavahini) बनाने के आधार पर ही शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा. शिक्षा विभाग के इस आदेश पर शिक्षक आपत्ति जता रहे हैं. उनका कहना है कि शिक्षा विभाग पहले इस ऐप की तकनीकी खामियों को दूर करे, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराबी की समस्या भी ठीक करे.

Jharkhand Education Department
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Published : Dec 7, 2022, 9:21 AM IST

रांची: शिक्षा विभाग की एक चिट्ठी ने झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की नींद खराब कर दी है. दरअसल स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को चिट्ठी भेजकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब ऑनलाइन उपस्थिति (Teachers Make Online Attendance in e-vidyavahini) नहीं बनाने वाले शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा.

यह भी पढ़ें: एक तरफ राज्य में बन रहे हैं मॉडल स्कूल, तो दूसरी ओर पहले से बने स्कूलों की भवन है जर्जर

वेतन का आधार ई- विद्यावाहिनी: सभी शिक्षकों को जनवरी से ई- विद्यावाहिनी में दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही वेतन दिया जायेगा. शिक्षक के जिस दिन की उपस्थिति ई-विद्यावाहिनी में दर्ज नहीं होगी, उस दिन उन्हें अनुपस्थित माना जायेगा. उस दिन के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा. शिक्षा विभाग की इस संबंध में जारी चिट्ठी पर शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई. कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने से शिक्षक नहीं भाग रहे हैं. मगर जो तकनीकी खामियां इस ऐप में हैं, उसे दूर किये बिना इस तरह का निर्देश उचित नहीं है.

देखें वीडियो

ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराबी की समस्या: प्लस टू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र ठाकुर के अनुसार वैसे शिक्षक जो प्रतिनियुक्ति पर हैं. जहां ई विद्यावाहिनी और बायोमेट्रिक सिस्टम काम नहीं करता है. ऐसे में वे ड्यूटी पर रहते हुए भी सरकार की नजर में अनुपस्थित दिखेंगे. इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराब रहने के कारण शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होना बेहद ही मुश्किल है. जिसका ध्यान विभाग को रखना होगा.

पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा: टेट पास पारा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार के अनुसार सरकार को पहले तकनीकी खामियां दूर करनी चाहिए ना कि निर्देश. ई विद्यावाहिनी ठीक ढंग से काम नहीं करने की वजह से शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसे पहले दुरुस्त करने की जरूरत है.

पारा शिक्षक ने बताया: लातेहार के सुदूरवर्ती गांव में कार्यरत पारा शिक्षक घनश्याम कुमार चंद बताते हैं कि विभागीय दिशा- निर्देश के तहत स्कूल कैंपस के पांच सौ मीटर के अंदर ई विद्यावाहिनी के जरिए उपस्थिति बनानी है. मगर जब हम अपने स्कूल कार्यालय से अटेंडेंस बनाते हैं तो वो पांच सौ मीटर से ज्यादा दिखाता रहता है. ऐसे में नये दिशा निर्देश के तहत हमारी उपस्थिति मशीन में नहीं दिखेगी.

शिक्षकों को देना होगा ऑनलाइन अटेंडेंस: शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि यह व्यवस्था पहले से है. ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने को सिर्फ अनिवार्य किया गया है. जिसमें जो भी तकनीकी बाधाएं हैं, उसे दूर की जाएगी. दरअसल 24 नवंबर को हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा में राज्य शिक्षा परियोजना ने अपने रिपोर्ट में पाया कि राज्य में लगभग 20 हजार शिक्षक ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करते हैं. बैठक में यह भी बात सामने आई थी कि बिना जानकारी के शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं. बहरहाल शिक्षा विभाग के इस निर्देश ने वैसे शिक्षकों की परेशानी जरूर बढ़ा दी है जो स्कूल से गायब रहते हैं.

रांची: शिक्षा विभाग की एक चिट्ठी ने झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की नींद खराब कर दी है. दरअसल स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को चिट्ठी भेजकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब ऑनलाइन उपस्थिति (Teachers Make Online Attendance in e-vidyavahini) नहीं बनाने वाले शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा.

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वेतन का आधार ई- विद्यावाहिनी: सभी शिक्षकों को जनवरी से ई- विद्यावाहिनी में दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही वेतन दिया जायेगा. शिक्षक के जिस दिन की उपस्थिति ई-विद्यावाहिनी में दर्ज नहीं होगी, उस दिन उन्हें अनुपस्थित माना जायेगा. उस दिन के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा. शिक्षा विभाग की इस संबंध में जारी चिट्ठी पर शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई. कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने से शिक्षक नहीं भाग रहे हैं. मगर जो तकनीकी खामियां इस ऐप में हैं, उसे दूर किये बिना इस तरह का निर्देश उचित नहीं है.

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ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराबी की समस्या: प्लस टू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र ठाकुर के अनुसार वैसे शिक्षक जो प्रतिनियुक्ति पर हैं. जहां ई विद्यावाहिनी और बायोमेट्रिक सिस्टम काम नहीं करता है. ऐसे में वे ड्यूटी पर रहते हुए भी सरकार की नजर में अनुपस्थित दिखेंगे. इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराब रहने के कारण शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होना बेहद ही मुश्किल है. जिसका ध्यान विभाग को रखना होगा.

पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा: टेट पास पारा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार के अनुसार सरकार को पहले तकनीकी खामियां दूर करनी चाहिए ना कि निर्देश. ई विद्यावाहिनी ठीक ढंग से काम नहीं करने की वजह से शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसे पहले दुरुस्त करने की जरूरत है.

पारा शिक्षक ने बताया: लातेहार के सुदूरवर्ती गांव में कार्यरत पारा शिक्षक घनश्याम कुमार चंद बताते हैं कि विभागीय दिशा- निर्देश के तहत स्कूल कैंपस के पांच सौ मीटर के अंदर ई विद्यावाहिनी के जरिए उपस्थिति बनानी है. मगर जब हम अपने स्कूल कार्यालय से अटेंडेंस बनाते हैं तो वो पांच सौ मीटर से ज्यादा दिखाता रहता है. ऐसे में नये दिशा निर्देश के तहत हमारी उपस्थिति मशीन में नहीं दिखेगी.

शिक्षकों को देना होगा ऑनलाइन अटेंडेंस: शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि यह व्यवस्था पहले से है. ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने को सिर्फ अनिवार्य किया गया है. जिसमें जो भी तकनीकी बाधाएं हैं, उसे दूर की जाएगी. दरअसल 24 नवंबर को हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा में राज्य शिक्षा परियोजना ने अपने रिपोर्ट में पाया कि राज्य में लगभग 20 हजार शिक्षक ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करते हैं. बैठक में यह भी बात सामने आई थी कि बिना जानकारी के शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं. बहरहाल शिक्षा विभाग के इस निर्देश ने वैसे शिक्षकों की परेशानी जरूर बढ़ा दी है जो स्कूल से गायब रहते हैं.

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