साहिबगंज: बरहेट प्रखंड के कुसमा की रहने वाली मंजू मुर्मू की 10 वर्षीय बच्ची होपनाबिटी मुर्मू कालाजार बीमारी से पीड़ित है. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की सलाह पर बीमार बच्ची चार जनवरी से एमबीजोम दवा ले रही है. इसी दौरान बच्ची के आंख में दर्द हुआ तो परिजन झोलाछाप डॉक्टर यानी नकली डॉक्टर से सलाह लेने पहुंचे. झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर बच्ची के दोनों आंख में नमक, पेशाब और गर्म पानी का घोल डाला गया. इससे बच्ची के आंखों की रोशनी जाने की आशंका बना गई है.
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बताया जा रहा है कि पिछले 15 दिनों से बच्ची कालाजार की दवा का सेवन कर रही है. अचानक दोनों आंखों में दर्द होने की शिकायत की. इसके बाद परिजन बच्ची का किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाने के बदले झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंच गए. झोलाछाप डॉकटर ने दोनों आंख में नमक, पेशाब और गर्म पानी के घोल डालने की सलाह दी. बच्ची के परिजनों ने एक ही दिन पानी का घोल आंख में डाला तो आंखें लाल हो गईं और रोशनी भी कम होने लगी.
झोलाछाप डॉक्टर की करतूत तब समझ में आया, जब बरहेट सरकारी अस्पताल के डॉक्टर बच्ची को देखने पहुंचे. बच्ची की आंखों की स्थिति देख उनके होश उड़ गये और इसकी जानकारी जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ. मोहन पासवान को दी. डॉ. मोहन ने बीमार बच्ची को साहिबगंज सदर अस्पताल में मलेरिया सलाहकार डॉ. सतीबाबू डाबडा, डॉ. रेखा और डॉ. मनोज कुमार साह की टीम बच्ची की आंखों की जांच की. डॉ. मोहन पासवान ने बताया कि जांच के बाद बच्ची का डॉ. ए एन चक्रवर्ती की देखरेख में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि आंखों की रोशनी लाने का प्रयास किया जा रहा है.