साहिबगंजः नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी को प्रदुषण मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. इस क्रम में जिले से उत्तरवाहिनी गंगा 83 किमी छूते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कई योजना चल रही है, लेकिन अब किसानों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है. इनके सहयोग से गंगा को अविरल और निर्मल रखने में मदद मिलेगी.
इसे भी पढ़ें- मंत्री रामेश्वर उरांव ने पेश की मानवता की मिसाल, लोगों ने की तारीफ
तैयारी में जुटा कृषि विभाग
वहीं गंगा किनारे खेती योग्य भूमि पर जैविक तरीके से खेती करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग तैयारी में जुट चुका है. किसानों को प्रशिक्षण देकर जैविक तरीके से खेती पर बल दिया जाएगा. इसके साथ ही टपक बुन सिचाई पर भी किसानों को तैयार किया जाएगा. कृषि पदाधिकारी ने कहा कि गंगा किनारे कृषि योग्य जमीन पर नामामि गंगे योजना के तहत जैविक खेती कराई जाएगी. किसान को जैविक खाद का तरीका बताया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसान जो जैविक खेती करने को तैयार होंगे उन्हें 90 प्रतिशत अनुदान पर सिंचाई शेड दिया जा रहा है.