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ETV BHARAT IMPACT: साहिबगंज सिविल सर्जन ने आदिवासी बच्चों के लिए भेजी मेडिकल टीम - medical team for tribal children

ईटीवी भारत ने साहिबगंज में आदिम जनजाति के बच्चों की समस्यों को लेकर प्रमुखता से खबर चलाई. साहिबगंज के सिविल सर्जन ने खबर का संज्ञान लेते हुए 12 सदस्यीय टीम बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजी. टीम ने सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही जरूरी दवाएं भी मुहैया कराई. सिविल सर्जन का कहना है कि शुरूआती दौर में आदिम जनजाति के बच्चों और लोगों के स्वास्थ्य की जांच का बीड़ा सरकार की ओर से उठाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने जिला महकमे को फंड देना बंद कर दिया.

साहिबगंज में आदिवासी बच्चों की मेडिकल जांच करती टीम
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Published : May 10, 2019, 8:55 PM IST

साहिबगंज: कतार में बैठे स्कूली छात्र अपने स्वास्थ्य की जांच करवा रहे हैं. ये जांच ईटीवी भारत की पहल के बाद मुमकिन हो पाई है. दरअसल, झारखंड सरकार ने आदिम जनजाति के बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां अलग से स्कूल खोल रखा है लेकिन ये इलाका मलेरिया से प्रभावित है. यहां आए दिन बच्चे मलेरिया की चपेट में आते रहते हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

ईटीवी भारत ने इन बच्चों की समस्यों को लेकर प्रमुखता से खबर चलाई. साहिबगंज के सिविल सर्जन ने खबर का संज्ञान लेते हुए 12 सदस्यीय टीम बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजी. टीम ने सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही जरूरी दवाएं भी मुहैया कराई. सिविल सर्जन का कहना है कि शुरूआती दौर में आदिम जनजाति के बच्चों और लोगों के स्वास्थ्य की जांच का बीड़ा सरकार की ओर से उठाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने जिला महकमे को फंड देना बंद कर दिया.

आदिवासियों के इस स्कूल में साफ सफाई और बच्चों को दवाईयां मुहैया करवाने का काम खुद स्कूल प्रबंधन ही करता है लेकिन आपात स्थिति में काफी परेशानियां होती हैं, क्योंकि स्कूल घने जंगलों और पहाड़ों के बीच हैं. अब यहां स्वास्थ्य शिविर लगने पर प्रिंसिपल ने ईटीवी भारत को शुक्रिया कहा है.

स्कूली बच्चों का कहना है कि उनकी तबियत अक्सर खराब हो जाती है, ऐसे शिविर लगते रहना चाहिए.

ईटीवी भारत हमेशा ही जनसरोकार से जुड़े मसलों को प्रमुखता से उठाता रहा है. ऐसे ही इन बच्चों की परेशानी शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के बाद इनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. इन बच्चों के चेहरे पर इसकी खुशी राहत देने वाली है.

साहिबगंज: कतार में बैठे स्कूली छात्र अपने स्वास्थ्य की जांच करवा रहे हैं. ये जांच ईटीवी भारत की पहल के बाद मुमकिन हो पाई है. दरअसल, झारखंड सरकार ने आदिम जनजाति के बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां अलग से स्कूल खोल रखा है लेकिन ये इलाका मलेरिया से प्रभावित है. यहां आए दिन बच्चे मलेरिया की चपेट में आते रहते हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

ईटीवी भारत ने इन बच्चों की समस्यों को लेकर प्रमुखता से खबर चलाई. साहिबगंज के सिविल सर्जन ने खबर का संज्ञान लेते हुए 12 सदस्यीय टीम बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजी. टीम ने सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही जरूरी दवाएं भी मुहैया कराई. सिविल सर्जन का कहना है कि शुरूआती दौर में आदिम जनजाति के बच्चों और लोगों के स्वास्थ्य की जांच का बीड़ा सरकार की ओर से उठाया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने जिला महकमे को फंड देना बंद कर दिया.

आदिवासियों के इस स्कूल में साफ सफाई और बच्चों को दवाईयां मुहैया करवाने का काम खुद स्कूल प्रबंधन ही करता है लेकिन आपात स्थिति में काफी परेशानियां होती हैं, क्योंकि स्कूल घने जंगलों और पहाड़ों के बीच हैं. अब यहां स्वास्थ्य शिविर लगने पर प्रिंसिपल ने ईटीवी भारत को शुक्रिया कहा है.

स्कूली बच्चों का कहना है कि उनकी तबियत अक्सर खराब हो जाती है, ऐसे शिविर लगते रहना चाहिए.

