साहिबगंज: कार्तिक महीना में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है (Ganga water level above danger mark in Sahibganj ). ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि जिस महीने में रबी फसल की तैयारी को लेकर किसान खेत में नजर आते थे. आज वह सारा खेत पानी से भर हुआ है. इस साल तीसरी बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है.
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गंगा के जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन और गंगा के किनारे रहने वाले लोगों की नींद उड़ चुकी है. हालांकि आज से गंगा का जलस्तर घटने लगा है. बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा के जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है. साहिबगंज में गंगा खतरे के निशान 27.25 मीटर पर है.
किसानों का कहना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि कार्तिक माह में बाढ़ आ जाए. यह कुदरत का करिश्मा है कि इस बार कार्तिक महीना में भी बाढ़ आया है. खेतों में अगर ऐसे ही पानी रहा तो हम फसल की बुआई शुरू नहीं कर पाएंगे. समय रहते पानी अगर घट गया तो हम किसानों को काफी फायदा होगा. इस रबी फसल में मक्का, जौ, गेहूं और सरसों की बुआई शुरू हो जाती है. लेकिन ठंड गिरने की वजह से फसल खराब हो सकती है.
केंद्रीय जल आयोग के साइट इंचार्ज ने कहा कि हर वर्ष सितंबर के लास्ट वीक और अक्टूबर के फर्स्ट वीक में गंगा का जलस्तर बढ़कर घटना शुरू हो जाता था. ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि अभी तक जलस्तर खतरे के निशान पर बना हुआ है. नेपाल से गंडक का पानी बढ़ने से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभी भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.