साहिबगंज: बरहरवा प्रखंड में निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद बुजुर्गों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
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सिविल सर्जन बोले-सभी नर्सिंग होम की होगी जांच
इस मामले में पूर्व में जांच टीम भी सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप चुकी है जिसमें कई खामियां मिली है. शुक्रवार को सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि डॉक्टर सरिता टुडू की तरफ से बरहरवा कांड में अस्पताल प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. जल्द ही उन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई होगी जिनकी लापरवाही से बुजुर्गों के आंखों की रोशनी गायब हो हुई है. सिविल सर्जन ने बताया कि इस तरह दोबारा किसी बुजुर्ग के साथ गलती न हो इसके लिए जिले में चल रहे 7 नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने जा रही है. उन सभी पर जांच के दौरान अगर कोई त्रुटि मिलती है तो उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि महाराजपुर स्थित अपना नर्सिंग होम और सकरीगली स्थित जमुनी फाटक के पास विराट नर्सिंग होम में जांच की गई है. एक सप्ताह के अंदर सभी नर्सिंग होम की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला ?
साहिबगंज में ऑपरेशन के बाद 12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब कई मरीज शिकायत लेकर आंखों का ऑपरेशन करने वाले बरहरवा स्थित झारखंड सेवा सदन नामक नर्सिंग होम पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने हंगामा किया. अस्पताल में ऑपरेशन कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि 5 से 7 अक्टूबर के बीच उनकी आंखों का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के दो दिनों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद उनकी आंखों की रोशनी गायब हो गई, उनको आंखों से दिखना बंद हो गया. अस्पताल में पीड़ितों और उनके परिजनों के हंगामे के बाद ऑपरेशन करने वाले आई स्पेशलिस्ट एचके विश्वास मौके से फरार हो गए.