साहिबगंज: सदर अस्पताल में कई दिनों से एक बुजुर्ग दामोदर चौधरी खून की कमी से जूझ रहा था. एक तरफ अस्पताल में इनकी देखभाल करने वाला कोई अपना नहीं और दूसरी तरफ ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रहने से जिला प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर लिए.
70 वर्षीय दामोदर चौधरी जिला के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के दर्जनना के रहने वाले हैं. इनकी पत्नी साल 2003 में इनका साथ छोड़ चुकी थी, दोनों बेटियों ने पैतृक संपत्ति धोखे से बेचकर अपने पिता को सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया. सही से खाना नहीं मिलने पर इनके शरीर में खून की कमी होती गई. ऐसे में बेसहारा दामोदर अस्पताल में मौत से जूझ रहे थे. इन्हें कोई खून देने वाला भी नहीं था. इसकी जानकारी जब ईटीवी भारत के संवाददाता शिव शंकर कुमार को हुई तो उन्होंने ना सिर्फ अस्पताल में खून की कमी पर रिपोर्ट तैयार कि बल्कि, मानवता का धर्म निभाते हुए रक्तदान कर उसकी जान भी बचाई.
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इसके बाद कई सामाजिक संगठनों के प्रयास से इन्हें मदद मिली अब दामोदर बिल्कुल सुरक्षित और स्वास्थ्य हैं. उन्हें जिले के वृद्धा आश्रम में भर्ती करा दिया गया है. आश्रम के इंचार्ज का कहना है कि यहां इनका पूरा ख्याल रखा जाएगा. एक तरफ ईटीवी भारत के संवाददाता ने दामोदर चौधरी को मौत के मुंह से बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है. लेकिन दूसरी तरफ अस्पतालों में खून की कमी बेहद गंभीर मसला हैं जिस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.