ईटीवी भारत हमेशा ही जनसरोकार से जुड़े मसलों को प्रमुखता से उठाता रहा है. ऐसे ही इन बच्चों की परेशानी शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के बाद इनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. इन बच्चों के चेहरे पर इसकी खुशी राहत देने वाली है.

Intro:ईटीवी भारत की पहल से पिटीजी बच्चों का हुआ शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच। झारखंड सरकार द्वारा अब पिटीजी के लिए स्वास्थ्य जांच की फण्ड को किया बंद।
स्टोरी-साहिबगंज- साहिबगंज जिला मलेरिया जोन घोषित होने के साथ ही झारखंड सरकार जागरूकता और शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच बड़े पैमाने पर हुआ करता था । खासकर पहाड़ो पर रहने वाले आदिम जनजाति समाज को जागरूक करना और स्वास्थ्य जांच करने का प्रवधान था। इन जांच में मलेरिया से पीड़ित पिटीजी समाज के लोग अधिक मिलता था । क्योंकि पहाड़ो पर घना जंगल होता है सुवर का पालन करने से आस पास काफी गंदा रहता है पानी जमा भी रहता है यही वजह है कि पहाड़ो पर बसने वाले ये प्रजाति को लोग मलेरिया, खाज खुजली से अधिक पीड़ित रहता है। सही समय पर ईलाज नही होने से लोग मौत के मुँह में चला जाता है।
झारखण्ड सरकार पिटीजी बच्चों को पढ़ने के लिए अलग से स्कूल खोल चुकी है लेकिन स्वास्थ्य के नाम पर कोई जांच नही होता है। स्कूल में ये बच्चे को साफ सुधरा रखा जाता है। तमाम सुविधा दी जाती है लेकिन जब ये बच्चे अपनी छुट्टियों में घर जाता है और जब वापस लौटता है तो मलेरिया सहित कई चर्म रोग को अपने साथ लेकर चला आता है और स्कूल भी पहाड़ की तलहटी में खोला गया है। जहाँ चारो तरफ जंगल ही जंगल है और दिन में भी मलेरिया का मच्छड़ काटता है और दर्जनों स्कूली बच्चा बीमार हो जाता है।
ईटीवी भारत इन समस्यों को सिविल सर्जन के समक्ष रखा और बस्तु स्थिति से अवगत कराया। सीएस ने इसे गंभीरता से लिया और एक बारह सदस्य की टीम गठित कर बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजा गया और एक शिविर के माध्यम से सभी बच्चों को स्वास्थ्य जांच किया गया और सभी सिरफ, टेबलेट, ओआरएस , फोलिक एसिड दिया गया और मलेरिया का ब्लड सिम्पल लिया गया।
पिटीजी स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि इस स्कूल के बच्चा को सिर्फ मलेरिया और चर्मरोग से पीड़ित रहता है अपने स्तर से साफ सफाई और दवाई किया जाता है अस्पताल भी दूर है बच्चे को लेकर जाने और आने में परेशानी होती है। लेकिन ईटीवी भारत की पहल से ये शिविर लगा है ये सराहनीय कदम है ईटीवी को धन्यवाद दिया।
बाइट- राम बाबू, प्रधानाध्यापक, पिटीजी स्कूल
वही टीचर लोगो का कहना है हमारे स्कूल मद ये सभी बच्चा गरीब परिवार से है इन लोगो का अभिभावक कभी कभार देखने आता है एक देख रेख हमसब मिलकर करते है ईटीवी की पहल सराहनीय है ऐसा हर तीन महीना पर शिविर लगता है तो किसी भी बच्चा को मलेरिया नही होगा और सभी स्वस्थ रहेगा।
बाइट-धुरू, और
बच्चों का कहना है कि हमेशा तबियत खराब रहता था लेकिन शिविर के माध्यम से वो सारा दवा मिला जो हमे चाहिए। अब दवा कहकर ठीक हु और अच्छा लगता है। कहा कि मलेरिया का चेकअप हुआ। खुजली, घाव का दवा मिला। इलेक्ट्रो पावडर भी मिला।
बाइट- पिटीजी बच्चा
सिविल सर्जन ने कहा कि बहुत पहले पहाड़ो पर बसने वाले आदिम जनजाति समाज के लोगो के लिए और स्कूलों में शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच किया जाता था लेकिन झारखण्ड सरकार ने इस दिशा में जिला को फण्ड देना बंद कर दिया है। लेकिन ईटीवी भारत की पहल से शिविर लगाया गया । जो काफी सफल रहा और सभी बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर प्रयाप्त दवा दिया गया।
बाइट- एके सिंह, सीएस,साहिबगंज




