साहिबगंज: कतार में बैठे स्कूली छात्र अपने स्वास्थ्य की जांच करवा रहे हैं. ये जांच ईटीवी भारत की पहल के बाद मुमकिन हो पाई है. दरअसल, झारखंड सरकार ने आदिम जनजाति के बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां अलग से स्कूल खोल रखा है लेकिन ये इलाका मलेरिया से प्रभावित है. यहां आए दिन बच्चे मलेरिया की चपेट में आते रहते हैं.
ईटीवी भारत ने इन बच्चों की समस्यों को लेकर प्रमुखता से खबर चलाई. साहिबगंज के सिविल सर्जन ने खबर का संज्ञान लेते हुए 12 सदस्यीय टीम बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजी. टीम ने सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही जरूरी दवाएं भी मुहैया कराई. सिविल सर्जन का कहना है कि शुरूआती दौर में आदिम जनजाति के बच्चों और लोगों के स्वास्थ्य की जांच का बीड़ा सरकार की ओर से उठाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने जिला महकमे को फंड देना बंद कर दिया.
आदिवासियों के इस स्कूल में साफ सफाई और बच्चों को दवाईयां मुहैया करवाने का काम खुद स्कूल प्रबंधन ही करता है लेकिन आपात स्थिति में काफी परेशानियां होती हैं, क्योंकि स्कूल घने जंगलों और पहाड़ों के बीच हैं. अब यहां स्वास्थ्य शिविर लगने पर प्रिंसिपल ने ईटीवी भारत को शुक्रिया कहा है.
स्कूली बच्चों का कहना है कि उनकी तबियत अक्सर खराब हो जाती है, ऐसे शिविर लगते रहना चाहिए.
ईटीवी भारत हमेशा ही जनसरोकार से जुड़े मसलों को प्रमुखता से उठाता रहा है. ऐसे ही इन बच्चों की परेशानी शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के बाद इनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. इन बच्चों के चेहरे पर इसकी खुशी राहत देने वाली है.