साहिबगंज: बरहरवा प्रखंड के एक निजी अस्पताल में झारखंड सेवा सदन नर्सिंग होम में इलाजरत 12 बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चले जाने के मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है. शनिवार को सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने संज्ञान लेते हुए 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है.
सिविल सर्जन ने कहा कि सेवा सदन के लोग पीड़ित बुजुर्ग का इलाज कोलकाता के एक बड़े अस्पताल में करवा रहे हैं. गठित टीम की रिपोर्ट में लापरवाही मिलती है तो हॉस्पिटल और डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस मामले में ट्वीट कर उपायुक्त और सिविल सर्जन को इस मामले को गंभीरता से लेने का आदेश दिया था. मंत्री ने मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
साहिबगंज में ऑपरेशन के बाद 12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब कई मरीज शिकायत लेकर आंखों का ऑपरेशन करने वाले बरहरवा स्थित झारखंड सेवा सदन नामक नर्सिंग होम पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने हंगामा किया. अस्पताल में ऑपरेशन कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि 5 से 7 अक्टूबर के बीच उनकी आंखों का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के दो दिनों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद उनकी आंखों की रोशनी गायब हो गई, उनको आंखों से दिखना बंद हो गया. अस्पताल में पीड़ितों और उनके परिजनों के हंगामे के बाद ऑपरेशन करने वाले आई स्पेशलिस्ट एचके विश्वास मौके से फरार हो गए.