Body:ईटीवी भारत की पहल से पिटीजी बच्चों का हुआ शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच। झारखंड सरकार द्वारा अब पिटीजी के लिए स्वास्थ्य जांच की फण्ड को किया बंद।
स्टोरी-साहिबगंज- साहिबगंज जिला मलेरिया जोन घोषित होने के साथ ही झारखंड सरकार जागरूकता और शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच बड़े पैमाने पर हुआ करता था । खासकर पहाड़ो पर रहने वाले आदिम जनजाति समाज को जागरूक करना और स्वास्थ्य जांच करने का प्रवधान था। इन जांच में मलेरिया से पीड़ित पिटीजी समाज के लोग अधिक मिलता था । क्योंकि पहाड़ो पर घना जंगल होता है सुवर का पालन करने से आस पास काफी गंदा रहता है पानी जमा भी रहता है यही वजह है कि पहाड़ो पर बसने वाले ये प्रजाति को लोग मलेरिया, खाज खुजली से अधिक पीड़ित रहता है। सही समय पर ईलाज नही होने से लोग मौत के मुँह में चला जाता है।
झारखण्ड सरकार पिटीजी बच्चों को पढ़ने के लिए अलग से स्कूल खोल चुकी है लेकिन स्वास्थ्य के नाम पर कोई जांच नही होता है। स्कूल में ये बच्चे को साफ सुधरा रखा जाता है। तमाम सुविधा दी जाती है लेकिन जब ये बच्चे अपनी छुट्टियों में घर जाता है और जब वापस लौटता है तो मलेरिया सहित कई चर्म रोग को अपने साथ लेकर चला आता है और स्कूल भी पहाड़ की तलहटी में खोला गया है। जहाँ चारो तरफ जंगल ही जंगल है और दिन में भी मलेरिया का मच्छड़ काटता है और दर्जनों स्कूली बच्चा बीमार हो जाता है।
ईटीवी भारत इन समस्यों को सिविल सर्जन के समक्ष रखा और बस्तु स्थिति से अवगत कराया। सीएस ने इसे गंभीरता से लिया और एक बारह सदस्य की टीम गठित कर बोरियो प्रखंड में संचालित आदिम जनजाति स्कूल में भेजा गया और एक शिविर के माध्यम से सभी बच्चों को स्वास्थ्य जांच किया गया और सभी सिरफ, टेबलेट, ओआरएस , फोलिक एसिड दिया गया और मलेरिया का ब्लड सिम्पल लिया गया।
पिटीजी स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि इस स्कूल के बच्चा को सिर्फ मलेरिया और चर्मरोग से पीड़ित रहता है अपने स्तर से साफ सफाई और दवाई किया जाता है अस्पताल भी दूर है बच्चे को लेकर जाने और आने में परेशानी होती है। लेकिन ईटीवी भारत की पहल से ये शिविर लगा है ये सराहनीय कदम है ईटीवी को धन्यवाद दिया।
बाइट- राम बाबू, प्रधानाध्यापक, पिटीजी स्कूल
वही टीचर लोगो का कहना है हमारे स्कूल मद ये सभी बच्चा गरीब परिवार से है इन लोगो का अभिभावक कभी कभार देखने आता है एक देख रेख हमसब मिलकर करते है ईटीवी की पहल सराहनीय है ऐसा हर तीन महीना पर शिविर लगता है तो किसी भी बच्चा को मलेरिया नही होगा और सभी स्वस्थ रहेगा।
बाइट-धुरू, और
बच्चों का कहना है कि हमेशा तबियत खराब रहता था लेकिन शिविर के माध्यम से वो सारा दवा मिला जो हमे चाहिए। अब दवा कहकर ठीक हु और अच्छा लगता है। कहा कि मलेरिया का चेकअप हुआ। खुजली, घाव का दवा मिला। इलेक्ट्रो पावडर भी मिला।
बाइट- पिटीजी बच्चा
सिविल सर्जन ने कहा कि बहुत पहले पहाड़ो पर बसने वाले आदिम जनजाति समाज के लोगो के लिए और स्कूलों में शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच किया जाता था लेकिन झारखण्ड सरकार ने इस दिशा में जिला को फण्ड देना बंद कर दिया है। लेकिन ईटीवी भारत की पहल से शिविर लगाया गया । जो काफी सफल रहा और सभी बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर प्रयाप्त दवा दिया गया।
बाइट- एके सिंह, सीएस,साहिबगंज




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